सार्वजनीन अभिकल्पन
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भवनों, उत्पादों या वातावरण की उस डिज़ाइन को सार्वजनीन अभिकल्पन (यूनिवर्सल डिज़ाइन) कहते हैं जो सभी लोगों के लिये सुलभ और उपयोगी हो, चाहे उनकी आयु कुछ भी है, चाहे वे विकलांग हों या न हों।
सार्वभौमिक डिजाइन के उदाहरण
[संपादित करें]- भवनों के अन्दर तक बिना सीढ़ी के पहुंचने के लिये सुविधा।
- विशाल आंतरिक दरवाजे, जिनसे होकर व्हीलचेयर निकल सके।
- अनुकूलित स्नानागार (बाथरूम)
- नियंत्रण पैनल पर लगे ऐसे बटन जिन्हें स्पर्श द्वारा पहचाना जा सकता है।
- उज्ज्वल और उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था, विशेष रूप से कार्यस्थलों में।
- दृश्य जानकारी के साथ ध्वनि द्वारा भी जानकारी देना।
- श्रव्य सूचना के साथ आवश्यक दृश्य सूचना भी देना।
- दृश्य आउटपुट में कंट्रास्ट का नियंत्रण।
- पाठ (टेक्स्ट) के साथ-साथ उपयुक्त चिह्नों का उपयोग (जैसे, शौचलयों के बाहर)
- स्पष्ट दृष्टि रेखा (ध्वनि पर निर्भरता कम करने के लिए)।
- श्रव्य आउटपुट की तीव्रता का नियंत्रण।
- श्रव्य आउटपुट पर गति नियंत्रण।
- लिखित या बोली जाने वाली सूचना में भाषा के चुनाव का विकल्प देना।
- तरण ताल (स्विमिंग पूल) और सभी इमारतों में 'रैम्प' द्वारा पहुंचने की सुविधा।
- टेलीफोन पर बड़ी कुंजी वाले बटन और संख्याएँ।
- दरवाजों को खोलने के लिये घुमावदार नॉब के बजाय लीवर वाले हैडल
- गहरे रंग वाली पृष्टभूमि पर हल्के रंगों में बने चिह्न
- उपकरणों के नियंत्रण बटनों पर बड़े आकार में बटन का नाम या उसके द्वारा किये जाने वाले कार्य का नाम
- संग्रहालयों में लिखी हुई सूचना के साथ सुनने की भी व्यवस्था