प्रघाती ऊर्जा अवशोषक

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स्नबर सहित फ्लाईबैक कन्वर्टर; यहाँ Rs, Cs और Ds मिलकर स्नबर का काम कर रहे हैं।
RC स्नबर

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक या स्नबर (snubber) उस युक्ति को कहते हैं जो किसी विद्युत परिपथ में उत्पन्न क्षणिक वोल्टेज को रोकने, अथवा तरल प्रणाली में उत्पन्न अत्यधिक क्षणिक दाब को कम करने, अथवा यांत्रिक प्रणाली में उत्पन्न अत्यधिक क्षणिक बल को रोकने (snub) का कार्य करती है।

वैद्युत प्रघाती ऊर्जा अवशोषक[संपादित करें]

विद्युत इंजीनियरी के कई युक्तियों में स्नबर लगाना जरूरी होता है। विशेषतः शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी के क्षेत्र में स्विच मोड पॉवर सप्लाई में अर्धचालक स्विचों (बीजेटी, मॉसफेट, एससीआर, आईजीबीटी आदि) की सुरक्षा के लिये स्नबर लगाना पड़ता है।

स्नबर के मुख्य काम हैं-

  • ऑफ होते समय स्विच पर उत्पन्न वोल्टता को सीमित रखने हेतु,
  • ऑफ होते समय स्विच पर उत्पन्न वोल्टता के वृद्धि की दर (dV/dt) को सीमित (कम) रखने के लिये,
  • आन होते समय स्विच से जाने वाली विद्युत धारा के वृद्धि की दर (dI/dt) को सीमित करने हेतु
  • लोड-लाइन को इस प्रकार बदल देना कि अर्धचालक युक्ति की वोल्टता और धारा 'सेफ ऑपरेटिंग एरिया' के अन्दर बनी रहे।
  • स्विचिंग के समय उत्पन्न वोल्टता और धारा की 'रिंगिंग' को डैम्प करके EMI को कम करने हेतु,
  • स्विच में आन या ऑफ होते समय होने वाली ऊर्जा ह्रास (losses) को कम करने हेतु
  • स्विच के पॉवर डिसिपेशन को कम करते हुए उसे किसी अन्य प्रतिरोध या किसी उपयोगी लोड पर ट्रांसफर करना।

शक्ति इलेक्ट्रानिकी में अनेकों प्रकार के स्नबर प्रयोग किये जाते हैं किन्तु इसमें दो प्रकार के स्नबर सर्वाधिक प्रयुक्त होते हैं-

  • (१) प्रतिरोध-संधारित्र स्नबर (RC snubbers)
  • (२) प्रतिरोध-संधारित्र-डायोड स्नबर (RCD snubbers)

यांत्रिक प्रघाती ऊर्जा अवशोषक[संपादित करें]

वाहनों में जो 'शॉक ऐबजॉर्बर' लगाए जाते हैं वे यांत्रिक प्रघाती ऊर्जा अवशोषक ही हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]