समुद्री टीला

समुद्री टीला एक विशाल सागरगत भू-आकृति है जो पानी की सतह तक पहुंचे बिना ही समुद्र तल से ऊपर उठती है। समुद्री टीले आमतौर पर विलुप्त ज्वालामुखियों से बनते हैं जो अचानक उठते हैं और आमतौर पर समुद्र तल से 1000 से 4000 मीटर (3300 से 13100 फीट) की ऊंचाई तक पाए जाते हैं।[1] समुद्र विज्ञानियों द्वारा इन्हें स्वतंत्र संरचनाओं के रूप में परिभाषित किया जाता है जो समुद्र तल से कम से कम 1000 मीटर (3281 फीट) ऊपर उठती हैं तथा विशेष रूप से शंकु के आकार के एक सीमित शिखर क्षेत्र के रूप में फैले हुए होते है।
भौगोलिक स्थिति
[संपादित करें]समुद्री टीले विश्व के प्रत्येक महासागरीय द्रोणी में पाए जा सकते हैं तथा स्थान और आयु दोनों की दृष्टि से अत्यंत व्यापक रूप से फैले हुए हैं। अधिकांश समुद्री टीले ज्वालामुखीय मूल के हैं और इस प्रकार ये मध्य-महासागरीय कटकों, मेंटल प्लूम्स और द्वीप चापों के निकट महासागरीय भूपर्पटी पर पाए जाते हैं।[2] पृथ्वी के महासागरों में 14500 से अधिक समुद्री टीले हैं।[3] समुद्री टीलों के अतिरिक्त विश्व के महासागरों में 1000 मीटर से कम ऊंचाई वाली 80000 से अधिक छोटी-छोटी टीले, कटक और पहाड़ियां हैं।
प्रशांत महासागर में अटलांटिक महासागर की तुलना में अधिक समुद्री टीले हैं और उनके वितरण को समुद्री टीलों की कई लम्बी श्रृंखलाओं के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
इन्हें भी देखे
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "सीमाउंट वाल्केनिक, मरीन इकोसिस्टम & बायोडायवर्सिटी". ब्रिटानिका (अंग्रेज़ी भाषा में). अभिगमन तिथि: 2 अक्टूबर 2025.
- ↑ "व्हाट इस ए सीमाउंट?". नोआ ओसियन एक्सप्लोरेशन. अभिगमन तिथि: 2 अक्टूबर 2025.
- ↑ वाट्स, टी. (अगस्त 2019). "साइंस , सीमाउंट्स एंड सोसायटी". जियोसाइंटिस्ट: 10–16.