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सूर्य केंद्रीय सिद्धांत

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हार्मोनिया मेक्रेकोस्मिका (1660) से कोपर्निकस प्रणाली के एंड्रियास सेल्लारियस का चित्रण।

सूर्य केंद्रीय सिद्धांत अथवा सूर्य केन्द्रीयता (heliocentricism),[1] एक खगोलीय मॉडल है जिसमें पृथ्वी और ग्रह सौरमंडल के केंद्र में एक अपेक्षाकृत स्थिर सूर्य के चारों ओर घूमते है। यह शब्द प्राचीन यूनानी भाषा से आया है (ἥλιος हिलीयस "सूर्य" और κέντρον केंट्रोन "केंद्र")। ऐतिहासिक रूप से, सूर्य केन्द्रीयता ने भूकेंद्रीयता का विरोध किया था जिसने पृथ्वी को केंद्र पर रखा था। यह धारणा कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, सैमोस के एरिसटेरकस द्वारा तीसरी शताब्दी ईपू के उत्तरार्ध में प्रस्तावित किया गया था।[2] किंतु एरिसटेरकस के सूर्य केन्द्रीयता ने थोड़े समय के लिए ध्यान आकर्षित किया जब तक कोपरनिकस पुनर्जीवित हुआ और इसका सविस्तार हुआ।[3] तथापि, लुसियो रुसो का तर्क है कि यह हेलेनिस्टिक युग के वैज्ञानिक कार्यों के नुकसान से उत्पन्न एक भ्रामक धारणा है। अप्रत्यक्ष प्रमाण का प्रयोग कर वे तर्क देते हैं कि एक सूर्य केंद्रीय विचार को हिप्पारकस के गुरुत्वाकर्षण पर कार्य में समझाया गया था।[4]

सन्दर्भ

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  1. The Shorter Oxford English Dictionary (6th ed., 2007)
  2. Dreyer (1953), pp.135–48) Archived 2013-06-06 at the वेबैक मशीन; Linton (2004), pp.38–9)[मृत कड़ियाँ]. The work of Aristarchus's in which he proposed his heliocentric system has not survived. We only know of it now from a brief passage in Archimedes's The Sand Reckoner.
  3. Dreyer (1953, pp.139ff) Archived 2013-09-27 at the वेबैक मशीन.
  4. Lucio Rosso, The Forgotten Revolution, How Science was Born in 300BC and Why it had to be Reborn, pp293-296