हसरत मोहानी
सय्यद फ़ज़ल-उल-हसन हसरत मोहानी | |
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जन्म | 01 जनवरी 1875 मोहान, उन्नाव जिला, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु | 13 मई 1951 लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत | (उम्र 76)
उपनाम | हसरत मोहानी |
व्यवसाय | उर्दू शायर, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, इस्लामी विद्वान, समाजसेवक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
अवधि/काल | 20th Century |
विधा | ग़ज़ल |
साहित्यिक आन्दोलन | भारत का आज़ादी संग्राम |
मौलाना हसरत मोहानी (1 जनवरी 1875 - 1 मई 1951) साहित्यकार, शायर, पत्रकार, इस्लामी विद्वान, समाजसेवक और स्वतन्त्रता सेनानी थे।[1]
जीवनी[संपादित करें]
हसरत मोहानी का मूल नाम सय्यद फ़ज़ल-उल-हसन तख़ल्लुस हसरत था। वह उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के मोहान कस्बे में 1875 को पैदा हुए। आपके पिता का नाम सय्यद अज़हर हुसैन था। हसरत मोहानी ने आरंभिक शिक्षा घर पर ही प्राप्त की और 1903 में अलीगढ़ से बीए किया। शुरू ही से उन्हें शायरी में रुचि थी और अपना कलाम तसनीम लखनवी को दिखाने लगे।
1903 में अलीगढ़ से एक पत्रिका 'उर्दू-ए-मुअल्ला' निकाला जो अंग्रेजी सरकार की नीतियों के खिलाफ थी। 1904 वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हों गये और राष्ट्रीय आंदोलन में कूद पड़े। 1905 में उन्होंने बाल गंगाधर तिलक द्वारा चलाए गए स्वदेशी तहरीकों में भी हिस्सा लिया। 1907 में उन्होंने अपनी पत्रिका में "मिस्त्र में ब्रितानियों की पालिसी" के नाम से लेख छापी जो ब्रिटिश सरकार को बहुत खली और हसरत मोहानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। ।
1919 के खिलाफत आन्दोलन में उन्होंने चढ़ बढ़ कर हिस्सा लिया। 1921 में उन्होंने सर्वप्रथम "इन्कलाब ज़िंदाबाद" का नारा अपने कलम से लिखा। इस नारे को बाद में भगत सिंह ने मशहूर किया। उन्होंने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन (1921) में हिस्सा लिया।
हसरत मोहानी हिन्दू मुस्लिम एकता के पक्षधर थे। उन्होंने तो श्रीकृष्ण की भक्ति में भी शायरी की है। वह बाल गंगाधर तिलक व भीमराव अम्बेडकर के निकट सहयोगी थे। 1946 में जब भारतीय संविधान सभा का गठन हुआ तो उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य से संविधान सभा का सदस्य चुना गया।
1947 के भारत विभाजन का उन्होंने विरोध किया और हिन्दुस्तान में रहना पसंद किया। 13 मई 1951 को उनका अचानक निधन हो गया।
उन्होंने अपने कलामो में हुब्बे वतनी, मुआशरते इस्लाही, कौमी एकता, मज़हबी और सियासी नजरियात पर प्रकाश डाला है। 2014 में भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Chupke chupke raat din…". अभिगमन तिथि 29 August 2014.