सदस्य वार्ता:Tania.Ramesh1106/प्रयोगपृष्ठ

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मेरी नानी

उपक्षेप[संपादित करें]

माँ की माँ को नानी कहते हैं। नानी वह व्यक्ती कहलाती है जो अपने पोते को खुष करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है |

महत्व[संपादित करें]

केहने मे नानी माँ की माँ कहलाती हैं, लेकिन उनका महत्व हमारे जीवन में काफी अधिक हें। नानी वही होती है जो हमे उस मिठाई का एक और तुकडा देने के लिए हमेशा तैयार रहती है जबकी हम एक पूरा डब्बा गुल कर चुके होते हैं | दुनिया में शायद ही कोइ और है जो हमे महाभारत और रामायण के किस्से इतने प्यार के साथ और विस्तार में सुना सके। उन्हें अपनी नींद की चिन्ता नही रहती, वो तो अपने कहाँनियों से हमे सुलाने की कोशिश में जुटी रहती हैं। एक नानी का ही दिल होता है जो हमारे दर्द को हमारे आँखो से ही पहचान लेती हैं। नानी हमेशा अपने पोतो के बारे में सोचती है निरपेक्ष की वे उनके साथ है की नहीं। वह अपने पोतों को जितना प्यार करती है, वे नहीं समझ पायेंगे। [1]

नानी केवल है जो बडो में से बच्चों के लिए समय बनाती हैं। वो अंगिनत खेल, वो हज़ार चुटकुले, वो परियो और राक्षसो की कहानियाँ, वह हमरे नानी की ही तो देन होती हैं | इन कहानियों से ही हम अपने भाइयों और बहनों के साथ मिलकर खूब मज़ा उठाते है | नानी वो होती है जो बच्चों की छोटी-बडी प्रश्नो की जवाब आवश्यक देती हैं।[2] जीवन में लोग सबसे महत्वपूर्ण पाठ अपने नाना-नानी से सीखते हैं, क्योंकी वे बच्चो को वह चीज सिखा सकते है जो वे अपने माँ-बाप से न सीख सकते।

दुनिया में ऐसे कम ही खुशनसीब होते हैं जिन्हे अपने नानी के साथ रहने का सुख मिलता हैं | उनमे से भी कम इसकी कीमत को समझते है | शायद ही हम उनसे उतना प्रेम कर सके जितना वह हम से करती हैं लेकिन यह महत्वपूर्ण हैं कि हम उन्हे पूरा आदर और सम्मान दे | नानी का प्यार भगवान का दिया वह तोफा है जो सबको नही मिल्ता | कुछ लोग अपनी सारी जिंदगी अपने नाना नानी से शर्म करके निकाल देते हैं | हमें खुशी तो बहुत होती हैं जब हमारी नानी हमे रुपयो का लिफ्फा थमाती हैं लेकिन हम यह समझने मे भूल कर जाते हैं कि उस लिफ्फे का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वह धन नहीं बल्कि उससे जुडा आशीर्वाद और प्यार होता हैं |

मेरी नानी[संपादित करें]

मेरी दादी काफी एक बूढ़ी औरत है। वह साठ साल से अधिक पार कर शुकी है। उनकी उम्र के कारण से उनके पीठ में ज्यादातार तकलीफ होती हैं, फिर भी यह उनकी गतिविधियों को प्रभावित नहीं किया है। उनकी बाल सारे सफेद बन चुके है, और उनकी विनम्र और स्नेही चेहरा झुर्रियों से भरा है। उसकी आंख दृष्टि, हालांकि, काफी अच्छी है और वह चश्मे के बिना पढ़ सकती हैं। वह एक धार्मिक महिला है। इससे पहले कि हम उठो, हर रोज ताजे पानी के साथ उनका स्नान समाप्त हो जाता हैं। इस उम्र में भी, नानी बहुत सक्रिय और कड़ी मेहनत से काम करती हैं। हम उन्की चपलता पर आश्चर्य रह जाते हैं। अपने जीवन मे नानी होने से मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझती हूँ।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  1. http://rishikajain.com/2014/07/31/a-grandmother-always-thinks-about-her-grandchildren/
  2. http://pediatrics.aappublications.org/content/95/3/404