स्वर्णकुमारी देवी
पठन सेटिंग्स
स्वर्णकुमारी देवी | |
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स्वर्णकुमारी देवी | |
जन्म |
28 अगस्त 1855 कोलकाता, अविभाजित भारत |
मौत |
3 जुलाई 1932 कोलकाता, | (उम्र 76 वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | कवयित्री, उपन्यासकार, संगीतकार, सामाजिक कार्यकर्ता |
जीवनसाथी | जानकीनाथ घोषाल |
बच्चे | हिरण्यमयी देवी, सरलादेवी चौधुरानी, सर जोसना घोषाल |
स्वर्णकुमारी देवी (बांग्ला: স্বর্ণকুমারী দেবী; 28 अगस्त 1855 – 3 जुलाई 1932) भारत की बांग्ला कवयित्री, उपन्यासकार, और सामाजिक कार्यकर्ता, थीं। [1][2] बंगाल के महिला लेखिकाओं में ख्याति प्राप्त करने वाली वे पहली महिला थीं।[3]
रचनावली
[संपादित करें]उपन्यास
[संपादित करें]- दीपनिर्बाण (१८७६),
- मिबारराज (१८८७),
- छिन्नमुकुल" (१८७९),
- मालती (१८७९),
- हुगलीर इमामबाड़ि (१८८८),
- बिद्रोह (१८९०),
- स्नेहलता बा पालिता (१८९२,१८९३),
- काहाके (१८९८),
- फुलेर माला (१८९५),
- बिचित्रा (१९२०),
- स्बप्नबाणी (१९२१),
- मिलनरात्रि (१९२५)।
- साब्बिरेर दिन रात [१९१२]
नाटक
[संपादित करें]- बिबाह-उत्सब (१८९२),
- बसन्त-उत्सब (१८७९)
- राजकन्या,
- दिब्यकमल
- देबकौतुक,
- कनेबदल,
- युगान्त,
- निबेदिता । सेलिना होसेन और नुरुल इसलाम द्वारा सम्पादित ; बाग्ला अकादमी चरिताभिधान; फरवरी, १९९७; पृष्ठ- ४२७।
काव्यग्रन्थ
[संपादित करें]- गाथा
- गीतिगुच्छ।
गान
[संपादित करें]स्बर्णकुमारी देबी तीन सौ से अधिक गानों की रचयिता हैं। ठाकुरबाड़ी के सदस्यों के बीच गान रचना की संख्या के दृष्टि से रवीन्द्रनाथ ठाकुर के बाद स्बर्णकुमारी का स्थान है। शिल्पकला में ठाकुरबाड़िर गान, २३ नवम्बर २०१६, निजस्ब प्रतिबेदक, प्रथम आया।
विज्ञान-बिषयक प्रबन्ध
[संपादित करें]- पृथिबी।.
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Sengupta, Subodh Chandra and Bose, Anjali (editors), 1976/1998, Sansad Bangali Charitabhidhan (Biographical dictionary) Vol I, साँचा:Bn icon, pp. 609-610, ISBN 81-85626-65-0
- ↑ Devi Choudhurani, Indira, Smritisamput, साँचा:Bn icon, Rabindrabhaban, Viswabharati, pp.16-26.
- ↑ Banerjee, Hiranmay, Thakurbarir Katha, साँचा:Bn icon, p. 119, Sishu Sahitya Sansad.