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स्पेस वेक्टर मॉडुलन

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स्पेस वेक्टर मॉडुलन (Space vector modulation (SVM)), पल्स विद मॉडुलेशन करने का एल्गोरिद्म है।[1] इसका उपयोग प्रत्यावर्ती धारा (AC) बनाने में होता है जो मुख्यतः तीन फेजी मोटरों को परिवर्ती चाल से घुमाने के काम आता है। स्पेस वेक्टर मॉडुलन कई प्रकार से किया जा सकता है और इन विभिन्न प्रकार के स्पेस वेक्टर मॉडुलन के अलग-अलग गुणधर्म हैं (जैसे कितनी गणना करनी पड़ती है, कुल हार्मोनिक डिस्टॉर्शन कितना है, आदि)।

सिद्धान्त

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सरल तीन फेजी इन्वर्टर का परिपथ

पाश्व चित्र में दिखाये गये इन्वर्टर के स्विचों को बन्द-चालू करने के कुछ मूलभूत नियम हैं। उदाहरण के लिये किसी भी समय किसी एक स्तम्भ में स्थित दोनों स्विच चालू नहीं होने चाहिये (नहीं तो लघु-परिपथ की स्थिति पैदा हो जायेगी।) यदि हम यह मानकर चलते हैं कि एक ही स्तम्भ के दोनों स्विच परस्पर पूरक स्थिति में रहेंगे, अर्थात् जब A+ चालू होगा तब A बन्द होगा और जब A- चालू होगा तब A+ बन्द होगा। इस शर्त का पालन करने पर इन्वर्टर के स्विचिंग की कुल ८ स्थितियाँ बनती हैं, जिनका नाम V0 से V7 तक है।

वेक्टर A+ B+ C+ A B C VAB VBC VCA
V0 = {000} OFF OFF OFF ON ON ON 0 0 0 zero vector
V1 = {100} ON OFF OFF OFF ON ON +Vdc 0 −Vdc active vector
V2 = {110} ON ON OFF OFF OFF ON 0 +Vdc −Vdc active vector
V3 = {010} OFF ON OFF ON OFF ON −Vdc +Vdc 0 active vector
V4 = {011} OFF ON ON ON OFF OFF −Vdc 0 +Vdc active vector
V5 = {001} OFF OFF ON ON ON OFF 0 −Vdc +Vdc active vector
V6 = {101} ON OFF ON OFF ON OFF +Vdc −Vdc 0 active vector
V7 = {111} ON ON ON OFF OFF OFF 0 0 0 zero vector

स्पेस वेक्तर मॉडुलन को लागू करने का तरीका यह है- जिस तरह का आउटपुट प्राप्त करना चाहते हैं, उसे सन्दर्भ संकेत Vref कहते हैं। इस संकेत को प्रति सेकेण्ड fs (Ts = 1/fs) बार सैम्पल किया जाता है। सन्दर्भ वेक्टर की आवश्यकता के अनुसार कोई दो समीपवर्ती ऐक्टिव वेक्टर तथा कोई एक या दोनों जीरो वेक्टर को चुना जाता है। वेक्टरों का क्रम चुनने तथा किस शून्य वेक्टर का उपयोग किया जाय, इसकी अनेकों रणनीतियाँ सम्भव हैं, जिनके अलग-अलग लाभ-हानियाँ हैं।

३-स्तम्भी इन्वर्टर सभी ८ स्विचिंग वेक्टर। पहले सेक्टर में एक उदाहरण दिया हुअ है जिसमें Vref प्रथम सेक्टर में दर्शाया गया है।

४-स्तम्भ वाले ३-फेजी इन्वर्टर के असंतुलित आपरेशन के लिये भी SVM नीति सम्भव है।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. M.P. Kazmierkowski; R. Krishnan & F. Blaabjerg (2002). Control in Power Electronics: Selected Problems. San Diego: Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-12-402772-5.

वाह्य कड़ियाँ

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