सैन्य प्रोद्योगिकी संस्थान
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ध्येय | प्रतिष्ठा की ओर |
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प्रकार | निम्न-स्नातक, अवर |
स्थापित | 1994 |
प्रधानाचार्य | Dr V P Gosavi, M.E, PhD Engineering |
निदेशक | Brig (Retd) S K Lahiri |
स्थान | दिघी, पुणे, महाराष्ट्र, भारत |
Acronym | AITP |
जालस्थल | www.aitpune.com |
सैन्य प्रोद्योगिकी संस्थान (Army Institute of Technology अथवा AIT) भारतीय सेना के अधीन एक अर्ध-निजी प्रोद्योगिकी संस्थान है जो पुणे विश्वविद्यालय से संलग्न चार विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों से अवर (स्नातक से नीचे) की डिग्री प्रदान कराता है। इस महाविद्यालय में केवल भारतीय सेना में कार्यरत, या भारतीय सेना से सेवानिवृत्त पुरुषों/महिलाओं पर आश्रितों के प्रवेश को अनुमति दी जाती है। ये आश्रित, उपयुक्त सैनिक के पुत्र, पुत्री अथवा पत्नी हो सकती है। यहाँ प्रवेश पाने के लिए अखिल भारतीय प्रोद्योगिकी प्रवेश परीक्षा (AIEEE) के अंकों का मूल्यांकन करने के पश्चात 'पहले आओ, पहले पाओ' की नीति के अनुसार उपलब्ध सीटों को आवंटित किया जाता है। इस संस्थान की सर्वोच्च अध्यक्षता, भारतीय सेना के प्रमुख, स्वयं जेनेरल के हाथों में होती है। तत्पश्चात, इसकी कमान AWES (Army Welfare Education Society) के हाथों रहती है।
इतिहास
[संपादित करें]इस महाविद्यालय की नीव भारतीय सैन्य प्रमुख, जेनेरल बिपिन चंद्र जोशी, (परम विशिष्ट सेना मेडल, अति विशिष्ट सेना मेडल, ए.डी.सी.) द्वारा रखी गयी थी। उनका मानना था की कठिन परिस्थितियों में जीवन बिता रहे सेना के हर एक जवान की जीवन शैली का सीधा एवं नकारात्मक असर उनके बच्चों की पढाई पर पड़ता है। अतः, ये आवश्यक है कि जल्द ही इस समस्या का निवारण किया जाए।
AIT की औपचारिक स्थापना 24 फ़रवरी 1995 को जेनेरल एस. रॉय चौधरी द्वारा की गयी थी। सन 1998 में यहाँ से पहले बैच ने डिग्री धारण की थी।
शिक्षा
[संपादित करें]AIT से चार अलग अलग क्षेत्रो की डिग्री पायी जा सकती है। ये हैं:
- कंप्यूटर प्रौद्योगिकी (Computer Engineering),
- यांत्रिकी (Mechanical Engineering),
- विद्युत एवं दूरसंचार प्रौद्योगिकी (Electronics and Telecommunications Engineering) और
- सूचना तकनीकी (Information Technology)।
ये सभी चार-चार वर्षों के कोर्स हैं जो क्रमशः FE (प्रथम वर्ष), SE (द्वितीय वर्ष), TE (तृतीय वर्ष) और BE (चतुर्थ वर्ष) के नाम से जाने जाते हैं। इन सभी में हर वर्ष 60 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है परन्तु 2010-2011 के सत्र से विद्युत एवं दूरसंचार प्रौद्योगिकी (Electronics and Telecommunications Engineering) में 120 छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिया जाने लगा। यहाँ से पास होने वाले छात्र/छात्राओं को BE (Bachelor of Engineering) की डिग्री प्रदान की जाती है।
भूतपूर्व छात्र
[संपादित करें]AIT के सभी छात्र आज देश और विदेश में अनेकों स्थानों पर इस संस्थान का नाम रौशन कर रहे हैं। यहाँ की गुणवत्ता-पूर्ण शिक्षा के सहारे वे न सिर्फ स्वयं को बल्कि इस देश को भी नयी ऊंचाइयों कू छोने में मदद कर रहे हैं। यहाँ के सभी वर्तमान छात्र इस संस्थान के भूतपूर्व छात्रों के साथ AIT Alumni Association के ज़रिये संपर्क बनाए रखते हैं।