सैयदी फखरुद्दीन

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मजार (समाधि) के Moulai Fakhruddin, Galiyakot, भारत, युग 1050-1100 विज्ञापन

बाजी मौलाई सैयदी फखरुद्दीन शहीद 11 वीं शताब्दी की पवित्र इस्मैली, फातिमीद, मुस्ताली संत, जो पहले इस्मैली शहीद थे, राजस्थान में भीलस स्थानीय जनजातीय के बीच मिशनरी कार्य के दौरान मृत्यु हुई और उनको गालीकोट, भारत में दफन किया है। मकबरे को उनके अनुयायियों में सबसे सम्मानित स्थान है।[1][2]

दाउदी बोहरा दाई उनकी पीढ़ी से हैं, परिवार का चार्ट नीचे दिखाया गया है।

फोटो गैलरी[संपादित करें]

यह भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. [1], [2], 2007 - History; The Isma'ilis: Their History and Doctrines, By Farhad Daftary, p.277 'tomb of fakhr..din first ismaili martyr.. located at ghaliakot.. most venerated bohra shrine.', p.299
  2. Mullahs on the Mainframe: Islam and Modernity Among the Daudi Bohras, by: Jonah Blank – 2001, p.139

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]