सरिय्या बशीर बिन साद (यमन)

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सरिय्या हज़रत बशीर बिन साद रज़ि० (यमन)
मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ का भाग
तिथि फरवरी 628 ईस्वी, 10वाँ महीना 7 एएच
स्थान यमन
परिणाम
  • दुश्मन भाग गया, बड़ी मात्रा में माले ग़नीमत पर कब्जा कर लिया
सेनानायक
हज़रत बशीर बिन साद रज़ि० en:Uyaynah ibn Hisn
शक्ति/क्षमता
300 संपूर्ण जनजाति (अज्ञात जनसंख्या)
मृत्यु एवं हानि
कोई नहीं 1 मारा गया, 2 पकड़े गए

सरिय्या हज़रत बशीर बिन साद रज़ि० (यमन)' या सरिय्या यमन (अंग्रेज़ी: Expedition of Bashir ibn Saʽd al-Anṣari (Yemen)) इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आदेश पर बशीर बिन साद अंसारी का दूसरा सैन्य अभियान जो यमन के लिए था, इस्लामी कैलेंडर के फरवरी 628 ईस्वी, 10वें महीने 7 हिजरी में हुआ।[1]

विवरण[संपादित करें]

इस्लाम के विद्वान सफिउर्रहमान मुबारकपुरी लिखते हैं कि बनू गतफान कहा जाता है कि बनू फ॒ज़ारा और बनू उजरा के क्षेत्र का नाम है यहां हजरत बशीर बिन कअब अंसारी रजि० को तीन सौ मुसलमानों के साथ रवाना किया गया। मकसद एक बड़ी सेना को बिखेर देना था जो मदीना पर हमलावार होने के लिए जमा हो रही थी। मुसलमान रात में सफर करते और दिन में छिपे रहते थे ! जब दुश्मन को हजरत बशीर रजि० के आने की ख़बर हुई तो वह भाग खड़ा हआ । हजरत अशीर रजि० ने बहुत से जानवरों पर कब्जा किया। दो आदमी भी कैद कर लिए और जब इन दोनों को ले कर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सेवा में मदीना पहुंचे तो दोनों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया।[2]

सराया और ग़ज़वात[संपादित करें]

इस्लामी शब्दावली में अरबी शब्द ग़ज़वा [3] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरिय्या (सरियाह) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है।[4] [5]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Atlas Al-sīrah Al-Nabawīyah". अभिगमन तिथि 17 December 2014.
  2. सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, पुस्तक अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "सरिय्या यमन व जबार (शब्वाल सन्‌ 07 हि०)". पृ॰ 778. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
  3. Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
  4. siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
  5. ग़ज़वात और सराया की तफसील, पुस्तक: मर्दाने अरब, पृष्ट ६२] https://archive.org/details/mardane-arab-hindi-volume-no.-1/page/n32/mode/1up

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ), पैगंबर की जीवनी (प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक), हिंदी (Pdf)