सेकसरिया पारितोषिक

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सेकसरिया पारितोषिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा दिया जाने वाला एक साहित्यिक पुरस्कार है। इसे हिन्दी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए महिला साहित्यकारों को प्रदान किया जाता है। इसका आरम्भ सन् १९३१ ई॰ में हुआ था।

परिचय[संपादित करें]

हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा महिला साहित्यकारों को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सन् १९३१ ई॰ में 'सेकसरिया पारितोषिक' प्रदान करने का कार्य आरम्भ किया गया। पाँच सौ रुपये का यह प्रथम पारितोषिक सुभद्राकुमारी चौहान को उनके कविता-संग्रह 'मुकुल' के लिए प्रदान किया गया।[1]

पुरस्कृत साहित्यकार[संपादित करें]

वर्ष साहित्यकार कृति
१९३१ ई॰ सुभद्राकुमारी चौहान 'मुकुल' (कविता-संग्रह) के लिए[1]
१९३२ सुभद्राकुमारी चौहान 'बिखरे मोती' (कहानी-संग्रह) के लिए[2]
१९३३ ? ?
१९३४ चन्द्रावती लखनपाल 'स्त्रियों की स्थिति'[3]
१९३५ महादेवी वर्मा 'नीरजा' (कविता-संग्रह) के लिए; इन्दौर में महात्मा गाँधी के हाथ से[4]
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इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. सुधा चौहान, मिला तेज से तेज, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण-२००४, पृष्ठ-११४.
  2. सुधा चौहान, मिला तेज से तेज, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण-२००४, पृष्ठ-१२५.
  3. उपनिषद् प्रकाश, सत्यव्रत सिद्धान्तालंकार, विजयकृष्ण लखनपाल, नयी दिल्ली, अंतिम आवरण पृष्ठ पर लेखक-परिचय में उल्लिखित।
  4. महादेवी, दूधनाथ सिंह, राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली, संस्करण-2011, पृष्ठ-315.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]