सम्पदानन्द मिश्र
पठन सेटिंग्स
सम्पदानन्द मिश्र | |
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जन्म | 17 नवम्बर 1971 ओडिशा, भारत |
पेशा | संस्कृत विद्वान, सम्पादक, लेखक |
भाषा | संस्कृत, ओड़िया, अंग्रेजी |
राष्ट्रीयता | भारत |
उच्च शिक्षा | उत्कल विश्वविद्यालय |
विधा | संस्कृत, भारतीय साहित्य |
सम्पदानन्द मिश्र (जन्म : 17 नवम्बर, 1971)[1] भारत के एक संस्कृत-विद्वान हैं। वे मूलतः ओडिसा के निवासी हैं और सम्प्रति पुद्दुचेरी में रहते हैं[1] जहाँ वे भारतीय सांस्कृतिक श्री अरविन्द फाउण्डेशन (Sri Aurobindo Foundation for Indian Culture) के निदेशक हैं।[2][3][4] उनकी योजना 'वन्दे मातरम् पुस्तकालय' शुरू करने की है जो मुक्तस्रोत तथा स्वयंसेवकों द्वारा चालित परियोजना होगी और मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया से स्पर्धा करेगी।[3][4] वर्ष २०१२ में भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें महर्षि वादरायण व्यास सम्मान से विभूषित किया।[1][5] श्री मिश्र की विशेषज्ञता संस्कृत व्याकरण में है।[1]
कृतियाँ
[संपादित करें]श्री मिश्र ने ८ पुस्तकों का सम्पादन या रचना की है।[1] Some of his books are:
- Sampadananda Mishra. Sanskrit and the Evolution of Human Speech. Sri Aurobindo Institute of Research in Social Sciences, 2006. ISBN 978-8170602361. 171 pp.[2]
- Sampadananda Mishra. Stotravali: A Book of Hymns and Prayers in Sanskrit. Sri Aurobindo Institute of Research in Social Sciences, 2006. ISBN 978-8170602033. 316 pp.[2]
- Sampadananda Mishra (ed.). The Century of Life of Sri Aurobindo with original verses of Bhartrihari. Sri Aurobindo Institute of Research in Social Sciences, 2005. ISBN 978-8170601203. 128 pp.[1][2]
- Sampadananda Mishra. Sri Aurobindo and Sanskrit. Sri Aurobindo Institute of Research in Social Sciences, 2001. ISBN 978-8170601593. 118 pp.[2]
- Sampadananda Mishra and Vijay Poddar. The wonder that is Sanskrit. Mapin Publishing Gp Pty Ltd, 2001. ISBN 978-1890206505. 210 pp.[1][2]
- Sampadananda Mishra. Hasyamanjari: A book of humorous stories in Sanskrit. Sri Aurobindo Institute of Research in Social Sciences, 2001. ISBN 978-8170601623. 42 pp.[2]
- Sampadananda Mishra. Chandovallari: A handbook of Sanskrit prosody. Sri Aurobindo Institute of Research in Social Sciences, 1999. ISBN 978-8170601234. 147 pp.[2]
वन्देमातरम पुस्तकालय
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए Tripathi, Radha Vallabh, संपा॰ (2012). संस्कृतविद्वत्परिचायिका – Inventory of Sanskrit Scholars (PDF). New Delhi, India: Rashtriya Sanskrit Sansthan. पृ॰ 161. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-8611-185-2. मूल (PDF) से 1 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 19, 2016.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ "Dr. Sampadananda Mishra" (PDF). Sri Aurobindo Society. मूल (PDF) से 15 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 19, 2016.
- ↑ अ आ Chari, Mridula (March 8, 2016). "'Authentic' Vande Mataram Library aims to challenge Sheldon Pollock's 'foreign' one". Scroll.in. मूल से 15 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 19, 2016.
- ↑ अ आ Tripathi, Salil (March 24, 2016). "A Library controversy". Mint (newspaper). मूल से 22 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 19, 2016.
- ↑ "President gives away Awards to Sanskrit, Persian, Arabic, Pali/Prakrit Scholars". Press Information Bureau. June 19, 2012. मूल से 15 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 19, 2016.