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सेंट जॉन्स चर्च, कोलकाता

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सेंट जॉन्स चर्च, कोलकाता

सेंट जॉन्स चर्च, कोलकाता

इतिहास
पूर्व नामसेंट जॉन्स कैथेड्रल, कलकत्ता
वास्तुकला
धरोहर उपाधिसंरक्षित स्मारक (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण)
वास्तुकारजेम्स आग
निर्माण वर्ष1787
विशिष्टताएं
लंबाई180 मी
चौड़ाई120 मी

सेंट जॉन्स चर्च (अंग्रेजी:St. John’s Church), जो मूल रूप से एक गिरजाघर था, ब्रिटिश भारत में कोलकाता के प्रभावी रूप से राजधानी बनने के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनवाई गयी कुछ पहली सार्वजनिक इमारतों में से एक था।[1] राजभवन के उत्तर-पश्चिमी कोने में स्थित इस चर्च, का निर्माण 1784 में एक सार्वजनिक लॉटरी के माध्यम से जुटाये गये 30,000 रुपयों से शुरू किया था[2]और यह निर्माण कार्य 1787 में पूरा हो गया। अर्मेनियाई और पुराने मिशन चर्च के बाद निर्मित यह गिरजा कलकत्ता (कोलकाता) का तीसरा सबसे पुराना चर्च है।[3] सेंट जॉन चर्च का उपयोग 1847 तक कलकत्ता (कोलकाता) के अंग्रेज़ी कैथेड्रल के रूप में किया गया और इसके बाद सेंट पॉल कैथेड्रल को अंगरेज़ी कैथेड्रल के रूप में स्थापित किया गया। सेंट जॉन्स चर्च को सेंट मार्टिन-इन-द-फील्ड्स ऑफ लंदन के अनुसार मॉडल किया गया था।[4]

सन्दर्भ

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  1. "Kolkata: Heritage Tour: Religious Buildings: St. John's Church". kolkatainformation.com. 2003. Archived from the original on 8 फ़रवरी 2012. Retrieved 24 January 2012.
  2. Chakraborty, Lahiri,, Samhita (January 3, 2010). "Wicked man on the wall". The Telegraph. Archived from the original on 3 मार्च 2016. Retrieved January 25, 2012.{{cite news}}: CS1 maint: extra punctuation (link) CS1 maint: multiple names: authors list (link)
  3. Roy, Nishitranjan,Swasato Kolkata Ingrej Amaler Sthapathya, साँचा:Bn icon, pp. 24, 1st edition, 1988, Prtikhan Press Pvt. Ltd.
  4. Das, Soumitra (June 22, 2008). "Gour to St. John's". The Telegraph. Archived from the original on 4 मार्च 2016. Retrieved January 24, 2012.

बाहरी कड़ियाँ

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