सदस्य वार्ता:Munita Prasad/पुरालेख 04

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शुभ संध्या! वार्ता के लिए धन्यवाद। मैं तो सही में कल ही करता। आज कनेक्शन बहुत ही धीमा है घर पर।हां मैंने लखनऊ सोचा हैआलेख के लिए सुधारने हेतु। पहली राजधानी है। कम्पाइल कर सन्दर्भ लगा कर तैयार कर दूंगा। आप एक बार भाषा देख लीजिएगा। आप क्या उठाएंगीं- कोलकाता ? और दिल्ली आलेख करके दिल्ली के आलेख के लिए तैयार कर लेते हैं। बाद में वो अंश दिल्ली की प्रस्तावना बन जाएगा।सही है ना?--आशीष भटनागर  वार्ता  १३:३१, २० जुलाई २००९ (UTC)

अफ़्रीका के धर्म को अनुवाद के लिए देख लेता हूं। वैसे अभी तो मैं लखनऊ कर रहा था। असल में मैं पूरे विषय को Word में कापी कर वहां बना कर फिर एकसाथ यहां कापी कर के सहेजता हूं। तो आपको एक ही बदलाव दिखेगा, किंतु पूरी रूपरेखा बदली दिखेगी। अब अन्य अनुभाग करूंगा। खैर धर्म भी देख लूंगा। चिंता ना करें।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:१५, २० जुलाई २००९ (UTC)

लीजिए अफ़्रीका#धर्म बन गया। और अफ़्रीका में धर्म भी तैयार है। हां उसके पूरे सन्दर्भ अभी नहीं लगे हैं, किंतु पूरा लेख यथा प्रयास अनुवाद कर दिया है। और मुख्य लेख में भी अंश डाला हुआ है। वैसे एक बात मुझे खटकी है। अंग्रेज़ी के लेख में भि कहीं मिस्र क प्राचीन धर्म का उल्लेख नहीं आया है। खैर अब तो खुश हैं ना? और कोई सेवा?--आशीष भटनागर  वार्ता  ०४:५९, २१ जुलाई २००९ (UTC)
हो गये अफ़्रीकी इतिहास के तीन भाघ, और उपशीर्षक नहीं किए हैं, किंतु कमेंट में डाल दिए हैं। हां २-३ वाक्य प्रति अनुच्छेद खासकर पहले र तीसरे में बढ़ सकते हैं। वो बाद में जोड़ देता हूं। या गुंजन देख लेगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०६:०९, २१ जुलाई २००९ (UTC)
मैं तो डर रहा था, कि सुझाव तो दे दिये, कहीं आपको बुरा ना लगे। किंतु तब तक डाल चुका था। खैर, अब सही लग रहा है, शायद आप भी मानेंगीं। हां कुछ लिंक तो मैंने जोड़ दिए हैं। बाकी नदियां (३) एवं वन्य-जंतु लाल हैं। सामान्य से जानवर भी। मैं जरा लखनऊ देख रहा हूं। वैसे आवश्यक हो तो यहीं हूं। ये लिंक नीले कर लीजिए। आलोचक जी एवं पूर्णिमा जी दोनों ही शेष हैं। बाकी सुप्रिया, मुक्ता जी हों तो बेहतर होगा\ प्रबधकों में आप,मैं, तो हो जाएंगे। किंतु पूर्णिमा जी, राजीव, मितुल जी, सुमित एवं अमित जी। इन सबों को एक एक संदेश डाल दीजिए। मैंने ऐसे ही अकबर के लिए समर्थन जुटाये थे। हालांकि विवादित हो गया, किंतु कई प्रबंधकों के समर्थन मिले थे इस तरह। धर्म के लिए बेहतर चित्र नहीं होगा क्या?--आशीष भटनागर  वार्ता  १७:३३, २३ जुलाई २००९ (UTC)
लाल कड़ीयॉ नीला करने का काम चल रहा है। अब केवल जानवरो एवं वृक्षो के लिंक नीले करने है। आश्चर्य की बात है की हिन्दी विकि पर अभी तक सिंह एवं चीता जैसे बेसिक लेख भी नही है। --गुंजन वर्मासंदेश ०७:४२, २५ जुलाई २००९ (UTC)

आप से निवेदन है की सदस्य:Wikitrans के कार्य का निरिक्षण करे. यह सदस्य अंगरेजी विकी से लेखो को अनुवादित कर हिंदी विकी पर जोड़ रहा है. पर इस कार्य में यह इस बात का ध्यान नहीं रख रहा है की पहले से वह लेख हिंदी विकी पर मौजूद है की नहीं. आज का ही उदहारण ले लीजिये लेख बाघ हिंदी विकी का एक आज के आलेख के लिए चयनित लेख था जिसे इन महाशय ने बिगाड़ कर रख दिया. अब यह लेख पुर्वरत भी नहीं हो रहा है. कृपया इस सदस्य को सूचित किया जाए जिससे इसका योगदान हिंदी विकी के लिए लाभदायक हो. अगर हम लोग इस सदस्य की हरकतों को ऐसे ही नजरंदाज करेंगे तो कुछ ही समय में काफी सारे लेख गंदे अनुवादित लेख बन कर रह जायेंगे. मैंने इस सन्दर्भ में चौपाल पर भी चर्चा शुरू की थी पर उस पर किसी भी प्रभंदक की राय या विचार नहीं आई. --गुंजन वर्मासंदेश ११:५८, २२ जुलाई २००९ (UTC)

बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान को मैंने आलेख प्रत्याशी में डाला है। जरा देख लीजिएगा, कुछ और चाहिए क्या। वैसे तो इसे लखनऊ के लिए बनाया था, किंतु २२० शब्द हो गए तो आलेख के लिए भी जा सकता है, सुधार पर।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०४:०८, २३ जुलाई २००९ (UTC)
हां, सही है। मैंने इसे चयन करने को कब कहा है। ये भारत संबंधी लॆख है, इसलिए और चित्र एवं ज्ञानसन्दूक सहित इन्फ़ॉर्मेटिव भी। सुधार तो करने ही हैं। मैंने लिखा तो था, कि इसे लाखनऊ के लिए जल्दी में बनाया है।जब भी समय मिले व कुछ संबंधित मईटर मिले, तो देख लीजिएगा। मुझे तो पुरा वनस्पति विज्ञान भी नहीं पता, आपकी फ़ील्ड से संबंधित है।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:०९, २३ जुलाई २००९ (UTC)

Hello Munita Prasad! I replaced चित्र:Am3331y.jpg with the Commons version चित्र:Bharat Ratna.jpg. I added a notice to Am3331y.jpg that it was replaced, but I'm not sure if it is the right notice. The duplicate Am3331y.jpg should be deleted. Thank you Hekerui १०:५०, २५ जुलाई २००९ (UTC)

हम्पी, कुमारपाल और दीपक दोबारा आ रहे हैं। अभिनव बिंद्रा को मैंने सभी लिंक नीले कर दिय, व अंग्रेज़ी भाग हिन्दी में कर दिया है।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:२३, २६ जुलाई २००९ (UTC)

अफ़्रीका: शायद आपने देखा नहीं। मैंने निर्वाचित लेख उम्मीदवार पर अपने कमेन्ट्स भी लिखे हैं। हां, लेख परख के उम्मीदवारों के लिए एक सांचा बनाया है। उसे आप कुछ ऊपरी उम्मीदवारों पर देख लीजिएगा।और कुमारपाल हटा कर लखनऊ कर दीजिए। दीपक की जगह मकर संक्रांति को थोड़ा सुधार चाहिए होगा। फलतू चीजें फ़िल्हाल हटा कर वार्ता पर रख दें। वो दीपक का रिप्लेसमेंट हो जायेगा। बाकी मैं जुटाता हूं। हां लखनऊ एवं अफ़्रीका के कुछ सहायक लेखों को भी प्रयोग कर सकते हैं ना।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:५६, २६ जुलाई २००९ (UTC)
अरे हां। मैंने सोचा था, वर्ड में टाइप भी किया, पर कॉपी नहीं किया। वैसे जो ३ लोग इसमें सक्रिय रहे हैं, उन्हीं तीनों में से किसी एक के कमेंट सबसे पहले, सही लगेंगे क्या? या थोड़ा रुक जायें। वैसे भी जुलाई में तो गंगा नदी हुई है। हां यदि अगस्त में करना चाहें तब ठीक है, और जल्दी भी करना होगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०६:१२, २६ जुलाई २००९ (UTC)
आलेख के लिए कम से कम २५० शब्द होने चाहियें, किंतु ऊपरी सीमा तो है नहीं। दूसरे आप इसका प्रस्तावना भाग ले सकती हैं, लेकिन उसका नाम लखनऊ/आलेख करना होगा\ और उसमें कुछ वाक्य बदलने होंगे, खासकर मुख्य विषयों से संबंधित वाक्य डालने होंगे, जो कि सन्दर्भ भी ले आयें।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०६:१४, २६ जुलाई २००९ (UTC)
जब हम दोनों के विचार इतने मिलते ही हैं, तब हम दोनों पता नहीम लड़े क्यों थे??? हा हा हा। खैर, मैंने भी यही सोचा हुआ था। सितंबर के लिए लखनऊ देख लीजिएगा। तब तक मैंने बहुत से लेख आलेख के चक्कर में बढ़ाये और सुधारे हुए हैं। उनमें दिमाग लगा सकते हैं। जैसे सावरकर, चैतन्य, मदुरई, आदि। ये वर्ष तो निकाल ही लेंगे। अभी भी तो लगन से लगने पर लखनऊ २० जुळाइ से लेकर आज २६ ही तो है। एक हफ़्ता भी नहीं लगा। तो और भी बना ही लेंगे ना। ये साल तो निकाल ही लेंगे। फिर आगे तो प्रैक्टिस हो जायेगी।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०६:१९, २६ जुलाई २००९ (UTC)
कुछ तो लोगों की कमेन्ट्स के लिए भी बचना चाहिए ना।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०६:२७, २६ जुलाई २००९ (UTC)
अरे बस ऐसे ही कहा था। असल में मैं तो लखनऊ-लखनऊ देख देख कर थक गया हूं। तभी सोचा लोग भी कुछ बतायें।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०६:३६, २६ जुलाई २००९ (UTC)

अफ़्रीका[संपादित करें]

आप चिंता ना कीजिए! मैं कल प्रयास करता हूं। कम से कम ३ या ४ प्रबंधकों के समर्थन मिल ही जायेंगे। और यदि ना भी मिल पायें, तो भी हम दो प्रबंधक हैं, एवं बाकी ३-४ लोगों के समर्थन रूपी संदेश परख से उठा लेंगे। अगस्त में मुखपृष्ठ पर होगा। हां यदि पूर्णिमा जी आ जाती हैं, तब तो ठीक ही है। मैं कल कोशिश करता हूं। कल मेरी नाइट ड्यूटी है। तभी कुछ करूंगा\ हो सके तो मुझे तब ऑनलाइन हों तो याद करा दीजिएगा, या पूछ लीजिएगा कि क्या हुआ। चिंता छोड़ें, और अफ़्रीका भी। अगला शहर उठायें। कोलकाता पर आलेख की कृपा करें।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:०४, २६ जुलाई २००९ (UTC)

मैंने कल रात ही कई प्रबंधकॊं को कह दिया था अफ़्रीका के लिए। सुमित से तो बात भी हुई थी। चिंता छोड़ें और दार्जिलिंग पर लगें। १ अगस्त से अफ़्रीका मुखपृष्ठ पर होगा। अमित जी का तो समर्थन भी आ गया है।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०४:०३, २७ जुलाई २००९ (UTC)
मैंने अफ़्रीका को पर्याप्त समर्थन, अन्य कोई प्रबंधकों के अभाव एवं समयाभाव के कारण निर्वाचित कर दिया है। आप उसका साँचा देख लें।साँचा:निर्वाचित लेख अगस्त २००९। यह अपने आप ही १ अगस्त प्रातः ०५३० पर लग जायेगा। कोई समस्या हो तो बतायें।--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:१५, २९ जुलाई २००९ (UTC)
पूर्णिमा जी की बात शत प्रतिशत सही है। पर उनका पता नहीं, कि कब आयें। और यदि जुलाई में आ भी जाती हैं, तो फेर बदल भी कर सकती हैं। सही ना लगा तो गंगा ही चालू रखा जा सकता है। उसके लिए १ रीडायरेक्ट मात्र करना होगा, बस। बताइये, उनकी अवहेलना थोड़ी कर रहे हैं, बल्कि उनके पीछे उनके चरण कदमों पर चलने का प्रयास। यदि ३१ तक या १ तक भी आ जायें, तो ठीक है, वो या तो अफ़्रीका में देख लेंगीं, या अधिक समय लगता है, तो निर्वाचित लेख गंगा को ही कंटीन्यू रख लेंगे। सही है ना?--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:३६, २९ जुलाई २००९ (UTC)
आपने उत्तर नहीं दिया? आप साथ देंगीं तभी तो आगे बढ़ सकता हूं। हां ३१-दिल्ली मेट्रो, ३०-जयपुर/आलेख १-जैसलमेर/आलेख, २-लखनऊ लगा रहा हूं। आप खासकर पहले३को देकल ीजिए, और कुछ फेर बदल, सुधार आदि चाहिए तो कर दीजिए, समय मिले तो। हां ऊपर वाली बात का उत्तर ??--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:४६, २९ जुलाई २००९ (UTC)
और अब आलेख का उत्तर बचा?--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:४७, २९ जुलाई २००९ (UTC)
आपकी बात सही है। अब मैं २ अगस्त तक तो लगा ही चुका हूं। हां आगे के रहने देता हूं। ४-५ आलेख पुराने आ चुके हैं, बार बार पुरने आना भी सही नहीं है ना। इसके बाद १-२ फ़िर पुराने से काम चल जायेगा। ठीक--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:३७, ३० जुलाई २००९ (UTC)


अफ़्रीका के निर्वाचन के पुर्व संस्कृति नामक अनुभाग को विकसित करना आवश्यक है। अंग्रेजी लेख मे भी यह अनुभाग उपस्थित है [1]। --गुंजन वर्मासंदेश ०७:२१, २ अगस्त २००९ (UTC)

कृपया इस विषय को देखें व सहयोग दें--सुमित सिन्हावार्ता १९:२२, २६ जुलाई २००९ (UTC)

जी जैसी आपकी आज्ञा --गुंजन वर्मासंदेश ०४:२०, २९ जुलाई २००९ (UTC)

सुप्रभात! मेरा विचार ही तो विकिपरियोजना भारत के शहर है। हां इन लेखों को बनाते हुए हमें साथ के अन्य कुछ या कई सहायक लेख भी अच्छे बनाते रहना होगा, जो कि आलेख के काम भी आयें। इसका उदाहरण है बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान, लखनऊ की शिक्षण संस्थाएं के सभी लिंक्स के पेज, लखनऊ के अनुसंधान संस्थान के सभी लेख, एवं लखनऊ के सभी सहायक लेख। इसीलिए तो मैंने शहरों के विषय उठाये हैं, कि उनके साथ ढेरों सहायक लेख भी बनेंगे। आपकी बात का पुरा समर्थन है।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:५७, ३० जुलाई २००९ (UTC)
अरे लेडीज़ फ़र्स्ट क्या, आप हमेशा अग्रणी रहिए। वैसे भी मैं लखनऊ , और जयपुर/आलेख, जैसलमेर/आलेख तो कर ही चुका हूं। चलिए कोलकाता उठाते हैं। और अफ़्रीका की तरह बढाते हैं। फ़िर चाहें तो दिल्ली को भले निर्वाचित ना हो, कीम्तु सही लेख तो बना ही देंगे। ९०% काम तो पूरा ही है वहां। कोलकाता स्टार्ट।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:१२, ३० जुलाई २००९ (UTC)

कोलकाता[संपादित करें]

ये तो देखने में ठीक ठाक लगता है। लिंक्स बनाते हैं। और फिर भाषा भी देख लेंगे। अंग्रेज़ी से कुछ अपनी अपनी पसंद का अनुवाद भि कर देंगे।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:१५, ३० जुलाई २००९ (UTC)

हां मेरा यही मतलब था। मैंने तो कोलकाता मेट्रो बना भी दिया। उसके लिंक नीले करता हूं बस।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:४२, ३० जुलाई २००९ (UTC)-
फ़्री इमेज के लिए साँचा:अ-चित्र प्रयोग करें। हां साँचा:कोलकाता का अनुवाद कर रहा हूं। कोई भी लेख इससे मिलता हुआ लगे, तो कृपया उसे पुनर्निर्देशित कर दें, जैसे कोलकाता की संस्कृति और कोलकाता में संस्कृति, इत्यादि।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०४:४४, ३० जुलाई २००९ (UTC)
साँचा:कोलकाता देखें। सही है ना। पूरा हो चुका है। हां शायद कुछ नाम लंबे हैं, उन्हें प्रदर्शन हेतु छोटे करूं। और कुछ चाहिए वहां तो बतायें। --आशीष भटनागर  वार्ता  ०६:१७, ३० जुलाई २००९ (UTC)
मैंने कोलकाता में जलवायु एवं शहरी संरचना अनूदित कर दिए हैं। इसके बाद अन्य अनुभाग भी कर दूंगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:२७, १ अगस्त २००९ (UTC)

ये चोरी चोरी चुपके चुपके मुझे कोलकाता मे बुलाकर आप दिल्ली भाग आयीं?--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:१०, ३१ जुलाई २००९ (UTC)

तो क्या करूं, ऑनलाइन होऊं? बताइये।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:१२, ३१ जुलाई २००९ (UTC)
हां तो, आगे बताइये?-- क्या सोचा था? मुझे समझ नहीं आ रहा? ठीक से बताइते। या कुछ करना है तो करूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:१७, ३१ जुलाई २००९ (UTC)
अरे मैं तो इंतजार कर रहा था, कि आप कुछ बताएंगीं कि क्या करना है फ़िर?--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:३४, ३१ जुलाई २००९ (UTC)
मैं दिल्ली का भूगोल अंग्रेज़ी से बनाता हूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:४०, ३१ जुलाई २००९ (UTC)
आपकी सेवा में तत्पर हूं। अभी लीजिए, जरा दिल्ली का भूगोल कर लूं, तब आमार सोनार बांग्ला। --आशीष भटनागर  वार्ता  १६:४८, ३१ जुलाई २००९ (UTC)

हां, आपकी बात बिल्कुल सही है। लेख पर पता चल रही है, पूर्णिमा जी की छवि। उनके गंगा लेख में भी कुछ ऐसी शैली दिखी थी। पहले ये लेख अत्यधिक चित्रों के कारण चित्र दीर्घा लग रहा था। लेकिन एक और बात कहूंगा। अफ़्रीका के क्षेत्र अनुभाग अब पढ़ने में कठिन हो गया है। काउन सा क्षेत्र कहां से आरंभ हुआ और कहां तक है, किस देश की राजधानी कौन सी है, ढूंढना मुश्किल है। बस लिखा ही लिखा है। ऐसा इसलिये ना समझें, कि मैंने सारणी बनायी थी। सारणी में ना सही किंतु अलग अलग क्षेत्र अलग अलग अनुच्छेदों में तो लग ही सकते हैं ना। दूसरा भू-प्रकृति बहुत लंबा लगा, लेकिन फ़िर भी सही है। हां लंबाई को यदि घटाना ना चाहें तो उसका उपाय उप-शीर्षक होता है,चाहे अनुच्छेदों के प्रथम शब्द बोल्ड ही कर के बने। खैर, जैसा वो सही समझें। चाहें तो उन्हें भी बता दीजिएगा, वो क्षेत्रों वाली बात मुझसे बात हुई तो मैं भी बताऊंगा। फिर अंतिम उनकी राय है। वैसे लेख निश्चय ही बहुत सुधरा है। इसमें कोई शक नहीं है। हां सन्दर्भ मैं ढूंढ कर देखता हूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०९:०१, २ अगस्त २००९ (UTC)

ओह आप अफ़्रीका पर काम कर रही हैं। मैंने अब देखा। चलिए मैं वापस कोलकाता जाता हूं। हां अफ़्रीका#राज्यक्षेत्र एवं भौगोलिक क्षेत्र अब देखिये,, सब क्षेत्र अलग अलग दिखाई भी दे रहे हैं ,एवं एक ही अनुच्छेद में भी हैं।--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:२९, २ अगस्त २००९ (UTC)
सुप्रभात! अभी मैंने अफ़्रीका देखा। अफ़्रीका के क्षेत्र अनुभाग एकदम पर्फ़ेक्ट हो गया है। मैंने ऐसा ही कहा था। अब प्रत्येक क्षेत्र अलग दिख रहा है। और कोलकाता की क्या प्रगति है? मैंने कल यातायात अनुभाग अनुवाद कर लगा था। बहुत से लिंक पेज भी बनाये थे। अफ़्रीका की संस्कृति अनुवाद करना है क्या?--आशीष भटनागर  वार्ता  ०१:५८, ४ अगस्त २००९ (UTC)

प्रमुख चित्र प्रत्याशी[संपादित करें]

हां, मैं बस दो चित्र बचे हैं, उनके पूरे होने की प्रतीक्षा में था, फिर नये चित्र लगा कर इन्हें पुरा लेख में डलने थे। खैर अभी कर देता हूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:५६, ३ अगस्त २००९ (UTC)

नहीं बंदरगाह तो नहीं बना रहा। मैं उसकी श्रेणी को आगे बढ़ा रहा था। वो कल कोलकाता मॆं यातायात विभाग बनाया था ना, तो उसके नीचे से दूसरे वाक्य में श्रेणी का लिंक ा। इसलिए। क्यों कोई खास बात? हां मेरा घर का कनेक्शन धीमा है। यदि आपका सही हो, तो दूसरा वाला छोटा यातायात विभाग हटा दीजिए। और ऊपर वाले में एक चित्र कोलकाता मेट्रो का लगे तो अच्छा रहेगा।बंदरगाहों का कुछ बनाना है क्या?--आशीष भटनागर  वार्ता  ०८:२४, ४ अगस्त २००९ (UTC)
मुझे लग रहा था, कि कोई मेरा पीछा कर रहा है, अब देखा तो वो आप थीं। मेरे पीछे-पीछे वार्ता करती चली आ रही हैं।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:५७, ४ अगस्त २००९ (UTC)
आपका कहना एकदम सही है। असल में मुझे रविन्द्र ही पता था,कभी ध्यान नहीं दिया कि रवि+इन्द्र=रवीन्द्र होगा। इसलिए रविन्द्र लिखने की आदत है। वैसे धन्यवाद, आगे से ध्यान रखूंगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०७:११, ६ अगस्त २००९ (UTC)
नमस्कार! सात आश्चर्यों वाला सांचा कैसा लगा? अंग्रेज़ी वाले से कहीं अच्छा है ना। हां लेज़र किरण का लेख तैयार है। और मैंने कल दो सन्दर्भ लगाये थे, वो क्यों हटा दिये। हमें अंग्रेज़ी की बाहरी कड़ियाँं ही तो नहीं देनी हैं, लेकिन सन्दर्भ तो कहीं से भी मिल सकते हैं। उसमें भाषा की बात तो नहीं होनी चाहिये ना। सन्दर्भ तो बस सिद्ध करते हैं, कि जो तथ्य हमने दिये हैं, वो कहां से लिये हैं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:००, ७ अगस्त २००९ (UTC)
आपने बताया नहीं? हां मेरे विचार से कोलकाता में हमारा काम पूरा हो चुका है। कुछ लिंक ही बचे हैं। उन्हें या तो बना देंगे, या शायद पूर्णिमा जी निकाल भी दें। नहीं तो वो कहेंगी तब बन जायेंगे। अब चेन्नई उठायें?--आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:५१, ७ अगस्त २००९ (UTC)
हां मुझसे पूछा होता, तो मैं ही बता देता, कि ओपेरा में यही समस्या है। हट जाती है, किंतु फिर भी फ़्लॉक १.२.६ बढ़िया है। हां इंटरनेट एक्स्प्लोरर ८ में सभी ऑप्शन आते हैं। वो भि सही है। आज से विकिपीडिया बीटा वर्ज़न आरंब हुआ है, बल्कि अभी से। सबसे ऊपर देखिये। उसे ट्राई कीजिए। बढ़िया लगा है। मैंने चेन्नई की प्रस्तावना अनुवाद की है। समय मिलने पर देखिये गा।और वो मालाबार लेख तो आफने स्वयं ही आलेख प्रत्याशी में लगा लिया, कहने की आवश्यकता नहीं है। कल शिवकुमार शर्मा भी बनाया था।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०७:४१, ७ अगस्त २००९ (UTC)

मैंने चेन्नई अंग्रेज़ी के अनुवाद से ही बनाया था। तब मेरे दिमाग में वही मूल वाक्य थे, इसीलिये तो आपसे कहा ना, कि आप फ्रेश दिमाग से पढ़ेंगी। दूसरा मुझे तब दोबारा पढ़ने का समय भी नहीं मिला, बनाते बनाते ही आपका संदेश आया। तो उसका उत्तर देते हुए ही लिख दिया था, कि पढ़ लीजियेगा। उसके बाद ही मेरी ड्यूटी समाप्त हो गयी थी, आपके दूसरे संदेश का उत्तर भी नहीं दे पाया। अब पढ़ रहा हूं। और इसमें म्माफ़ी की क्या बात है, गलती की है तो सुनूंगा भी, बताएंगी नहीं तो सुधरेगी कैसे? अफ़्रीका का साहित्य प्रशंसनीय है, किंतु उससे ऊपर ये भी, कि मुझे कहीं मिला नहीं, शायद किसी किताब में मिला हो उन्हें। ये तो पता चला था, कि अधिकांश मौखिक, वाचिक ही हैतो उसमें लिखा क्या जाये, किंतु उन्होंने फ़िर सिद्ध कर दिया, कि लिखा क्या जाये। अब इंजीनियर और साहित्यकार में फ़र्क तो है ही ना, हम तकनीक से खेलते हैं, वो भाषा से।हां मैंने चेन्नई एक तो दिल्ली, कोलकाता के बाद मुंबई/चेन्नई का ही नंबर आता है, इसलिए भी उठाया था, दूसरा इसलिये भी कि अभी छोटा है, आलेख के लिए भी चलेगा, मीनव्हाइल हम कोलकाता स्तर का बढ़ा लेंगे। मैंने मेरठ का भी कुछ समय पहले अनुवाद किया हुआ है, मूल अंग्रेज़ी से। बाद में उसे भी देख सकते हैं, वैसे मैटर तो पूरा है उसमें, आपको भाषा ही देखनी है और मैं लिंक्स देख लूंगा। खैर अभी चेन्नई चलायें। --आशीष भटनागर  वार्ता  १२:२३, ७ अगस्त २००९ (UTC) अरे आपने तो इतिहास भी सुधार दिया, उसे तो मैंने अभी छेड़ा ही नहीं था।बस प्रस्तावना ही की थी।--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:२८, ७ अगस्त २००९ (UTC)

हां जी जैसी आपकी आज्ञा। वैसे मैंने भी तो यही लिखा था, कि बाद में उसे देख लेंगे।तो चेन्नई में चलते हैं। हां वो जिन संदत्र्भों का पता नहीं था उन्हें अंग्रेज़ी से जांच कर लगा सकते थे ना, अब कहां से लगायेंगे हटाने के बाद? खैर बाद में देख लेंगे।अभि मैंने अंग्रेज़ी का लेख खोला है, देखता हूं कि क्या हो सकता है। भूगोल, जलवायु, जनसांख्यिकी, यातायात बनाता हूं। आप अपने अंश पसंद कीजिए।--आशीष भटनागर  वार्ता  १२:४१, ७ अगस्त २००९ (UTC)

मरीना बीच[संपादित करें]

यह देखिये मरीना बीच (चेन्नई)। हटाने वाला लेख है मरीना बीच (चेन्नई )। कोष्ठ्क मे अंतर देखिये। --गुंजन वर्मासंदेश १२:५१, ८ अगस्त २००९ (UTC)

चेन्नई का भूगोल लगभग पूर्ण है। कृपया अंग्रेजी लेख मे से geography अनुभाग को देखे, उसमे मिट्टी संबन्धी एक paragraph है। इस का अनुवाद थोड़ा मुश्किल लग रहा है क्योकी मिट्टि के हिंदी मानक नाम मुझे पता नही है और कही मिल भी नही रहे है। कृपया इस का अनुवाद कर के लेख मे लगा दे। धन्यवाद --गुंजन वर्मासंदेश १३:०६, ८ अगस्त २००९ (UTC)
चेन्नई के अंग्रेज़ी लेख में देखिए:
A resident of Chennai is called a Chennaiite. As of 2001, Chennai city had a population of 4.34 million, while the total metropolitan population was 7.04 million.[66] The estimated metropolitan population in 2006 is 4.5 million.[67]
इसका सीधा सादा अनुवाद किया हुआ है।
२००१ में भारत की जनगणना के अनुसार चेन्नई शहर की जनसंख्या ४३.४ लाख थी जबकि कुल महानगरीय जनसंख्या ७०.४ लाख थी। [१६] २००६ की अनुमानित महानगरीय जनसंख्या ४५ लाख आयी है।[१७]
अब इसका क्या हल है, कृपया बतायें। क्या ये भारत की कुल महानगरीय जनसंख्या है? किंतु यदि है तो इसमें से आधी क्या चेन्नई में ही रहती है? दिल्ली, मुंबई और कोलकाता कहां गये?--आशीष भटनागर  वार्ता  १४:४७, ८ अगस्त २००९ (UTC)
लगा तो मुझे भि यही था। किंतु ये अंग्रेज़ी का निर्वाचित लेख है। दूसरा इसका सन्दर्भ खुल नहीं रहा है। तब क्या करें? इसलिए कुछ सब्र करने की सोची और १-२ दिनों में सन्दर्भ खुल जाने पर ही हल निकलेगा, या अंग्रेज़ी में पता करें।निर्वाचित लेख होने से तथ्य इग्नोर करना सही नहीं लगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १४:५६, ८ अगस्त २००९ (UTC)
हां, बिल्कुल यही मैंने भी सोचा था, कि सुधारे हुए लेख, आलेख और निर्माणाधीन लेख सभी वहां लिखे जायें। अभि निर्वाचित और आलेख तो हैं, किंतु अधूरे के स्थान पर निर्माणाधीन लेख को लिख सकते हैं।हां उस पृष्ठ पर वार्ता लिखना कुछ वही बात होगी, जो निर्वाचित लेख प्रत्याशी वाली थी। हां परियोजना पृष्ठ की वार्ता पर लिख सकते हैं। लेकिन अभि तो हम एक दूसरे की वार्ता पर लिख कर ऊपर ऑरेंज पट्टि के द्वारा पता चला लेते हैं, वहां कैसे पता चलेगा?--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:०९, ८ अगस्त २००९ (UTC)
ठीक है, मैं जरा परियोजना पृष्ठ को कुछ सुधार रहा हूं। उसके बाद निर्माणाधीन लेख के लिए स्थान होगा। और एक बार में एक ही लेख तो निर्माणाधीन होगा ना, तब चर्चा उस एक ही लेख के बारे में होगी। हम ऐसा कर सकते हैं, कि अपनी चर्च्चा पूरी होने के बाद, संबंधित चर्चा को वहां कापी कर देंगे। या करे ही वहां?--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:२१, ८ अगस्त २००९ (UTC)
लिजिये चेन्नई की शिक्षा भी पुर्ण हुई --गुंजन वर्मासंदेश १६:४२, ८ अगस्त २००९ (UTC)

हां उपरोक्त लेख के नीचे वाला भाग जो आपको समझ में नहीम आ रहा था, वो अंग्रेज़ी में भी प्रयोग हुआ है, जो कि कुछ खास काम के लिए होता है-संख्षिप्त परिचय। उसे छुपा रखा जाता है। वो सांचे में कुछ कमी थी, जिसे सुधार दिया है। अब नहीं दिखेगा। उसे आलेख के लिए देख लीजिएगा। वैसे मैं कोई लेख तैयार होने पर प्रत्याशी लेखों में नीचे लगा देता हूं। वहां भि मिल जायेगा।

एक और बात हम भारत के शहर तो चला ही रहे हैं, भारत के व्यक्तित्व भी परियोजना आरंभ कर सकते हैं। पर कुछ सक्रिय सद्फ़य हो जायें, और कुछ १०० से ऊपर शहर हो पायें, तब देखेंगे। पहले महानगर, फिर राजधानियां, फिर कुछ और शहर, और १० का आंकड़ा पार। वैसे मुख्य महानगरों के बाद हो सके तो इतने लंबे लेख बनाना छोड़कर कुछ कम भी बना सकते हैं, जो आलेख के लिए चलें, और अधिकतर लेखों के पृष्ठों पर मैटर भि है ही, उसे ही सुधार लें, वर्ना तो इन बड़े शहरों की तरह तो ८-१० दिन प्रति शहर लगेंगे।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:३१, ८ अगस्त २००९ (UTC)
सुधार लिया। देख लीजिए।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:३३, ८ अगस्त २००९ (UTC)
अरे आप जटिलता में क्यों पड़ती हैं। वो तो पहले अंग्रेज़ी के इस ही नाम के परियोजना पृष्ठ को देखा तब अनुवाद कर बनाया, फिर हिन्दी के मुताबिक मोल्ड किया, जैसे आलेख का अनुभाग डाला, क्योंकि उसमें लिखने के लिए बहुत लेख थे। हां, आप सीधे ही विकिपीडिया:विकिपरियोजना भारत के शहर#निर्माणाधीन लेख पर जायें, और चर्चा करें। हां लेख के पूरा होते ही अगला तय होगा, और उस लेख को पूर्ण लेख, या निर्वाचन या आलेख जिस के भी लायक होगा, में डाल देंगे, और यहां नया शहर होगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:५५, ८ अगस्त २००९ (UTC)
हां मैंने अभि देखा, बल्कि आज मैंने भूगोल को आधा अनुवाद भि किया था, किंतु कुछ मेहमान आदि में व्यस्त होने के कारण समय नहीम दे पाया। अफ़्सोस तो हुआ। वैसे मैं अनुवाद का काम घर पर करता हूं, क्योंकि वहाम नेट धीमा है, तो अनुवाद तो वर्ड पर करना होता है। नेट का काम लैन पर यहां करता हूं, तेज है, त्वरित परिणाम मिलते हैं। तो अब अनुवाद तो कल ही करूंगा।और हां बधाई मेरी ओर से भि स्वीकार करें। जल्द ही चेन्नई पूर्ण होने की शुभकामनाएं।--आशीष भटनागर  वार्ता  १७:०७, ८ अगस्त २००९ (UTC)

आज का आलेख[संपादित करें]

आलेख प्रत्याशी में ९ नये लेख तैयार हैं, तब पुराने क्यों लगा रही हैं। कभि कभी १-२ तो चलता है, किंतु जब इतने तैयार हैं, तो पुराने का क्या फ़ायदा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १८:५७, ८ अगस्त २००९ (UTC)

पुरालेख[संपादित करें]

मुनीता जी पुरालेख कैसे बनाते है। मैने कई तरह से प्रयास किया पर बना नही बनाया। मेरा वर्ता पृष्ठ बहुत लंबा हो चुका है। कृपया मार्गदर्शन करे। धन्यवाद --गुंजन वर्मासंदेश ०६:३०, ९ अगस्त २००९ (UTC)

नमस्कार!!! खेल-कूद अनुभाग भी पूर्ण हुआ। --गुंजन वर्मासंदेश १३:१४, ९ अगस्त २००९ (UTC)
आप कौन सा पुरालेख सांचा कह रही हैं? समझ नहीं आया। मुझे तो साँचा:पुरालेख पता है, जिसका अवतरण इतिहास देखें। इसमें मुझे कहीं अपना नाम तक नहीम दिखाता है। तब मैंने कैसे उसे जटिल बना दिया है?--आशीष भटनागर  वार्ता  ०८:५७, १० अगस्त २००९ (UTC)
चेन्नई की प्रशासन, उपयोगी सेवाएं, तथा संस्कृति हो गयी। {{चेन्नई}} भी बनाना आरंभ किया है। अभि एक-तिहाई ही बना है।--आशीष भटनागर  वार्ता  १३:०१, १० अगस्त २००९ (UTC)
नमस्कार! अरे मैंने आपको पहले भी कहा था, कि बुरा मानने या मनवाने की बात न किया कीजिए। आपको जो लगा, आपने कहा, और मुझे जो उत्तर व तथ्य पता थे, आपको बताये, तब क्यों बुरा मानूंगा। खैर, यहां शयद अधिक लिखना उपयुक्त न हो। अब बतायें आज का आलेख का कौन सा सांचा जटिल लगा? साँचा:आज का आलेख में वाला? उसमें {{आज का आलेख में |<लेख का नाम> |<प्रदर्शन_पाठ> |<चित्र_नाम> |<चित्र_के_पीछे_प्रदर्शित_पाठ> }} इस तरीके से लिखें। और पूर्वावलोकन कर देख लें कि साढ़े छः लाइनें यदि चित्र सहित दिख रही हैं, तब एक्दम नपा हुआ पाठ होगा। बस यही मंत्र याद रखें। या कोई अन्य सांचा है तो बतायें। चेन्नई में यातायात को बस बढा देता हूं, और साथ ही इसके लिंक भी बना देते हैं। हां, यदि संभव हो तो आप चेन्नई के अनुभागों की भाषा देख लीजिएगा। अदयार नदी को अड्यार कर दीजियेगा। क्योंकि मैं घर पर हूं। धीमी गति.....। नाइट है। रात में देखूंगा। यहां अनुवाद कार्य करता हूं। हां और सांचा:चेन्नई भी कर दूंगा। फिर बस कड़ियां बना देंगे, और मुंबई में चलेंगे। हां इसके अलावा चौपाल पर मेरा एक उत्तर भी देख लीजियेगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:१७, १२ अगस्त २००९ (UTC)
मैंने आपका वाला भाग दो बार बीच बीच में प्रयोग किया, किंतु उसे सहेज नहीं पाया था। लीजिए अब तो ठीक है न। सभी कुछ आ गया है। वर्तनी और लिंक्स बाकी हैं बस।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:२६, १२ अगस्त २००९ (UTC)

हां जी लीजिए आ गये। जरा खाना खाने गया था।क्या आज्ञा है? हां एक और बाट, १४ अगस्त के लिए कोई जन्माष्टमी से संबंधित आलेख हो जाता तो अच्छा लगता। --आशीष भटनागर  वार्ता  १६:५७, १२ अगस्त २००९ (UTC)

कोई बात नहीम, नींद लीजिए। हां ये इतने सारे लेख परख पर डाल दिये, कुछ खास प्रयोजन है?--आशीष भटनागर  वार्ता  १७:४५, १२ अगस्त २००९ (UTC)
कब चाहिये इसे? बतायें। --आशीष भटनागर  वार्ता  १७:५१, १२ अगस्त २००९ (UTC)
लीजिए सुबह का नाश्ता। हां वो चित्र कब चाहिए, और किस लेख से जुड़ा है? परिचय वाक्य बतायें।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०१:३१, १३ अगस्त २००९ (UTC)
अरे इतनी चिंतित न होइये। मैं अभी बताता हूं। विकिपीडिया:प्रमुख चित्र प्रत्याशी#प्रत्याशी / सुझाए चित्र पर जाइये, और दायीं ओर संपादन करें लिखा हुआ है, पर क्लिक करें। तब वहां {{चित्र पुरालेख|<चित्र का नाम>|<परिचय वाक्य>}} की तरह सांचे में डाटा भरें। अब बताइये क्या समस्या है? मैं लगा तो देता, किंतु आप स्वयं लगायें, और अभ्यास करें< तो बेहतर होगा। कुछ गड़बड होगी तो मैं देख लूंगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:०३, १३ अगस्त २००९ (UTC)

आज का आलेख[संपादित करें]

आपने जो संदेश दिया उसका उत्तर दे रहा हूं। एक बात तो यह है, कि आलेख में निरंतर पुराने लेखों को दिखाने से मैं तो सहमत नहीं हूं। हां ठीक है, कि किसी वजह से हम कुछ नियत समय के लिए पुराने लेख दिखायें, या अधिकतम सप्ताह में २-३ लेख पुराने हों। किंतु इससे अधिक पुराने लेखों को दोहराते रहने से स्तंब में नयापन क्या रह जायेगा। और यदि सुचारु रूप से नये लेख आ रहे हों, तो फ़िर कोई बात ही नहीं है कि मैं लगाऊं। और मैंने खास १५ अगस्त के लिए विश्व हास्य दिवस लगाया था। उसमें यदि कोई कमी लगे तो सुधार दीजिए, या बड़ी कमी हो, तो ठीक है, हटा सकते हैं। यदि पूर्णिमा जी के पास फिल्हाल किसी कारण से पर्याप्त समय नहीं है, तो जबर्दस्ती बोझ की तरह लादना और ऐसी शर्त रखना, कि यदि वो ही लगायें तो ठीक अन्यथा पुरानी लकीर को ही पीटते रहेंगे, सही बात नहीं। सारा उत्तरदायित्व उन्हीं पर डालना तो लादना ही होगा ना।

आप स्वयं भी आलेख के लायक लेखों को उनके पूर्व मार्गदर्शन पर चलकर तैयार कर सकती हैं, हां आरंभ में उनसे दिखा कर पूछ लीजिए, कि और क्या ध्यान योग्य बातें हैं। उन्होंने आपकी इस दिशा में बड़ी तारीफ़ भी की थी। किंतु आप पुराने लगाने में अधिक इच्छुक लगती हैं। तो भी सप्ताह में ३ पुराने लगाइये, इससे अधिक तो अत्यधिक पुरानापन हो जायेगा। हां विशेष अवसरों पर यथासंभव विशेष लेख भी लगाये जा सकते हैं।मेहनत कर लेख बनायें, या विकसित करें तो अच्छा क्यों नहीं बनेगा? हां हम अपनी भूलों को सुधार करें और दोहरायें न, इतना ध्यान अवश्य रखना होगा। आशा है मैं अपनी बात समझा पाया हूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:१४, १४ अगस्त २००९ (UTC)

मुझे यह नहीं लगा कि पूर्णिमा जी इसे देख नहीं रहीं, बस ये कि अभी कुछ व्यस्तता के कारण पूरा समय (पहले जैसा) नहीं दे रहीं। और लेख जबर्दस्ती नहीं लगाये, मैंने बताया था ना, कि १५ अगस्त के लिए खास और नया लेख लगाया था। वैसे तो आज के लिए भी श्रीकृष्ण जी से संबंधित होना चाहिए था, किंतु नहीं बन पाया। और सुझाव भी नीचे जोड़ता रहता हूं। हां बस थोड़ा ये ध्यान रखें, कि सप्ताह में ३ से अधिक पुराने न हों तो अच्छा रहेगा। अन्यथा पढ़े पढ़ाये लेख बार बार आते रहेंगे। हां मैं पुरी तरह मानता हूं, कि गुणवत्ता बनाये रखना अत्यावश्यक है, किंतु ये तो आप भी मानेंगी ना, कि पुरानापन अत्यधिक हावी न हो।और हां, कभी आपको लगे कि मेरा लेख सही नहीं लग रहा, तो मेरी तरफ से स्वतंत्र होकर बेहतर विकल्प लगायें। मैं भी खुश ही होऊंगा। इसमें कोई अहम समस्या वाली बात नहीं है। जैसे आपने चेन्नई के यातायात की बात बतायी थी, जो नेटावर्क के कारण छूट गया था, और आपके बताने पर मैंने उसे वापस लगाया ही था। इसमें मेरा, आपका नहीं हिन्दी विकि का अर्थ सिद्ध होता है। वैसे ध्यान रखा है मैंने, किंतु कुछ गलत कहा हो तो माफ़ी चाहूंगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:२७, १४ अगस्त २००९ (UTC)
चलो बात तो हुई। मुझे तो लगा कि कहीं फ़िर से.....। खाइर मैं ड्यूटी पर तो हूं, किंतु १३३० तक ही। तो लक्ष्य तो नहीं रख सकता हूं, हां साठ अवश्य दूंगा। वैसे मैं अभी चेन्नई की कड़ियां नीली करने में लगा हूआ हूं। उसी के लिए चेन्नई की वृहत त्वरित यातायात प्रणाली (चेन्नई) और उसके स्टेशन बनाये थे। असल में चेन्नई बहुत दिन खिंच गया है। जल्दी निबटा कर मुंबई चलना है ना।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०४:५९, १४ अगस्त २००९ (UTC)

बहुत सही। best of luck :-) -- सौरभ भारती (वार्ता) १४:५०, १४ अगस्त २००९ (UTC)

नमस्कार, स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं॥ हां आपने जो समाचार लगाया है, उसके सन्दर्भ भी तो लगायें। उस ही के नीचे कमेंट में डाल कर। अच्छा अब बतायें आज क्या करना है?--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:५३, १५ अगस्त २००९ (UTC)

चौपाल वाला सांचा पसंद आया? मैंने सभि के वार्ता पर न लगाकर वहीं लगाया है बस।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:५५, १५ अगस्त २००९ (UTC)
{{अ-चित्र}} मैं बहुत से औषधीय पौधे के लेख बना रहा हूं। यदि चाहें तो आप उन्हें आलेख के लिए सुधार सकती हैं। हां, मैग्नोलियोप्सीडा, मैग्नोलियोफाइटा, और कुछ अन्य प्रचलित लेख समय मिले तो बना दें तो अच्छा रहेगा। --आशीष भटनागर  वार्ता  ०७:०३, १५ अगस्त २००९ (UTC)
असल में सन्दर्भ भुवन (सॉफ्टेयर) पर है। मैंने प्रवेशद्वार:हाल की घटनाएँ/घटनाएँ/अगस्त २००९ पर डाल दिया है। आप इसे update कर दीजिए।
स्वतंत्रता दिवस पर सबको शुभकामनाएँ। -- सौरभ भारती (वार्ता) ०८:१५, १५ अगस्त २००९ (UTC)

शुभप्रभात! हां बिल्कुल मुंबई ही चलना है। लेकिन चेन्नई में बहुत से लिंक बचे हुए हैं। सांचा:चेन्नई तो एकदम लाल ही है। या आप मुंबई चलिए, मैं आज प्रयास करता हूं, कि चेन्नई के मुख्य-मुख्य लेख तो बना ही दूं। असल में अंग्रेज़ी से १-२ पैरा अनुवाद, सांचे अनुवाद कर लगाने, और श्रेणियां अनुवाद कर लगाते हुए चलने के कारण कुछ देर हो जती है। किंतु आज कोशिश कयूंगा कि जल्दी कर लूं।तो आप मुंबई की भाषा देखिए। वैसे मुंबई लेख तो वैसे भि मैंने अनुवाद कर काफ़ी कुछ बनाया हुआ है, बहुत पहले का। मैं पीछे पीछे आता हूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:१७, १६ अगस्त २००९ (UTC)

कोशिश करती हूँ मुनिता जी, लेकिन देखती हूँ कि यहाँ गलत लिखने पर कोई शर्म नहीं है, न ही सही हिंदी लिखने पर (प्रबंधकों तक में) कोई रुचि या आग्रह है। लगता है जैसे वे गलत सलत लिखकर कोई एहसान कर रहे हैं हिंदी पर। अगर उनसे कोई कुछ कहे तो भी उसको सुधारने की कोई इच्छा नज़र नहीं आती। जहाँ कचरा ही कचरा भरा हो, इस प्रकार के वातावरण में ठीक हिंदी जाननेवाला काम करना पसंद करे वह असंभव-सा है। मैंने सोचा था कि प्रमुख लेख, और आज का आलेख में मैं कुछ योगदान दे सकती हूँ लेकिन वहाँ तो पहले ही कचरा होना शुरू हो गया है। इसलिए जहाँ काम करने का कोई लाभ न हो वहाँ काम करने से क्या फ़ायदा? इस हिंदी विकि में लेख या पृष्ठ कितने भी बन जाएँ अच्छे लेख बेकार लेखों के कचरे में ढूँढना मुश्किल है। कम से कम कुछ स्तंभ ऐसे होने चाहिए जहाँ गलत लिखने वाले हस्तक्षेप न करें फिर गलत लिखने वाले चाहें प्रबंधक हों या सदस्य। कुछ गलत कह दिया हो तो क्षमा चाहती हूँ। मुझे लगा कि आप प्रबंधक हैं और इस विषय पर अधिकारपूर्वक कुछ निर्णय ले सकेंगी इसलिए लिख दिया। --मुक्ता पाठक १५:०९, १६ अगस्त २००९ (UTC)
लीजिए, मुंबई का ऊपर वाला ज्ञानसन्दूक ठीक हो गया है।यानि लाल रंग खत्म, बस नीला ही नीला।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:१३, १६ अगस्त २००९ (UTC)
अरे मुझे कहां फ़ंसा रही हैं आप। मेरे लिए तो इनीशियल अनुवाद, सांचे, लिंक्स और अन्य काम छोड़ दीजिए। ये भाषा से वैसे ही बहुत लोग दुःखी हैं। फिर मैं मेहनत करूं भि तो ये फिर और दुःखी होंगे। बाद में आपको भी लगेगा, कि लेख पर सारी मेहनत बेकार गई। हां एक बात है, कि जो लोग मात्र आलोचना ही करते हैं, और दूसरी ओर हिन्दी के प्रदर्शन सूची में से हटने की मगरमच्छी आंसू चिंता करते दिखते हैं क्या वे लोग नये लेख बनाते हैं, चाहे ५ वाक्यों के ही बनायें? और क्या पुराने लेखों को ही सुधारते हैं? वो भी नहीं, कोरी आलोचना को कब तक सुनें। और वो हिन्दी विकिपीडिया को क्या देगी भी? न तो लेख संख्या वृद्धि, न लेख गुणवत्ता वृद्धि, न गहरायी वृद्धि ही। तब क्या हम काम करना छोड़ दें?
खैर छोड़िये। हां मैं मुंबई के लिंक्स देख लूंगा। और चाहें तो नीचे वाले खाली शीर्षक अनुवाद। वैसे भाषा भि देख लूंगा, शायद मेरे स्तर से भि नीची हो, तो सुधर पाये।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:३४, १६ अगस्त २००९ (UTC)
अरे आप अभी भी उठी हुई हैं। नींद नहीं आयी? खैर आप उपदेश भी दीजिए, तो स्वीकार्य है। बड़ी बहन समझ कर सुन लूंगा और प्रयास करूंगा कि अमल में लाऊं। हां ये असल में मेरे कीबोर्ड टाइपिंग की समस्या है। तो वो टाइपराइटर टाइपिंग में कुछ और बवाल खड़ा करेगी। असल में मुझे टाइप कर के सहेजने से पहले ध्यान देना होगा। ये बात पूर्णिमा जी ने भी कई बार बतायी थी। पर जल्दबाजी में रह जाता है। फिर भी ध्यान दूंगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १८:२८, १६ अगस्त २००९ (UTC)
शुभ प्रभात! आपने बताया नहीं कि वो जो आपने चित्र सुझाया था, उसे किस लेख से जोड़ना है। मुझे ढूंढने पर अभी वो कहीं जुड़ा नहीम मिला है। तो किसी एक लेख में जोड़ कर एक परिचय वाक्य सहित बतायें।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०१:२४, १७ अगस्त २००९ (UTC)

विकिट्रांस[संपादित करें]

कृपया चौपाल पर विकिट्रांस के बारे में चर्चा पढ़ें। मैंने उसे अंतिम अनुरोध किया है। आज उसने चेन्नई भी बिगाड़ दिया था। खैर वो तो प्राप्त कर लिया गया है, किंतु यदि अब भी वो ये अभ्यास जारी रखे तो उसे निषिद्ध कर सकते हैं।/? --आशीष भटनागर  वार्ता  ०९:५५, १९ अगस्त २००९ (UTC)

{{भारतीय खाना}} में बंगाली व्यंजन तो आप ही डालेंगी न। आप के सिवाय और किसकी हिम्मत होगी? हां पूर्वोत्तर के भी डाल दें तो बहुत अच्छा होगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १३:२३, १९ अगस्त २००९ (UTC)
चिंता न कीजिए, आलेख चलता रहेगा, और हां कोशिश करके पुराने ही लगाता हूं। शायद एक आध नया लग जाये।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:२५, २० अगस्त २००९ (UTC)

नमस्कार ! चौपाल पर वार्ता शीर्षक के लिये एक बॉट बनाने के उपर चर्चा चल रही कृपया आप अपने विचार से अवगत करये। धन्यवाद --गुंजन वर्मासंदेश ०२:०९, २६ अगस्त २००९ (UTC)

धन्यवाद ! बॉट बनाने के लिये अंग्रेजी विकि के एक सदस्य राजी है। वह ही बॉट बनायेंगे। मै आपका संदेश मेरी वार्ता से चौपाल पर स्थांतरित कर रहा हूँ। --गुंजन वर्मासंदेश ०२:२१, २६ अगस्त २००९ (UTC)

कुछ बिन्दु[संपादित करें]

नमस्कार! आपका कम्प्यूटर सही हो गया, बधाइयां। अच्छा कुछ बातें बतानी थीं:

  • मुम्बई का अनुवाद पूरा हो चुका है। उसके लिंक्स बहुत बनाये हैं मैंने, और आगे भी बनाऊम्गा। आप समय मिलने पर देख लीजिएगा। खासकर भाषा को।
  • अगला शहर बंगलुरु करें?
  • मैंने कल सिलिकॉन लेख विकसित किया था। आपने उसमें लिंक्स भी लगाये हैं।तो उसके ज्ञानसन्दूक के लाल लिंक्स यदि बन पडए तो चाहे २ वाक्यों की परिभाषा और लघु आवर्त सारणी सांचा लगा कर नीले कर लीजिए।
  • सांचा:लघु आवर्त सारणी के तत्त्वों के नाम भी अनुवाद हो पायें तो उत्तम होगा।

इन्हें निर्देश नहीं निवेदन समझियेगा, क्योंकि आज मेरा कंप्यूटर शायद काम न करे। बन पड़ा तो मैं भी करूंगा। सधन्यवाद --आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:१९, २९ अगस्त २००९ (UTC)

चौपाल पर बॉट सुझाव[संपादित करें]

नमस्ते मुनिता जी,
चौपाल पर कुछ बॉट के सुझाव दिए हैं। कृप्या उसपर टिपण्णी प्रकट करें। -- सौरभ भारती (वार्ता) १६:४७, १ सितंबर २००९ (UTC)

हा हा, वह आलोक जी ने किया है। मैंने उनसे वार्ता भी की चौपाल पृष्ठ को बदलने के सिलसिले में। -- सौरभ भारती (वार्ता) १८:१८, १ सितंबर २००९ (UTC)
मुनिता जी, बॉट सुझावों पर आपके विचार विलम्बित हैं। कृप्या समय निकालकर देखें कि इससे कुछ फायदा हो सकेगा कि नहीं। -- सौरभ भारती (वार्ता) १९:०४, २ सितंबर २००९ (UTC)

अफ़्रीका[संपादित करें]

मुखपृष्ठ पर अफ़्रीका चयन की बधाइयां।--आशीष भटनागर  वार्ता  १७:३३, १ सितंबर २००९ (UTC)

मेरी तरफ से भी बधाईयाँ। -- सौरभ भारती (वार्ता) १८:२४, १ सितंबर २००९ (UTC)

न्यूरांस का हिंदी मानक शब्द क्या है. धन्यवाद --गुंजन वर्मासंदेश ०५:०८, २ सितंबर २००९ (UTC)

स्वागत के लिए धन्यवाद। -- आलोक ०५:२२, २ सितंबर २००९ (UTC)

आपका संदेश: चौपाल[संपादित करें]

अरे बाप रे!! आपका उत्साह काफी अच्छा हैं। मगर इस प्रकार के लक्ष्य को इतनी संजीदगी से भी न ले। आपका वाक्य "ये दश दिन हमें बताएँगें कि क्या वाकई हम हिन्दी विकि वाले मिलकर काम करने की प्रवृत्ति विकसित कर पाएँ हैं कि नहीं।" काफी भयभीत करता है हमें। :) --मितुल १८:१३, २ सितंबर २००९ (UTC)

शुभकामनाएं[संपादित करें]

नये साजो-समान की तैयारी। आप नये अस्त्र-शस्त्रों (कीबोर्ड व माउस) से लैस होकर तैयार हैं। तो बस कूच करते हैं। विजय हमारी ही होगी। वैसे मेरी दुआएं काम आयीं। वैसे तो मैं बंगलुरु कह रहा था, किन्तु अब लगता है, कि १५ तारीख के बाद ही कुछ नया करेंगे। अभि लक्ष्य प्राप्ति। --आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:२३, ३ सितंबर २००९ (UTC)

अरे आपके कंप्यूटर का भूत अब मेरे डाटा कार्ड पर आ गया है। ३-४ दिनों से MTNL में कुछ समस्या थी, अब मेरे कार्ड के कनेक्शन में। तो अब फिलाह आफ़िस का ही सहारा है। घर पर मुश्किल हो रहा है। इसीलिए मैंने कुछ ऊंचा लक्ष्य नहीं रखा है, कि कहीं पहुंच ही न पाया तो अच्छा नहीं लगेगा। वैसे प्रयास करूंगा, कि ऊपर जाऊं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०७:४४, ३ सितंबर २००९ (UTC)
namaskAr, kaise patA calegA kitane hue? वैसे इस आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री के कारण कुछ व्यस्त हो गया। तो कह नहीं सकता हूं। --आशीष भटनागर  वार्ता  १२:२२, ३ सितंबर २००९ (UTC)
मुझे लगता है मेरे करिब १२०-१३० हो गये होंगे कल रात से। आज ५० और जोड़्ने की कोशीश करता हूँ। --गुंजन वर्मासंदेश १३:५७, ३ सितंबर २००९ (UTC)
आपके अनुसार मेरे १८९ हुए, किंतु ये नहीं बताया आपने कि कैसे पता चलेगा?--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:२८, ४ सितंबर २००९ (UTC)
उड़ी बाबा! शौत्ती, एतनी मेहनत, मैं तो नहीं कर पाऊंगा। और कोई शॉर्टकट ढूंढना होगा।खैर कल तो खाद्य पदार्थों से काम चल गया, आज क्या करूं, देखना होगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:४३, ४ सितंबर २००९ (UTC)

कृपया इस विषय को देखें--सुमित सिन्हावार्ता १३:०२, ४ सितंबर २००९ (UTC)

मेरा काम[संपादित करें]

हां जी, मेरा काम का सामान तैयार हो रहा है। आप चाहें तो उसमें हाथ बंटा लीजिये गा। मैं लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के सांचे बना रहा हूं। ५-६ बन जायें तब उनके लेख बनाऊंगा। ऐसे ही कुछ सांचे आप भी प्रयोग कर लीजिये। या मैं कुछ हिन्दी का सूचीनुमा मैटर ढूंढ कर देता हूं। असल में मेरे डआटाकार्ड ने बहुत परेशान किया हुआ है। दिन भार घर पर लगा रहा-कुछ खास नहीं हुआ।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:३३, ५ सितंबर २००९ (UTC)

यहां से फ्रांस के शहरों की सूची मिलेगी। और यहां पर अलग अलग देश के शहरों की सूचियां मिल जायेंगीं। बस उन नामों को लेकर हिन्दी अनुवाद कर दीजिए। सांचा:कानपुर, से देखकर सांचा बना दीजिए, और बस

'''{{PAGENAME}}''' [[फ्रांस]] का एक शहर है।

{{फ्रांस के शहर}}

[[श्रेणी:फ्रांस के शहर]]

बस इतना लिखकर एक एक लेख बनाती जायें। ठीक?--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:४३, ५ सितंबर २००९ (UTC)

आप चाहें तो वायरस/बैक्टीरिया की सूची दे दीजिए। मैं उसे सांचा बना दूंगा। सभी के नीचे लगा दीजिएगा। एक वाक्य से बेहतर लेख बन जायेगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:५४, ५ सितंबर २००९ (UTC)
इच्छा और समय तो निकाल लूंगा, किंतु इनके नाम हिन्दी में अनुवाद तो कर दीजिए। हिन्दी सूची दीजिए, फिर सांचा बना देता हूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:२६, ५ सितंबर २००९ (UTC)

अंधी दौड़[संपादित करें]

यदि हम नये निर्मित लेखों में कम से कम पाँच वाक्य लिखकर पचास हजार का आंकड़ा छू सकते हैं तो अति-उत्तम; यदि नहीं छू पाते तो भी प्रयास जारी रखा जाय और जो होगा वह उत्तम होगा। आपने मेरे कथन में विरोधाभास देखा और उसे सामने लायीं, इसके लिये साधुवाद! अनुनाद सिंह ०९:४६, ८ सितंबर २००९ (UTC)

अरे आपने ये कैसे समझ लिया कि मैं ५०,००० की दौड़ से दूर हूं। आपने शायद देखा नहीं, कि मैंने ही सबसे पहले अपना लक्ष्य प्राप्त किया है।(आंकड़ों के अनुसार)। और हमेशा ही इस बात पर जोर दिया है। मैंने तो बस ये ही लिखा था, कि मात्र १ वाक्य लेख बनाने से बेहतर होगा, कि हम ४-५ वाक्यों के लेख बनायें, या उनमें शांचे या ज्ञानसन्दूक लगायें। वो भी यथासंभव। जिससे जो बन पड़े। बाकी सबका अपना सामर्थ्य और दिशा होती है। यहां तो हम सभी खुले ही भागते हैं, बस आवश्यकता है तो एक अनुशासन में बंधने की। आप निश्चिन्त रहें, निजी लक्ष्य पूर्ण होने पर भी सबका कॉमन लक्ष्य भी प्राप्त करेंगे, और निश्चय ही करेंगे। इसके लिए आपको अनुरोध करने की आवश्यकता नहीं है। वैसे भी आप तो सीधे जोर से भी कह सकती हैं। खैर मेरे प्रयास जारी हैं।--आशीष भटनागर  वार्ता  १४:०३, ९ सितंबर २००९ (UTC)

चार लाइनें[संपादित करें]

Munita Prasad जी कृपया इसका सन्दर्भ तो बताएँ, मुझे समझ नहीं आया। आपने जो लिखा है कुछ कुछ "सत्यमेव जयते" जैसा सार्वभौम सर्वमान्य बातें लिखीं हैं और वह मुझे मान्य हैं। :) सवाल यह है कि किस सन्दर्भ में आपने यह याद दिलाया? -- आलोक ०८:०५, १० सितंबर २००९ (UTC)

समझा। दरअसल मैं अनुवाद शुरू करने के पहले {{अनुवाद_आधार}} लगाना भूल गया था। कोशिश तो यही रहती है कि जिस दिन शुरू करूँ उसी दिन अनुवाद पूर्ण भी कर लूँ पर लंबे लेखों के साथ ऐसा नहीं हो पाता है। -- आलोक ११:३१, १० सितंबर २००९ (UTC)

वार्ता पन्ने[संपादित करें]

इनके लिए तो SmackBot है, आप क्यों तकलीफ करती हैं? :-)

आज एक रोहित रावत दिखे (चौपाल पर), क्या ये वही पुराने वाले हैं? -- सौरभ भारती (वार्ता) १४:५५, ११ सितंबर २००९ (UTC)

मुनिता जी, कृपया रक्तहीनता को पुनः रक्ताल्पता करें, किसी ने अनावश्यक रूप से नाम बदल कर रक्तहीनता कर दिया है। कृपया गैलापागोस द्वीपसमूह्, शिश्न, मॉरीशस जैसे लेखों को सुरक्षित करें।

दिनेश स्मिता आदरनिय मुनिता प्रसाद जी ,

मै मनीश शर्मा अजमेर निवासी फोतोग्राफी के व्यावसाय को करता हू मुझे हिन्दी लिखने मे 

काफी परेशअनी आ रही है । परन्तु मै विकिपिदिया का सक्रिय योगदानकर्ता बनना चाहता हू । आप से आशा कर रहा हू , मार्गदर्शन् करे । मै फोतोग्राफी से सम्बन्धित बहूत अच्च्हा योगदान कर सकता हू ।

प्रबंधक पद के लिए निवेदन्[संपादित करें]

नमस्कार! आपने मेरे वाले दो संदेश उपरोक्त लेख से हटा क्यों दिये। और हटाये भी थे, तो कहीं तो रखे होते, वार्ता या पुरालेख में।--आशीष भटनागर  वार्ता  १४:०३, १७ सितंबर २००९ (UTC)

कोई बात नहीं। मुझे लगा कोई खास कारण तो नहीं था। असल में रोहित और आलोक ने मेहनत तो की ही है ना। तब उनका नाम भि स्मरण तो करना ही चाहिये था।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:०४, १७ सितंबर २००९ (UTC)

नमस्कार[संपादित करें]

नमस्कार मुनीता जी। मैने आपके वार्ता पर एक संदेश छोड़ा था पर शायद वार्ता पृष्ठ को संवारते समय वह कही खो गया। खैर मेर संदेश यह इस लेख के बारे मे था सिंह । इस लेख को निर्वाचन तक ले जाया सकता है। एक बार देख लिजिये और अपने विचारो से मुझे अवगत कराँए। --गुंजन वर्मासंदेश १६:१५, १७ सितंबर २००९ (UTC)

आपके द्वारा बनाये जा रहे या विकसित किये कई लेखों को देखा। काफ़ी अच्छे लघु लेख हैं। हालांकि ऐसे ही सभी १-वाक्य लेखों को सुधारना चाहिये, किंतु इसमें बहुत समय लगेगा। हां आप आलेख को नहीं देख रहीं क्या? तभी मुझे देखना पड़ा। असल में मैं तो लेख तैयार कर उसके नीचे सुझाव में ही लगाता रहता हूं। किंतु एक बार पूर्णिमा जी ने ४-५ लेखों को लगा दिया। तब उनका सांचा बनाना पड़ा। उसके बाद भि आपने नहीं उठाया, तो आज बाकी लगाये। इसमें मुझे कोई समस्या नहीं, किंतु आपके हाथों से लगे तो अच्छा लगता है।
हां, क्या अब अपनी शहर परियोजना उठायें? बंगलुरु प्रतीक्षारत है। और अब तो शायद पिछले चारों जैसे लंबे लेख भी न बनें। कुछ छोटे से काम चल जायेगा। उसके अलावा अगले माह के लिए निर्वाचित लेख चुनना होग न। परख से देखें।--आशीष भटनागर  वार्ता  १८:४८, १७ सितंबर २००९ (UTC)
निर्वाचन के लिए लखनऊ उठायें?--आशीष भटनागर  वार्ता  १८:५३, १७ सितंबर २००९ (UTC)
हां, इसीलिए मैंने वो तालिका बनायी है। बस जरूरत है तो इस काम के लिए एक बहुमत जुटाने की, दूसरे बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा? पूर्णिमा जी बड़े अच्छे ढंग से ये काम कर सकती हैं। उनसे बात की जाये।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०१:०७, १८ सितंबर २००९ (UTC)

आज का अलेख[संपादित करें]

कृपय़ा इन दोनो लेखो को आज के आलेख के लिये विचार करे। धन्यवाद --गुंजन वर्मासंदेश ०३:४८, २१ सितंबर २००९ (UTC)

नमस्कार
मैं विराट को सुधार रहा हूं। तब चित्र दीर्घा लगायी थी, ये देखने के लिए कि सारे चित्र आते हैं, कि नहीं। सब आ गये, उतने में ही ज्ञानसन्दूक बनाने लगा। उसे पूरा करने पर चित्र भी सुधार दूंगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:३२, २१ सितंबर २००९ (UTC)
अरे तो ३० अगस्त की बात अब क्यों बता रही हैं, सकय रहते पता चलता तो बदल सकते थे। इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं, किंतु मैंने पहले भी बताया था न कि कुछ लेख जल्दी में ही लगे थे। शायद लग गयआ हो बिना देखे। या कुछ रह गया हो तो आप कर दिया कीजिए, या बदल दिया कीजिये। कोई बात नहीं, अब तो हमारे पास बहुत से लेख एडवांस में हैं। साथ ही मेरा लक्ष्य प्रतिदिन एक अच्छा लेख तैयार करने का सही चल रहा है। तब आशा है, कि कमी नहीं रहेगी। और पुराने संग्रह अभिलेख तो हैं ही, स्टेपनी की तरह।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:४५, २१ सितंबर २००९ (UTC)
हां तो लगाये तो हैं पुराने भी बीच बीच में। शायद आपने ध्यान न दिया हो।आ.भ.
अरे बाप रे बाप! इतना बड़ा ओ.के। अभी नाराज तो नहीं हैं। वर्ना सॉरी.....
होनी भी नहीं चाहिये, एक परांठे के चक्कर में नाराजगी नहीं मोल लूंगा। वैसे भी नवरात्री के व्रत चल रहे हैं।...
विराट की चित्र दीर्घा कुछ साफ की है। अब ज्ञानसन्दूक बड़ा है तो है, इसमें क्या कर सकते हैं। या तो पाठ बढ़े, या बाहरी कड़ियाँँ लगें। हां मात्र इस कारण से ज्ञानसन्दूक की सूचना घटाना सही होगा क्या? कि वो पाठ से बड़ा हो रहा है।...
मुनिता जी ! बाजश्रवा के बहाने काव्य संग्रह है किन्तु पुस्तक का जो चित्र दिया गया है उसके नीचे उपन्यास लिखा है , उसे ठीक कर दीजिएगा। -- डॉ॰ जगदीश व्योम ०७:३६, २१ सितंबर २००९ (UTC)

तंत्रिका तंत्र[संपादित करें]

मुनीता जी तंत्रिका तंत्र दो प्रकार के होते एक जैविक (biological neural network) और कुत्रिम (artificial neural networks) जो की गणित का एक algorithm है. मैंने जब कुत्रिम तांत्रीक तंत्र पर लेख बनाया था तो जैविक तांत्रीक तंत्र नामक लेख भी बनाना पड़ा दोनों के बीच अन्तर दिखने के लिए. मेरे हिसाब से तांत्रीक तंत्र और जैविक तंत्रिका तंत्र को मर्ज करना ही ठीक रहेगा क्योकि दोनों का content सामान है. --गुंजन वर्मासंदेश ०३:४७, २२ सितंबर २००९ (UTC)

अंग्रेजी विकी पर तांत्रिक तंत्र को en:Biological neural network के नाम से ही लेख है ना की neural network. Neural network के नाम से एक बहुविकल्पी पृष्ठ है. --गुंजन वर्मासंदेश ०३:५५, २२ सितंबर २००९ (UTC)

धन्यवाद[संपादित करें]

स्वागत संदेश के लिए शुक्रिया। हस्ताक्षर करने की पहली कोशिश कर रहा हूँ। शायद सफल हो जाय। --अनिरुद्ध १५:५६, २३ सितंबर २००९ (UTC)

नमस्कार और पूजा की शुभकामनाएं। मैंने बहुत पहले से सोचा हुआ था, कि आपको शुभकामनाएं दूंगा। किंतु आज सुबह काम में लग गया और भूल गया। खैर , चलिए अब ही सही। हां मैंने सोचा कि पूजा से पूर्व सारे रोग निबट जायें, तब देवी की कृपा होगी। पर अभी बहुत बचे हैं। हां हो सके तो दुर्गा पूजा लेख विकसित कर दीजिए, जिससे कि वो आलेख में नवमी तक लग पाये।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:३९, २४ सितंबर २००९ (UTC)

भारतीय नौसेना पोत विराट[संपादित करें]

इस लेख में सांचा एक ज्ञानसन्दूक है। तो इसे बदलने पर सभी जगह पर बदलाव आ सकते हैं। जो शायद अन्य लेखों में उपयुक्त न भी हों। वर्ना अंग्रेज़ी में भी होता ही। हां आलेख के लिए भी सांचे सहित चलेगा। इसमें परेशानी क्या है? सांचे की पूरी लंबाई तक चित्र दीर्घा पूरी आ तो रही ही है। और सांचे में आवश्यक पाठ ही है ना, न कि गलत पाठ। तब ऐसे भी चलेगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:४१, २५ सितंबर २००९ (UTC)

धन्यवाद मुनीता[संपादित करें]

मैंने सुझाव इस लिए नहीं दिया था कि यह भारत सरकार का कोई आदेश है. मैंने पूर्णविराम (.) की सुंदरता के कारण ऐसा लिखा था. दूसरे भारत में ही अंकों को कई तरह से लिखा जाता है. भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप (1, 2, 3,4,...) का प्रयोग होने से यहाँ उनकी एकरूपता बनी रहेगी. आपने हिंदी विकि पर बहुत कार्य किया है इसके लिए बधाई. एक मदद मुझे भी दें. मुझे कोई मदद चाहिए तो मैं help शब्द को इन कोष्ठकों {{}} में रखता हूँ तो वह रेड इंक में इस तरह आता है साँचा:Help. क्या हिंदी विकि में कोई अलग तरीका है. कृपया मार्गदर्शन दें. मैं शीघ्र हिंदी विकि पर आ रहा हूँ. Bhagat.bb (talk)


प्रिय मुनीता[संपादित करें]

मैने गलती से अपरा को गर्भनाल नाम दे दिया है, कृपया अपरा (गर्भ) पृष्ठ से गर्भनाल शीर्षक को अलग कर दें क्योकि मै इस शीर्षक से भी पृष्ठ बनाना चाहता हूँ.

सदस्य: दिनेश स्मिता

मैंने आप की बात मानी[संपादित करें]

मेरे वार्ता पृष्ठ पर आपने मुझे योगदान के लिए कहा है. मैंने आज इसकी शुरुआत कर दी है. कृपया शिव ब्रत लाल देख लें. यह केवल शुरुआत है. मैं अनूदित और मौलिक लेखों के साथ आ रहा हूँ. आशा है आपका मार्गदर्शन मिलता रहेगा. --Bhagat.bbवार्ता (B3 १४:५५, २६ सितंबर २००९ (UTC))


मुनीता जी,[संपादित करें]

मैने कोशिका को कोशिका (जीवविज्ञान) नाम सिर्फ शीर्षक को एक वैज्ञानिक आधार देने के लिए किया है, अन्य कोई परेशानी मुझे नज़र नहीं आई.

दिनेश

धन्यवाद मुनिता जी

हिन्दी साहित्यकारों पर आप कार्य कर रही हैं। मेरा पूरा सहयोग रहेगा। मैं भी कुछ नए लेख हिन्दी साहित्यकारों पर बना रहा हूँ, यदि आप एक सूची बना लें कि किन किन साहित्यकारों पर आप लेख बना रही हैं तो ठीक रहेगा।-- डॉ॰ जगदीश व्योम ०७:१०, १ अक्तूबर २००९ (UTC)