इस जीवनी लेख में सत्यापन हेतु अतिरिक्त सन्दर्भों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर इस लेख को बेहतर बनाने में मदद करें। जीवित व्यक्तियों के बारे में विवादास्पक सामग्री जो स्रोतहीन है या जिसका स्रोत विवादित है तुरंत हटाई जानी चाहिये, खासकर यदि वह मानहानिकारक अथवा नुकसानदेह हो।(अप्रैल 2020)
यह लेख मुख्य रूप से अथवा पूर्णतया एक ही स्रोत पर निर्भर करता है। कृपया इस लेख में उचित संदर्भ डालकर इसे बेहतर बनाने में मदद करें। (अप्रैल 2020)
इस लेख या इसके भागों में दिए गए सन्दर्भ विकिपीडिया के विश्वसनीय स्रोतों के मापदंडो पर खरे नहीं उतरते। कृपया सन्दर्भ जांच कर सहकार्य करे। अधिक जानकारी या वार्ता संवाद पृष्ठ पर देखे जा सकते है। इस लेख को अप्रैल 2020 से टैग किया गया है।
सौ अजान और एक सुजानबालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित एक कृति है। लेखक इस कृति को एक प्रबंध-कल्पना मानते हैं।यह भारतेंदु युग की एक प्रमुख रचना है।
कृति का परिचय देते हुए दुलारेलाल लिखते हैं कि- "भट्टजी की यह रचना व्यंग्यात्मक है, और इसमें मानव-जीवन की सामाजिक परिस्थितियों का सुंदर चित्रण पाया जाता है।"[1]