साँचा:आज का आलेख दिसम्बर २०१८

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30 दिसम्बर सन 2006 ईस्वी को इराक के राष्ट्रपति तथा तानाशाह सद्दाम हुसैन को अदालत के फ़ैसले के अनुसार राजधानी बगदाद में फांसी दी गई थी।

वर्ष 1937 में बग़दाद के 140 किलोमीटर उत्तर में स्थित तिकरीत नगर के निकट सद्दाम का जन्म हुआ। सद्दाम 20 वर्ष की आयु में अरब बाथ पार्टी में शामिल हो गये वर्ष 1968 में अहमद हसन अलबक्र के नेतृत्व में जब बाथ पार्टी ने इराक़ में विद्रोह करके अपनी सरकार बनाई तो सद्दाम ने उप राष्ट्रपति का पद हथिया लिया। वर्ष 1979 में सद्दाम स्वयं को इराक़ का राष्ट्रपति घोषित कर दिया। लेकिन सद्दाम ने राष्ट्रपति पद के साथ ही बाथ पार्टी की अध्यक्षता, सेना की कमान तथा अन्य बहुत से महत्वपूर्ण पद अपने ही पास रखे। सद्दाम ने अपने शासन के आरंभ में ही पश्चिमी देशों के उकसावे में आकर पड़ोसी देश इस्लामी गणतंत्र ईरान पर आक्रमण कर दिया जिसके दौरान बहुत सी आपराधिक कार्यवाहिंया सद्दाम ने कीं और रासायनिक हथियारों का भी प्रयोग किया। पश्चिमी देशों से मिलने वाले रासायनिक हथियारों को सद्दाम ने ईरान के साथ ही अपने देश की जनता पर भी प्रयोग किया। ईरान के साथ आठ वर्षीय युद्ध समाप्त होने के दो वर्ष बाद सद्दाम ने कुवैत पर हमला कर दिया जिस पर पूरे विश्व ने प्रतिक्रिया दिखाई। सुरक्षा परिषद ने कुवैत से इराक़ी सेनाओं को बाहर निकाला और इराक़ पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए जिनका सबसे अधिक विनाशकारी प्रभाव जनता पर पड़ा। सद्दाम ने वर्ष 2003 में इराक़ पर अमरीका और ब्रिटेन के आक्रमण में शासन का अन्त हुआ जिसके बाद सद्दाम हुसैन को मौत की सज़ा वर्ष 1982 में अद्दुजैल गांव के लोगों के जनसंहार के मामले में ही दी गई थी।

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