स्वास्थ्य पर्यटन

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जब लोग अपनी चिकित्सा या उपचार के लिये अपने देश से बाहर किसी अन्य देश की यात्रा करते हैं तो यह चिकित्सा पर्यटन (मेडिकल टूरिज्म) कहलाता है। कुछ दशकों पहले प्रायः निम्न विकसित देशों के लोग उच्च विकसित देशों के प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में अपने देश में अनुपलब्ध चिकित्सा उपचारों के लिये 'चिकित्सा पर्यटन' करते थे। परन्तु, हाल ही के वर्षों में तो उच्च विकसित देशों के नागरिक सस्ते लेकिन गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिये तीसरी दुनिया के देशों की यात्रा करने लगे हैं। सस्ता होने के अलावा अपने देश में किसी चिकित्सीय उपचार का उपलब्धत न होना या अवैध होना भी चिकित्सा पर्यटन का कारण होता है। चिकित्सा पर्यटन, पर्यटन की एक नवीन और सबसे अधिक विकसित होती शाखा मानी जाती है।

भारत में चिकित्सा पर्यटन[संपादित करें]

एक भारतीय अस्पताल में चिकित्सक से सलाह करती एक विदेशी 'चिकित्सा पर्यटक'

चिकित्‍सा पर्यटन के लिए भारत बिल्कुल सही जगह है जिसमें स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के अलावा दुनिया की खूबसूरत जगहों का भ्रमण भी किया जा सकता है। अतिविशिष्‍ट चिकित्‍सा देखभाल, उपकरण और सुविधाओं की भारत में उपलब्धता के कारण पर्यटक बड़ी संख्‍या में यहां आ रहे हैं। भारत विदेशी पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल प्रदान करने में दक्ष होता जा रहा है।

निम्‍नलिखित लाभों के कारण भारत 'वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य पर्यटन' का प्रमुख गन्तव्य बनने की प्रक्रिया में है:

  • (१) भारत में चिकित्‍सा सेवा की लागत पश्चिमी देशों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है और दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे सस्‍ता है।
  • (२) भाषा मुख्‍य कारक है जो चिकित्‍सा और स्‍वास्‍थ्‍य पर्यटन के लिए बहुत अधिक संख्‍या में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। भारत में अच्‍छी अंग्रेजी बोलने वाले डाक्‍टरों, मार्गदर्शकों और चिकित्‍सा स्‍टाफ की बड़ी संख्‍या है। यह विदेशियों को भारतीय डाक्‍टरों के साथ सम्बन्ध बनाने में सुविधा प्रदान करता है।
  • (३) भारतीय अस्‍पताल कार्डियोलॉजी और कार्डियोथोरासिस सर्जरी, जोड़ प्रतिस्‍थापन, ट्रांसप्‍लांट, सौंदर्य उपचार, दन्त चिकित्‍सा, हड्डियों की सर्जरी इत्‍यादि में दक्षता प्राप्‍त कर रहे हैं।
  • (४) भारत में चिकित्‍सा सेवाओं में पूर्ण काया रोग विज्ञान, विस्‍तृत शारीरिक और जननविज्ञानी जांच, ऑडियोमेटरी, स्पिरोमेटरी, सीने का एक्‍स रे 12 लीड ईसीजी, 2-डी ईको कलर डोपलर, गोल्‍ड स्‍टेंडर्ड की एक्‍स रे बोन डेंसीटोमेटरी, काया वसा विश्‍लेषण, कोरोनरी रिस्‍क मार्कर्स, उच्‍च क्षमता वाली एमआरआई आदि शामिल हैं।
  • (५) सभी चिकित्‍सीय उपचार और जांच अद्यतन प्रौद्योगिकीय रूप से विकसित नैदानिक (डायग्‍नोस्टिक) उपकरणों का उपयोग करके किए जाते हैं।
  • (६) भारतीय डाक्‍टरों को सफल कार्डियक सर्जरी, अस्थि-मज्जा ट्रांसप्‍लांट, लिवर ट्रांसप्‍लान्‍ट, ऑर्थोपैडिक सर्जरी और अन्‍य चिकित्‍सा उपचार करने में विशेषज्ञता हासिल है।
  • (७) भारत में बांझपन के उपचार की लागत विकसित राष्‍ट्रों की तुलना में लगभग चौथाई है। आधुनिक सहायता प्राप्‍त प्रजनन तकनीकी जैसे कि आईवीएफ और पूर्ण दायरे की सहायताप्राप्‍त प्रौद्योगिकी (एआरटी) सेवाओं ने भारत को बांझपन के उपचार के लिए पहली पसंद बना दिया है।
  • (८) कोई प्रतीक्षा सूची नहीं।


भारत सरकार ने १८ दिसम्बर २०१७ को संसद में कहा था कि भारत में चिकित्सा पर्यटन का मूल्य वर्ष 2020 तक नौ अरब अमेरिकी डालर तक पहुंचने की उम्मीद है जो 2015 में तीन अरब डालर था। पर्यटन राज्य मंत्री के जे अल्फोंस ने लोकसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि भारत पिछले कुछ वर्षों में एक प्रमुख चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि वाणिज्य मंत्रालय की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत शीर्ष छह चिकित्सा-मूल्य-पर्यटन गंतव्य में शामिल है जिसमें थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, ताईवान और मैक्सिको भी शामिल हैं।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "चिकित्सा पर्यटन नौ अरब डालर तक पहुंचेगा". मूल से 3 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 सितंबर 2018.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]