सदस्य वार्ता:Kapinder sharma

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आज के हालातों को देखते हुए ये रचना लिखी गयी है । जिसमें एक गौ माता आज के युग को देखकर परेशान होती है और मन में क्या सोचती है --------    

  🙏 *गौ माता की रागनी* 🙏

कलयुग के म्हां पाप बढे और गऊ का मान रह्या कोन्या !*

कित सोगे म्हारे हिन्दुस्तानी , वो हिन्दुस्तान रह्या कोन्या !!   टेक*

१ . गऊ माता का मान करै जो , ना होवै कदे भी हाणी

उनका नाश होया करै सै , जिनैं गऊ हत्या की ठाणी

कृष्ण राज मैं गऊ पुजैं थी , ना चाहिए रीत भुलाणी

हरफूल जाट नै हत्थे तोड़े , था जिसका गाम जुलाणी

इब गऊ तैं करैं गिलाणी रै , वो गऊ का दान रह्या कोन्या !!

२. सरपंच और एम.एल.ए. तक भी , कसाईयों से व्यावहार करैं

दो - पैसे के लोभ मैं फ़ंसकै, ये गऊवां का व्यापार करैं

मां की ईज्जत दांव पै लाकै , खुद नै गुनाहगार करैं

पुलिस आले भी इन गुन्डया नै , जाणबूझ कै बाहर करैं

ये राष्ट्र नै शर्मसार करैं , वर्दी का ध्यान रह्या कोन्या !!

३. दर दर की या बणी भिखारण , ना फेर भी खाण नै थ्यावै सै

किस पापी नै सूनी छोडी , अगले नै गाल सुणावैं सै

गऊ माता पै जुल्म करैं ये , बेरा ना के चाहवैं सै

हरी घास तक गेरै ना कोए  , मार पीट कै तावैं सै

तनै म्हारा घर क्यूं पावै सै , के बियाबान रह्या कोन्या !!

४. श्रीनिवास शर्मा गुरुजी रोवैं , देख जगत के कर्मा नै

गऊशाला मैं गऊ का खाज्यां , लोग भूलगे धर्मा नै

हाड मांस तक छोडै ना ये , बिकवादे गऊ चर्मा नै

लाखण माजरे मैं कथा बणादी , भगत कपीन्द्र शर्मा नै 

इब तो भर दयो गौ मर्मां नै , के यो भगवान रह्या कोन्या !!

कपीन्द्र शर्मा (8529171419)

©® Kapinder Sharma

ईमेल - kapinderbhardwaj@gmail.com

भ्रूण हत्या[संपादित करें]

रागनी भ्रूण हत्या

गर्भ से बेटी की पुकार

गर्भ से बेटी कहण लगी , बात सुणो एक मेरी माँ ! बिना खता मनैं रहे सता , क्यूँ दई ज्यान पै घेरी माँ !! ( टेक ) 1. सारी बात सुणली थारी , जो जिक्र था मेरे मरावण का  अवैध कर्म करया यो तम्ह नै , अल्ट्रासाउंड करावण का सौ गऊवां का पाप लगै सै , माता गर्भ गिरावण का  कन्या रक्षा धर्म बताया भव -सागर पार तिरावण का  कई सुता तनैं जन्मी कोन्या , न्यूं बेटी तेरी टेरी माँ !! 2. क्यूं बेटा -बेटा कररी सै मैं , बेट्यां तैं घणा ख्याल करूं  बेटा संभालै एक कुटुम्ब नै , मैं दोयाँ की संभाल करूं  जिब बेटे मारैं धक्के तेरै , मैं तेरी देख - भाल करूं  थारी ईज्जत बिगड़ण दयूं ना , बुरे करमां की मैं ताल करूं  बिना कहे सब काम करूंगी , नही लगाऊँ देरी माँ !! 3. तूं खुद देखै दुनिया मन्नै , गर्भ बीच मरवावै ना  बेटा - बेटी समान होवैं सै न्यूं तनै कोए समझावै ना  सारी दुनिया जै गर्भ गिरादे , तो बेट्या नै बहु थ्यावै ना  मैं भी चाहती जगत देखणा , तूं कहर मेरे पै ढावै ना  मेरे नाम की तूं देवी माता , क्यूँ नजर तन्नै फेरी माँ !! 4. खाणा खाती नै टोक लियो चाहे , उठ बीच मैं काम करूं  खेल - कूद और पढ़ - लिख कै थारा रोशन जग मैं नाम करूं  श्रीनिवास शर्मा सतगुरु नै फेर , बोडर ऊपर सलाम करूं  दुनिया के म्हां नामी अपणा मैं , लाखणमाजरा गाम करूं  कह कपीन्द्र शर्मा मानैगी तो , इतणिए बात भतेरी माँ !! 8529171419

Kapinder sharma Kapinder sharma (वार्ता) 11:24, 11 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]