सहकार भारती झारखण्ड

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सहकारी क्षेत्रों में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने एवं इस क्षेत्र में शुद्धि वृद्धि की स्थापना करने के उद्देश्य से सहकार भारती झारखण्ड की स्थापना २००९ में हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य झारखण्ड के सभी जिलो में सहकारिता सम्बन्धी जागरूकता लाना है। [1]

विदित है, कि वैश्विक वित्तीय संकट के दौर में सहकारी तन्त्र से संचालित संस्थाएँ ही, सामान्य व्यक्ति की अर्थव्यवस्था को रेखांकित करने व् वैकल्पिक प्रतिमान की खोज में सहकारिता क्षेत्र से एक, मांगलिक किरण का दृष्टीपात हुआ था I ऐसे में यूनाइटेड नेशन ने सहकारिता के इन आदर्शों से वास्तविक एवं सर्वसमावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होने पर बल दिया हैI परिणाम स्वरूप 2012 को अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गयाI उक्त सिद्धांतों के आधार पर हम अनेकानेक प्रकोष्ठों के माध्यम से सहकारिता को खड़ा करने व् इसके नवीन स्वरूप के साथ सामान्य जानो की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में अग्रसर हैंI

ऐसे कार्यक्रम समस्त सहकारी जगत के सहयोग से आज देश के सभी प्रान्तों में आयोजित हो रहे हैं I [2] बिभिन्न प्रकोष्ठों एवं अ.भा.समितियों का निर्माण कर सहकारिता क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं के समाधान एवं सुदृढीकरण के निमित योजनाओं का निर्माण कर इस अभियान का प्रचार प्रसार करते हुए समाज के अंतिम पंक्ति को जोड़ने का के लिए कृत संकल्पित हैं I यह सब सहकारी जगत के स्नेहिल करण से ही संभव हो पा रहा है I

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]