सिख धर्म में राम

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श्री
ਰਾਮਾ ਅਵਤਾਰ
राम
धर्म सनातन धर्म
जीवनसाथी सीता
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

राम का सिख धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है, जिन्हें राम अवतार या राजा राम कहा जाता है।[1] गुरु गोविंद सिंह द्वारा रचित दशम ग्रंथ के अन्तर्गत 'चौबीस अवतार' में राम का उल्लेख भगवान विष्णु के २४ दिव्य अवतारों में से एक के रूप में किया गया है।[2] इसमें राम और कृष्ण की चर्चा बहुत व्यापक रूप से हुई है।[3] 'चौबीस अवतार' में अवतार का हेतु यह बताया गया है कि विष्णु के अवतार अधर्म पर धर्म की विजय के लिये होते हैं। यह भी कहा गया है कि अवतार स्वयं भगवान नहीं हैं बल्कि ईश्वर के दूत हैं।[4]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Japji: Meditation in Sikhism (अंग्रेज़ी में). Himalayan International Institute of Yoga Science and Philosophy of the U.S.A. 1987. पपृ॰ ९. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-89389-107-7.
  2. Rinehart, Robin (2011-02-02). Debating the Dasam Granth (अंग्रेज़ी में). Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-984247-6.
  3. Jakobsh, Doris R. (2010). Sikhism and Women: History, Texts, and Experience (अंग्रेज़ी में). Oxford University Press. पपृ॰ ४७-४८. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-806002-4.
  4. Singh (Guru), Gobind (2005). The Dasam Granth (अंग्रेज़ी में). Munshiram Manoharlal Publishers. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-215-1044-8.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]