त्रावणकोर के महाराजा श्री स्वाति तिरुनाल बालराम वर्मा
श्री स्वाति तिरुनाल बालराम वर्मा (मलयालम: ശ്രീ സ്വാതി തിരുനാള് രാമ വര്മ)(तमिल:சிறி சுவாதித் திருநாள் இராம வருமா (16 अप्रैल, 1813 – 27 दिसम्बर 1846) त्रावणकोर के महाराजा थे। योग्य शासक होने के साथ-साथ वे संगीतज्ञ भी थे। उन्होने भारत की दोनों शास्त्रीय संगीत शैलियों - हिन्दुस्तानी संगीत और कर्नाटक संगीत को बढ़ावा दिया, यद्यपि वे स्व्यं कर्नातक संगीत के ज्ञाता थे। उन्होने ४०० से अधिक संगीत रचनाएँ की। वे मलयालम, संस्कृत, हिन्दी, मराठी, तेलुगु, कन्नड, बांग्ला, तमिल, ओडिया और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में धाराप्रवाह बोल सकते थे।
श्री स्वाति तिरुनाल बालराम वर्मा ने ही तिरुअनन्तपुरम की खगोलीय वेधशाला, सरकारी प्रेस, त्रिवेन्द्रम जनता पुस्तकालय, पौर्वात्य पाण्डुलिपि संग्रहालय (Oriental Manuscript Library) आदि का आरम्भ किया। महाराजा सन् १८४३ से रॉयल एशियाटिक सोसायटी के सम्मानित सदस्य भी थे।
महाराजा ने दक्षिण भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी में पद्य-रचना की जिनकी गणना आधुनिक हिन्दी की आरम्भिक रचनाओं में है।