साँचा:आज का आलेख ३० मार्च २०१०

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फोर स्ट्रोक इंजन प्रणाली
फोर स्ट्रोक इंजन प्रणाली
वर्तमान युग में कारों, ट्रकों, मोटरसाइकिलोंवायुयानों आदि में प्रयोग होने वाले अन्तर्दहन इंजन प्रायः फोर स्ट्रोक इंजन होते हैं। इनमें ईंधन से यांत्रिक उर्जा में परिवर्तन का चक्र कुल चार चरणों में पूरा होता है। इन चरणों या स्ट्रोकों को क्रमश: इनटेक, संपीडन, ज्वलन, एवं उत्सर्जन कहते हैं। इन चार चरणों (स्ट्रोकों) को पूरा करने में क्रैंकसाशाफ्ट को दो चक्कर लगाने पड़ते हैं। वर्तमान में गाड़ियों में सामान्यत: फोर स्ट्रोक इंजन का प्रयोग ज्यादा होता है। इससे पहले गाड़ियों में टू स्ट्रोक इंजन का प्रयोग हुआ करता था, लेकिन कम माइलेज और जीवन अवधि कम होने के कारण इसका स्थान फोर स्ट्रोक इंजन ने ले लिया। फोर-स्ट्रोक इंजन को सर्वप्रथम यूजेनियो बार्सांटी एवं फेलिस माटुएसी ने १८५४ में पेटेंट कराया था। इसके बाद १८६० में इसका प्रथम प्रोटोटाइप निकाला। विस्तार में...