साओ फ़्रांसिस्को नदी
साओ फ़्रासिस्को नदी वेल्हो चिको | |
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![]() साओ फ्रांसिस्को नदी बेसिन | |
स्थानीय नाम | रियो साओ फ़्रासिस्को |
स्थान | |
देश | ब्राज़ील |
राज्य | मिनस गेरैस, बाहिया, पेरनम्बुको, अलागोस, सर्जिप |
क्षेत्र | दक्षिण अमेरिका |
भौतिक लक्षण | |
नदीशीर्ष | कैनास्ट्रा पर्वत |
• स्थान | साओ रोके डी मिनस, मिनस गेरैस |
• निर्देशांक | 20°13′49″S 46°26′35″W / 20.2302°S 46.443°W |
• ऊँचाई | 1,450 मी॰ (4,760 फीट) |
नदीमुख | अटलांटिक महासागर |
• स्थान |
पियाकाबुकु, अलागोआस / सर्जिप सीमा के पास |
• निर्देशांक |
10°29′59″S 36°23′44″W / 10.49960341381051°S 36.39546430246904°Wनिर्देशांक: 10°29′59″S 36°23′44″W / 10.49960341381051°S 36.39546430246904°W |
• ऊँचाई |
0 मी॰ (0 फीट) |
लम्बाई | 2,830 कि॰मी॰ (1,760 मील) |
जलसम्भर आकार | 641,000 कि॰मी2 (6.90×1012 वर्ग फुट) |
प्रवाह | |
• औसत | 2,943 m3/s (103,900 घन फुट/सेकंड) |
• न्यूनतम | 1,480 m3/s (52,000 घन फुट/सेकंड) |
• अधिकतम | 11,718 m3/s (413,800 घन फुट/सेकंड) |
जलसम्भर लक्षण |
साओ फ़्रांसिस्को नदी (पुर्तगाली: रियो साओ फ़्रांसिस्को, पुर्तगाली उच्चारण: [sɐ̃w fɾɐ̃ˈsisku]) ब्राज़ील की एक बड़ी नदी है। इसकी लंबाई 2,914 किलोमीटर (1,811 मील) है। यह पूरी तरह से ब्राज़ील के भूभाग में बहने वाली सबसे लंबी नदी है। इसके अलावा दक्षिण अमेरिका और समग्र रूप से ब्राजील में अमेज़ॅन, पराना और मैदेयरा के बाद बहने वाली चौथी सबसे लंबी नदी है। उपनिवेशीकरण से पहले स्थानीय लोग इसे ओपरा के नाम से जानते थे। वर्तमान में इसे "वेल्हो चिको" के नाम से भी जाना जाता है।[1]
नामकरण
[संपादित करें]नदी का नाम असीसी के संत फ्रांसिस के नाम पर रखा गया है। इसकी खोज सबसे पहले यूरोपीय लोगों ने 4 अक्टूबर 1501 में की थी। उपनाम "वेल्हो चिको" का अनुवाद "प्राचीन फ्रैंक" किया जाता है। इसमें वेल्हो का अर्थ है - प्राचीन और चिको फ्रांसिस्को का संक्षिप्त रूप है, जो फ्रांसिस नाम का पुर्तगाली रूप है।[2]
स्वदेशी लोग इसे अब विलुप्त हो चुकी तुक्सा भाषा में कालेशी और विलुप्त हो चुकी नाटू भाषा में ओपरा कहते थे।
इतिहास
[संपादित करें]साओ फ्रांसिस्को नदी बेसिन में तुक्सा, ट्रुका, नाटू, करिरी, पूर्वी मैक्साकलियन, जे भाषाएं और विभिन्न अवर्गीकृत विलुप्त भाषाएँ बोली जाती थीं।[3]
इतालवी खोजकर्ता अमेरिगो वेस्पुची ने पहली बार 4 अक्टूबर 1501 को नदी देखी थी। 1865 में ब्रिटिश खोजकर्ता और राजनयिक रिचर्ड फ्रांसिस बर्टन को ब्राज़ील के सैंटोस में स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने सेंट्रल हाइलैंड्स का पता लगाया तथा साओ फ्रांसिस्को नदी के उद्गम से लेकर पाउलो अफोंसो के झरने तक डोंगी से यात्रा की।[4]
अनुभाग
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पाँच राज्यों से होकर बहने वाली नदी के मार्ग को चार भागों में विभाजित किया गया है :
- उच्च भाग : इसके उद्गम से लेकर मिनस गेरैस में पिरापोरा तक
- ऊपरी मध्य भाग : पिरापोरा से, जहाँ नौगम्य भाग शुरू होता है, रेमानसो (बाहिया) और सोब्रादिन्हो बाँध तक
- निचला मध्य भाग : सोब्रादिन्हो बाँध से पाउलो अफोंसो तक, जो बाहिया में भी है (अलागोस की सीमा पर) और इटापारिका बाँध पर समाप्त होता है
- निचला भाग : पाउलो अफोंसो से लेकर अटलांटिक महासागर पर नदी के मुहाने तक
सहायक नदियाँ
[संपादित करें]साओ फ्रांसिस्को नदी को 168 नदियों और नालों से जल मिलता है। इनमें से 90 नदियाँ दाहिने किनारे पर और 78 नदियाँ बाएँ किनारे पर शामिल हैं। इसकी मुख्य सहायक नदियाँ हैं:
- पैराओपेबा नदी
- अबाटे नदी
- दास वेलहास नदी
- जेक्विताई नदी
- पराकातु नदी
- उरुकुइया नदी
- वर्डे ग्रांडे नदी
- कारिन्हान्हा नदी
- कोरेंटे नदी (बाहिया)
- ग्रांडे नदी (बाहिया)
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ "ब्राज़ील ट्रैवल". लोनली प्लैनेट. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2025.
- ↑ "ब्राज़ील ट्रैवल". लोनली प्लैनेट. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2025.
- ↑ लोउकोत्का, कैस्तमीर (1968). "क्लासिफ़िकेशन ऑफ़ साउथ अमेरिकन इंडियन लैंग्वेजेस". लोस एंजेल्स : यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, लातिन अमेरिकन सैंटर. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2025.
- ↑ "द लाइफ़ ऑफ़ सर रिचर्ड बर्टन, वाय थॉमस राइट (चैप्टर13)". web.archive.org. 24 अगस्त 2008. मूल से पुरालेखित 24 अगस्त 2008. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2025.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
बाहरी कड़ियाँ
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