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सनक (व्यवहार)

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आम तौर पर सनक का सम्बन्ध एक व्यक्ति के "सामाजिक रूप से अनुपयुक्त" विचित्र या अनोखे व्यवहार से है। यह आवश्यक नहीं है की ऐसा व्यवहार प्रमाण्य रूप से अनुपयुक्त हो, परन्तु फिर भी इसे विचित्र या अनावश्यक माना जाएगा. सनकी व्यक्ती उसे भी कहा जा सकता है जो किसी काम को करने की जिद पकड़ ले और निरंतर ही किसी एक कार्य को करता रहे तथा अपने अलावा किसी की न सुने | सनक की तुलना "सामान्य" व्यवहार से की जाती है, यह सामान्य व्यवहार लगभग व्यापक साधन है जिसके द्वारा समाजिक व्यक्ति समस्याओं को हल करते हैं और रोजमर्रा के जीवन की प्राथमिकताओं का अनुसरण करते हैं। जो लोग लगातार सामान्य रूप में भी सनक भरा व्यवहार करते हैं उन्हें "सनकी" का नाम दिया जाता है।

शब्द व्युत्पत्ति

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मध्यकालीन लैटिन से eccentricus लिया गया, जो यूनानी भाषा से लिये गये ekkentros अर्थात "केन्द्र के बाहर से", लिया गया है, जो ek - से, ex - "के बाहर से" + kentron "केन्द्र" से मिल कर बना है। सनकी शब्द सबसे पहले 1551 में अंग्रेजी में एक खगोलीय शब्द जिसका अर्थ है, "एक दायरा जिसमे पृथ्वी, सूर्य आदि अपने केंद्र से भटक जाते हैं" में दिखाई दिया. पांच साल बाद, 1556 में, इस शब्द का एक विशेषण रूप जोड़ा गया। 129 साल बाद, 1685 में, परिभाषा शाब्दिक से प्रतीकात्मक रूप में विकसित हो गयी और सनकी शब्द का इस्तेमाल अपरंपरागत या विचित्र व्यवहार का वर्णन करने के लिए शुरू हो गया। इस शब्द का संज्ञात्मक रूप - एक व्यक्ति जिसके पास ये अपरंपरागत अथवा विचित्र गुण/व्यवहार हों और जो इनका प्रदर्शन करता हो - 1832 तक नहीं दिखाई दिया था।

सनक का चित्रण

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सनक का सम्बन्ध प्रायः प्रतिभा, बौद्धिक योग्यता या रचनात्मकता के साथ जोड़ा जाता है। किसी व्यक्ति के सनकी व्यवहार का अर्थ उस पुरुष या स्त्री की विशिष्ट बुद्धिमत्ता या रचनात्मक प्रेरणा की बाहरी अभिव्यक्ति से लगाया जाता है।[1][3] इस शैली के अनुसार एक सनकी की आदतें इसलिये समझ से बाहर नहीं होतीं क्योंकि वे निरर्थक या किसी पागलपन का परिणाम हैं बल्कि इसलिये कि वे उन मूलभूत विचारों से उत्पन्न होती हैं जिन्हें सामाजिक पुष्टि प्राप्त नहीं है। अंग्रेजी उपयोगितावादी विचारक जॉन स्टुअर्ट मिल ने लिखा है कि "एक समाज में सनक की मात्रा आम तौर पर उसमें युक्त प्रतिभा, मानसिक शक्ति और नैतिक साहस के अनुपात मैं होती है",[2][5] और साथ ही में उन्होंने सनक की कमी को "समय का मुख्य ख़तरा" बताते हुए शोक प्रकट किया है।[3][7]एडिथ सिटवैल ने लिखा है कि सनक "प्रायः एक प्रकार का निष्कपट अहंकार" है। वे ये भी कहते हैं कि प्रतिभाशाली और शिष्ट व्यक्ति इसलिये सनकी कहलाते हैं क्योंकि "वे पूरी तरह से निर्भय और समाज के विचारों और अनिश्चितताओं के प्रभाव से बाहर होते हैं।[4][9]

सामान्य की अवधारणा के साथ तुलना

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एक व्यक्ति जो "जल बिन मछली" की स्थिति में है, वह उचित परिभाषा के अनुसार सनकी नहीं है। संभावतः वह पुरुष या स्त्री अपने मूल पर्यावरण की परंपराओं के अनुसार आम हो सकता है।

सनकी अपनी संस्कृति में सामान्य व्यवहार के मापदंडों को समझ भी सकते हैं और नहीं भी समझ सकते हैं। वे साधारणतः समाज द्वारा अपनीं आदतों या भावनाओं की अस्वीकृति के प्रति उदासीन होते हैं। इतिहास के अनेक अति प्रतिभाशाली बुद्धिमान व्यक्तिओं ने भी असामान्य व्यवहार और आदतों का प्रदर्शन किया है।

कुछ सनकिओं को प्रतिभाशाली के स्थान पर "मूर्ख" जानकार निन्दित किया जाता है। सनकी व्यवहार अक्सर झक्की या विचित्र माना जाता है, हालांकि यह अजीब और तकलीफ़देह भी हो सकता है। कई व्यक्ति, जैसे की विमानों के बहुत बड़े और अमीर व्यापारी हावर्ड ह्यूज़, जो पहले केवल सनकी माने जाते थे, हाल ही में पुनरावलोकन के पश्चात वास्तव में मानसिक बीमारी से ग्रस्त पाए गए (ह्यूज़ के उदहारण में ऑब्सेसिव-कॉमपल्सिव डिसऑर्डर्स). शायद सबसे अच्छा उदाहरण सर्बियाई भौतिकविद् और आविष्कारक निकोला टेस्ला का था। एक अन्य मशहूर सनकी प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद अल्बर्ट आइंस्टीन थे। उनके सनकीपन में अपने डॉक्टर द्वारा लगाए गए उनके पाइप के लिए तंबाकू खरीदने के प्रतिबंध को नाकाम करने के लिए सड़क से सिगरेट के फैंके हुए टुकड़े उठाना, बिना हवा के दिनों में अपनी पालनौका चलाना ("चुनौती के लिए") और अपने 8 वर्षीय भतीजे को भौतिक-विज्ञान पर भाषण देना (जिसमे 2 घंटे की साबुन के बुलबुलों की न्यूटोनियन गुणों की व्याख्या) शामिल है।

अन्य लोगों में कपड़ों में रूचि की सनक हो सकती है, या फिर सनकी शौक जैसे वस्तुओं को संग्रह करना जिनका वे बहुत उत्साह के साथ अनुसरण करते हैं। उनका बोलने का ढंग सामयिक और सूक्ष्म, मौलिक शब्दों से मिश्रित हो सकता है।

व्यवहारिक सनकीपन को आम तौर पर विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक लक्षणों जैसे अतिदंडित करने, असुरक्षा, बचपन के अनसुलझे मुद्दों, जबरदस्ती थोपा गया ब्रह्मचर्य और अन्य यौन मुद्दों, एकतरफ़ा प्यार, दिल टूटना और अन्य रूमानी मुद्दों, दमित भावनाओं, सामाजिक मूर्खता, एक ही बात की धुन, या विभिन्न प्रकार के एक अन्य दबाव के संकेत के साथ जोड़ा जाता है, चाहें व्यक्ति को अनिवार्य रूप से पागल की श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया जाएगा. कुछ मान्यताप्राप्त मनोवैज्ञानिक लक्षण जिन्हें आम तौर पर सनकीपन के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाता है वे हैं ओएडिपस कॉमप्लेक्स (एक युवा पुरुष का अपनी माँ का प्यार और स्नेह पाने कि मौलिक इच्छा के लिए अपने पिता से प्रतिस्पर्धा), नेपोलियन कॉमप्लेक्स (आम बोलचाल की भाषा में उस हीन भावना का वर्णन करने के लिए प्रयोग करना जो छोटे कद के लोग झेलते हैं), पुएर एटेर्नस (कभी-कभी पीटर पैन सिंड्रोम से जाना जाता है), ऑब्सेसिव-कॉमपल्सिव डिसऑर्डर्स और औटिस्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर्स, विशेषतः एस्पर्गर सिंड्रोम. सनकी व्यवहार के लिए नशीली दवाओं के प्रयोग को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।

अनेक व्यक्ति अपने आप को सामाजिक मानदंडों से भिन्न रखने या अपनी अलग पहचान कि भावना को बढ़ाने के लिए होशहवास में और जानबूझकर सनकीपन का प्रदर्शन करते हैं। अति सकारात्मक रूढ़ीवादिओं (कम से कम पॉप संस्कृति और विशेष रूप से काल्पनिक पात्र) को देखते हुए जिनका सम्बन्ध सनक से है, कुछ व्यक्ति इस प्रकार के, ऊपर वर्णित, चरित्र के साथ सम्बन्ध बनाए रखना चाहते हैं। परन्तु यह व्यवहार हमेशा सफल नहीं होता क्योंकि सनकी व्यक्ति आवश्यक रूप से आकर्षक व्यक्तित्व के नहीं होते हैं। और ऐसा व्यक्ति दूसरों के द्वारा, ध्यान आकर्षित करने कि कोशिश करने वाला कहकर, अस्वीकार किया जा सकता है।

फ़िजूलखर्ची एक तरह की सनक है, जिसका सम्बन्ध बहुलता और अपव्यय से है; अतिशयोक्ति में विवरण देखें.

अभिलक्षण

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मनोवैज्ञानिक डॉ॰ डेविड वीक्स कहते हैं की मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोग अपने व्यवहार के कारण "कष्ट झेलते" हैं जबकि सनकी काफ़ी खुश रहते हैं।[5][6]वे तो यह तक भी कहते हैं की अन्य लोगों की तुलना मैं सनकियों को मानसिक बीमारी होने का खतरा कम होता है।

अध्ययनों के अनुसार, अठारह अलग-अलग लक्षण हैं जो एक स्वस्थ सनकी व्यक्ति को एक आम व्यक्ति या कोई जिसे मानसिक बीमारी हो (हालांकि कुछ हमेशा लागू नहीं होते) से भिन्न करते हैं। पहले पांच अधिकांश लोगों में होते हैं जिन्हें सनकी माना जाता है:[5][13]

  • असामान्य बर्ताव
  • रचनात्मक
  • अत्यधिक जिज्ञासा
  • आदर्शवादी
  • किसी एक या अनेक शौक की सुखद धुन
  • बचपन से ज्ञात होना कि वे पुरुष या स्त्री दूसरों से अलग थे।
  • अति बुद्धिमान
  • स्वच्छंद और स्पष्टवादी
  • असामान्य रहन-सहन या भोजन की आदतें
  • दूसरों के विचारों या संगत में रुचि नहीं लेना
  • नटखटतापूर्ण मनोविनोदात्मक प्रवृत्ति
  • आम तौर पर सबसे बड़ी, सबसे छोटी या इकलौती संतान

ये भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Stares, Justin (2005-11-06). "Einstein, eccentric genius, smoked butts picked up off street". डेली टेलीग्राफ. London. मूल से 3 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-09-27.
  2. "Mill, John Stuart quote – Eccentricity has always abounded when and where strength of character". Quotationsbook.com. 2007-07-30. मूल से 1 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-03-12.
  3. "Famous John Stuart Mill Quotes". Philosophy Paradise. मूल से 4 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-03-12.
  4. "Quote by Edith Sitwell: "Eccentricity is not, as some would believe..."". Goodreads. अभिगमन तिथि 2010-04-19.
  5. वीक्स, डेविड एंड जेम्स, जैमी (1995) असेंट्रिक्स: अ स्टडी ऑफ सेनिटी एंड स्ट्रेंजनेस, विल्लिआर्ड, ISBN 0-394-56565-7
  6. "Interview with David Weeks – ''Nutrition Health Review'', Winter, 1996". Findarticles.com. 2009-06-02. मूल से 8 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-03-12.