सुशील कुमार (पहलवान)

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सुशील कुमार

सुशील कुमार
व्यक्तिगत जानकारी
राष्ट्रीयता भारतीय
जन्म 26 मई 1983 (1983-05-26) (आयु 40)
Baprola Village, नजफगढ़, दिल्ली-110043
निवास दिल्ली
खेल
देश भारत
खेल कुश्ती
कोच श्री सतपाल

सुशील कुमार (जन्म: २६ मई १९८३) भारत के एक कुश्ती पहलवान हैं जो 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक, 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर लगातार दो ओलम्पिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बना। २००८ ओलम्पिक में 66 किग्रा फ्रीस्टाइल में कजा‍खिस्तान के लियोनिड स्प्रिडोनोव को हरा कांस्य पदक जीत कर उन्होंने ५६ साल बाद १९५२ के इतिहास को एक बार फिर से दोहराया जब यह पदक महाराष्ट्र के खशाबा जाधव ने जीता था। सुशील, सतपाल पहलवान का चेला है।[1] 2010 तथा 2014 राष्ट्रमण्डल खेलों में उसने स्वर्ण पदक प्राप्त किया।[2][3]

व्यक्तिगत जीवन[संपादित करें]

दिल्ली के नजफगढ़ इलाके एक गाँव बापरोला में १९८२ में जन्मे सुशील के पिता का नाम दीवानसिंह और माता का कमला है। सुशील तीन भाईयों के परिवार में सबसे बड़ा है। उसने बपरोला स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा की फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि हासिल की लेकिन वह बहुत पहले से ही सतपाल (पहलवान) से जुड़ गया था, जिन्होंने उसके कौशल को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आपराधिक मामला[संपादित करें]

सुशील कुमार पहलवान होने के साथ एक अपराधी भी रहा है। अपने ही स्टेडियम के एक पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का आरोपी है। पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया तो जांच में सहयोग नहीं दे रहा था। उसके बाद इस पर पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया।[4]

कुश्ती के क्षेत्र में[संपादित करें]

सुशील कुमार

सुशील ने २००६ में दोहा एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रतिदिन सुबह पाँच बजे से कुश्ती के दाँवपेच सीखने वाले अर्जुन पुरस्कार विजेता सुशील ने अगले ही साल मई २००७ में सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता और फिर कनाडा में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। अज़रबैजान में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में वे हालाँकि आठवें स्थान पर पिछड़ गए थे लेकिन उसने यहीं से बीजिंग ओलिम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया था। ओलिम्पिक खेलों के लिए पटियाला के राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान में विदेशी कोच से ट्रेनिंग लेने वाले सुशील ने इस साल कोरिया में आयोजित सीनियर एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में काँस्य पदक जीता था।[5] ओलम्पिक में भाग लेने के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ ने सुशील कुमार की बेलारूस के प्रशिक्षक हाल्देमीर की देखरेख में बेलारूस में तीन हफ्तों तक कड़ी मेहनत करवाई है। गत ओलिम्पिक में उन्होंने ६० किग्रा वर्ग में भाग लिया था लेकिन वे कोई भी पदक प्राप्त करने में असफल रहे थे। [6] स्काटलैंड के ग्लास्गो में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स २०१४ में सुशील कुमार ने पाकिस्तान के पहलवान कमर अब्बास को हरा कर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।

बीजिंग ओलंपिक में[संपादित करें]

२० अगस्त को बीजिंग में हुए मुकाबले में सुशील ने मुकाबले में अच्छी शुरूआत करते हुए कजाखस्तानी पहलवान को ज्यादा मौका नहीं दिया। पहले राउंड में सुशील २-१ से आगे रहे। दूसरे राउंड में स्पिरिदोनोव ने वापसी की और इस दौर को १-० से जीत लिया। तीसरे राउंड में कोई भी पहलवान स्कोर नहीं कर सका और इस दौर के बाद मुकाबला २-२ से बराबरी पर था। नतीजा निकालने के लिये टॉस किया गया जिसके आधार पर लियोनिद को पहला दांव खेलने का मौका दिया गया मगर सुशील ने उन्हें अपने दांव में उलझाकर बाजी मार ली। अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी भारतीय पहलवान ने टाईब्रेक में टॉस हारने के बावजूद जीत हासिल की। बुधवार की सुबह यूक्रेन के आंद्री स्तादनिक के हाथों प्री-र्क्वाटरफाइनल मुकाबले में हार के साथ ही सुशील का सफर खत्म लग रहा था मगर पहले राउंड में बाई मिलने के कारण रेपचेज पाने की वजह से भारत के लिये उम्मीद की किरण बरकरार थी। सुशील ने कांस्य पदक जीतकर इस मद्धिम किरण को रोशनी बिखेरती लौ में तब्दील कर दिया। स्पर्द्धा के पहले दौर में हार के बाद सुशील ने जोरदार वापसी करते हुए अमरीका के डॉफ श्वाब, बेलारूसके अलबर्ट बतीरोव और अंतत: कजाकिस्तान के लियोनिद को हराया था।[7]

लंदन ओलिंपिक में[संपादित करें]

फाइनल मुकाबले में रजत पदक जीतकर लगातार दो ओलम्पिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।[8][9] सुशील कुमार द्वारा खेले गये मुकाबलों के परिणाम[10] इस प्रकार रहे-

  • क्वालीफाइंग राउंड : बाई
  • प्री क्वार्टर फाइनल बाउट- सुशील : 0-1-1=2 ; शाहीन : 2-0-0=2
  • क्वार्टर फाइनल बाउट- सुशील : 3-1-2=6 ; नावरुजोव : 1-2-0=3
  • सेमी फाइनल बाउट- सुशील : 3-0-6=9 ; तांतारोव : 0-3-3=6
  • फाइनल बाउट- सुशील : 0-1=1 ; तासुहीरो : 1-3=4

उपलब्धियां[संपादित करें]

  • 2014 स्वर्ण, कॉमनवेल्थ गेम्स
  • 2012 रजत, लंदन ओलिंपिक
  • 2010 स्वर्ण, कॉमनवेल्थ गेम्स
  • 2010 स्वर्ण, विश्व कुश्ती चैंपियनशिप
  • 2009 स्वर्ण, जर्मन ग्रां प्री
  • 2008 कांस्य, बीजिंग ओलम्पिक्स
  • 2008 कांस्य, एशियन कुश्ती चैंपियनशिप
  • 2007 स्वर्ण, राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप
  • 2005 स्वर्ण, राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप
  • 2003 स्वर्ण, राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप
  • 2003 रजत, एशियन कुश्ती चैंपियनशिप

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "ओलंपिक में भारत का ऐतिहासिक दिन" (एसएचटीएमएल). बीबीसी. अभिगमन तिथि २१ अगस्त 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "राष्‍ट्रमंडल खेल 2014 में भारत ने छठें दिन 10 पदक जीते". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 30 जुलाई 2014. अभिगमन तिथि 30 जुलाई 2014.
  3. "कुश्ती में भारत बनाएगा दबदबा : सुशील". नवभारत टाईम्स. 31जुलाई 2014. मूल से 12 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 जुलाई 2014. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. . इंडिया टीवी https://www.indiatv.in/delhi/delhi-police-may-impose-mcoca-on-wrestler-sushil-kumar-in-sagar-dhankar-murder-case-793321. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  5. "सुशील 'नजफगढ़ के नए सुल्तान' बने" (एचटीएम). वेबदुनिया. अभिगमन तिथि २१ अगस्त 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  6. "बीजिंग में ताल ठोंकने को तैयार भारतीय पहलवान" (एचटीएमएल). याहू जागरण. अभिगमन तिथि २१ अगस्त 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  7. "खेल इतिहास का स्वर्णिम दिन". प्रातःकाल. मूल (पीएचपी) से 7 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ अगस्त 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  8. रजत जीतकर भी इतिहास रचा सुशील ने
  9. "Sushil Kumar: Olympic Silver for the Indian wrestler". मूल से 14 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2012.
  10. London Olympics 2012 wrestling 66kg Final: Sushil Kumar loses final bout, secures silver