हलचल (1995 फ़िल्म)
हलचल | |
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हलचल का पोस्टर | |
निर्देशक | अनीस बज़मी |
लेखक | अनीस बज़मी |
निर्माता | शबनम कपूर |
अभिनेता |
विनोद खन्ना, अजय देवगन, काजोल देवगन |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
4 अगस्त, 1995 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
हलचल 1995 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फ़िल्म है। यह लेखक रहे अनीस बज़मी की सबसे पहली निर्देशित फ़िल्म है। इसमें विनोद खन्ना, अजय देवगन और काजोल हैं।
संक्षेप
[संपादित करें]देवा (अजय देवगन) को एसीपी सिद्धान्त (विनोद खन्ना) और उसकी पत्नी पुष्पा (नवनी परिहार) ने पाला है। करन (रॉनित रॉय) उनका जैविक पुत्र है जो अक्सर देवा की तरफ अपनी मां के ध्यान से ईर्ष्या महसूस करता है। देवा एक प्रेमपूर्ण और जिम्मेदार बेटा है, जबकि करन अपने माता-पिता के लिए अपनी लापरवाही जीवनशैली के कारण तनाव का निरंतर स्रोत है। शोभराज (अमरीश पुरी) एक समृद्ध और शक्तिशाली व्यापारी है जिसका बेटा एसीपी सिद्धान्त द्वारा बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है। शोभराज सिद्धान्त को अपने बेटे को रिहा करने के लिये रिश्वत देने की कोशिश करता है लेकिन असफल रहता है।
इस बीच, करन को अपनी प्रेमिका की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुष्पा अपने बेटे को खोने के विचार से टूट जाती है। देवा ने अपनी दत्तक मां के लिए करन को निर्दोष साबित करने का वचन लिया। शोभराज फिर से सिद्धान्त से संपर्क करता है और सिद्धान्त अपने बेटे के खिलाफ आरोप छोड़ने पर करन को बचाने का वादा करता है। सिद्धान्त ने इस प्रस्ताव से इंकार कर दिया और शोभराज के बेटे को मौत की सजा सुनाई गई। देवा को अपनी प्रेमिका शर्मिली (काजोल) की मदद से, पता चलता है कि करन की प्रेमिका की वास्तव में रॉकी द्वारा हत्या कर दी गई थी। यह पता चला कि शोभराज ने हत्या के लिए करन को फँसाने के लिए रॉकी को काम पर रखा था। देवा ने रॉकी को पकड़ लिया और उसे पुलिस स्टेशन ले गया। हालांकि इससे पहले वो न्यायाधीश के सामने अपना बयान दे सकता है, शोभराज ने रॉकी की हत्या कर दी। इस बीच, एक उच्च न्यायालय शोभराज के बेटे की अपील को खारिज कर देता है और बाद में उसे सूली चढ़ा दिया जाता है। शोभराज ने सिद्धान्त के पूरे परिवार को अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिये मारने की कसम खाई। वह करन और पुष्पा का अपहरण करता है और सिद्धान्त को आने और उससे मिलने के लिए कहता है। करन पुष्पा को बचाने के लिए जाता है जबकि सिद्धान्त शोभराज से मिलने जाता है। एक लड़ाई होती है जिसमें शोभराज और उसके आदमी मारे जाते हैं और करन, पुष्पा, देवा और सिद्धान्त दोबारा मिलते हैं।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- विनोद खन्ना - ए सी पी सिद्धान्त
- अजय देवगन - देवा
- काजोल देवगन - शर्मीली
- रॉनित रॉय - करन
- नवनी परिहार - पुष्पा
- कादर ख़ान - चाचा जी
- अमरीश पुरी - शोभराज
- रंजीत - शोभराज का दोस्त
- मोहन जोशी - शोभराज का दोस्त
- देवेन वर्मा - विनोद भाई
- सुरेश चटवाल - देवा के पिता
- सुजाता मेहता - देवा की माँ
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "बंदो पे अपने ऐ दाता" | अभिलाष | सोनू निगम, साधना सरगम | 7:56 |
2. | "आई एम सिक्सटीन" | ज़फ़र गोरखपुरी | अलीशा चिनॉय, विनोद राठोड़ | 7:25 |
3. | "मैं लैला की छुट्टी कर दूँ" | इन्दीवर | साधना सरगम, विनोद राठोड़ | 6:32 |
4. | "मैं तेरे मन की मैना" | कुलवंत जानी | अलका याज्ञिक, विनोद राठोड़ | 6:59 |
5. | "पहली दफा इस दिल में" | फैज़ अनवर | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 7:31 |
6. | "सावन का महीना" | एम॰ जी॰ हाशमत | विनोद राठोड़, अलीशा चिनॉय | 7:03 |
कुल अवधि: | 43:26 |