हरात्मक संख्या
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गणित में, nवीं हरात्मक संख्या प्रथम n प्राकृत संख्याओं के व्युत्क्रम का संकलन है। सामान्यतः इसे Hn से प्रदर्शित करते हैं:
यह इन प्राकृत संख्याओं के हरात्मक माध्य के व्युत्क्रम का n गुणा भी होता है।
हरात्मक संख्याओं में अंतर्निहित तत्समक
[संपादित करें]परिभाषानुसार हरात्मक संख्याएं पुनरावृत्ति सम्बंध को सन्तुष्ट करते हैं:
वे निम्न तत्समक को भी सन्तुष्ट करते हैं
गणना
[संपादित करें]ऑयलर द्वारा प्रतिपादित समाकल निरूपण
यह सरल बीजगणितीय तत्समकता का परिणाम है
सरल समाकल सूत्र x = 1−u,Hn के लिए चारु संचयात्मक वाक्यांश निम्न है
रेट्केस तत्समकता में लिखने और का उपयोग करने पर हमें निम्न निरूपण प्राप्त होता है
ये भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ऑर्थर टी॰ बेंजामिन, ग्रेगरी ओ॰ प्रेस्टन, जेनिफर जे॰ क्विन, A Stirling Encounter with Harmonic Numbers, (2002) मैथमेटिक्स पत्रिका, 75 (2) pp 95–103.
- डोनाल्ड नुथ. The Art of Computer Programming, Volume 1: Fundamental Algorithms, Third Edition. Addison-Wesley, 1997. ISBN 0-201-89683-4. Section 1.2.7: Harmonic Numbers, pp. 75–79.
- Ed Sandifer, How Euler Did It -- Estimating the Basel problem (2003)
- एरिक डब्ल्यू वेइसटीन, मैथवर्ल्ड पर हरात्मक संख्या
- Peter Paule and Carsten Schneider, Computer Proofs of a New Family of Harmonic Number Identities, (2003) Adv. in Appl. Math. 31(2), pp. 359–378.
- Wenchang CHU, A Binomial Coefficient Identity Associated with Beukers' Conjecture on Apery Numbers, (2004) The Electronic Journal of Combinatorics, 11, #N15.
- Ayhan Dil and Istvan Mezo, A Symmetric Algorithm for Hyperharmonic and Fibonacci Numbers, (2008) Applied Mathematics and Computation 206, 942—951.
- Zoltán Retkes, "An extension of the Hermite–Hadamard Inequality", Acta Sci. Math. (Szeged), 74 (2008), pages 95–106.