सोहगौरा ताम्रलेख
सोहगौरा ताम्रलेख | |
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सामग्री | ताम्र |
लेखन | ब्राह्मी लिपि |
कृति | ईसापूर्व तीसरी शताब्दी |
काल | ईसापूर्व तीसरी शताब्दी |
खोज | 26°34′N 83°29′E / 26.57°N 83.48°Eनिर्देशांक: 26°34′N 83°29′E / 26.57°N 83.48°E |
स्थान | भारत |
अवस्थिति | सोहगौरा (टीकर) |
सोहगौरा ताम्रलेख एक ताम्रपट्ट पर लेखबद्ध प्राचीन लेख है जो उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास सोहगौरा नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। सोहगौरा, गोरखपुर से ३५ किमी दक्षिण-पूर्व में राप्ती नदी के किनारे स्थित है। [1] इस ताम्रलेख की लिपि ब्राह्मी है और भाषा प्राकृत।
सोहगौरा का पुरास्थल भारतीय लेखन कला की प्राचीनता को प्रमाणित करने वाला पहला अभिलेख प्रस्तुत करता है। इसमें अकाल एवं दुर्भिक्ष के समय जनता के उपयोग के लिए अन्न के तीन कोष्ठागारों के बनाने का वर्णन है। इस अभिलेख से अकाल के दौरान चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा किए गए राहत कार्यों की चर्चा है। यह अभिलेख चार पंक्तियों में वर्णित है।