हाइपरलूप
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हाइपरलूप ट्रेन चुंबकीय शक्ति पर आधारित तकनीक है।जिसके अंतर्गत खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) पारदर्शी ट्यूब बिछाई जाती है। इसके भीतर बुलेट जैसी शक्ल की लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है।[1]
गति[संपादित करें]

हाइपरलूप कैप्सूल का योजनामूलक चित्र। इसके तीन भाग हैं- सामने वायु-कम्प्रेसर है, बीच में यात्री डिब्बा (2 × 14 = 28) है और पीछे बैटरियों के लिये जगह है।
इसमें घर्षण नहीं होता है इसलिए इसकी गति १२०० किलोमीटर/घंटा से भी अधिक हो सकती है।[1]
विशेषताएं[संपादित करें]
- विद्युत् खर्च न्यूनतम
- घर्षण रहित संचालन[1]
- यात्री एवं माल परिवहन में सालाना 15 फीसद बढ़ोतरी
वर्तमान स्वरूप[संपादित करें]
फिलहाल यह योजना अभिकल्पना के स्तर पर है। इसे व्यावहारिक शक्ल दिया जाना बाकी है।
विविध कम्पनियां[संपादित करें]
- हाईपरलूप वन: इस तकनीक में अग्रणी कम्पनी है।[1]
- डिनक्लिक्स ग्राउंडवर्क्स कंपनी
- ऐकॉम
- लक्स हाइपरलूप नेटवर्क
- हाइपरलूप इंडिया
- इंफी-अल्फा[1]