सदस्य वार्ता:अनुनाद सिंह/इन्दौर के लोगों से सम्पर्क

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अनुनाद जी, मैंने कभी भी इंदौर का दौरा नहीं किया। परन्तु मुझे कुछ इंदौर के लोगों से सम्पर्क का अवसर प्राप्त हुआ। रिचा जैन नामी एक महिला मेरे साथ एक ही संस्था में लगभाग दो साल काम करती रही और इसके पश्चात उसने अपने पति से प्रेरित होकर आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। जिस समय वो यहाँ थीं, एक अवसर था कि इंदौर में एक शोधपत्र प्रस्तुत किया जाय। आश्चर्य की बात है कि इस महिला ने ये कहकर इंकार किया की इन्दौर जाने के लिए हमारे यहाँ से दो ट्रेन बदलने पड़ते हैं। हालाँकि मैं इस कठिनाई के बावजूद जाने तैयार था, परन्तु मेरी संस्था ने मुझे इंदौर के बजाय चेन्नई भेजा। एक और इंदौर ही की महिला डॉ० कल्पना अगरवाल से भी एक प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यशाला में मिला था और मुझे हैरत हुई कि ये महिला मात्र २८ साल में वो पी०एच०डी० कर चुकी थीं और इसके बाद के शोध के अवसर ढूंड रही थीं। इससे पता चलता है कि इंदौर के लोग शिक्षा और ज्ञान सीखने और इसे नई दिशाओं में प्रयोग में लाने में तेज़ है।

मेरा एक अनुमान है कि श्रीमती मनीषा कुलश्रेष्ट जो हिन्दीनेस्ट डॉट कॉम जालस्थल चलाती हैं, भी इन्दौर से हैं। यदि ये सही है तो मैं उनसे कई बार ईमेल के माध्यम से संपर्क कर चुका हूँ क्योंकि जालस्थल पर मेरा भी योगदान पाया जाता है। Hindustanilanguage (वार्ता) 10:12, 5 अगस्त 2013 (UTC).[उत्तर दें]

हिन्दुस्तानीलैंग्वेज जी, आप तो इन्दौर के बहुत से लोगों को जानते हैं! मैं मनीषा जी के लेख तो पढ़ा हूँ किन्तु उनके बारे में और कोई जानकारी नहीं है। शेष दो विदुषियों को तो बिलकुल नहीं जानता। इतना कह सकता हूँ कि हिन्दी की दृष्टि से इन्दौर मध्यभारत हिन्दी साहित्य सभा तथा डॉ वेदप्रताप वैदिक प्रसिद्ध हैं।-- अनुनाद सिंहवार्ता 13:19, 5 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]
एचएल जी मैं थोड़ा सा भ्रमित हो चुका हूँ। क्योंकि मैं आपका यहाँ ये बातें लिखने का कारण सही से नहीं समझ पाया। ये आपकी व्यक्तिगत बाते हैं। आपने उम्र की बात की तो जहाँ तक मेरा अनुमान है अधिकतर हिन्दी विकिपीडिया सक्रिय सदस्य २८ वर्ष से कम उम्र ही रखते हैं। इसके अलावा (ध्यान रहे मैं कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांग रहा) हम आपको एचएल जी अथवा Hindustanilanguage के नाम से जानते हैं जबकि यह किसी पुरुष अथवा स्त्री का नाम हो ऐसा मुझे नहीं लगता। यह केवल आपका विकी नाम है जिसका आपके जीवन से संबंध हो सकता है लेकिन उस नाम से हम आपकी जानकारी प्राप्त नहीं कर सकते। अनुनाद जी से पूर्व उत्तर देने के लिए क्षमा चाहता हूँ।
हाँ एक त्रुटि भी सुझाना चाहता हूँ। कृपया "डॉ॰" को "डॉ०" न लिखें। नारायम में लाघव चिह्न की सुविधा उपलब्द्ध नहीं है शायद इसी कारण आपसे यह गलती हुई।☆★संजीव कुमार (बातें) 12:31, 5 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी, केवल २८ वर्ष की आयु में यदि कोई महिला न केवल Ph D करे, बल्कि Post-doctoral research का मार्ग चुने, ये कोई साधारण बात नहीं है। ये सफलता इसलिये भी विशेष है क्योंकि मैं एक शादीशुदा स्त्री की बात कर रहा हूँ।
मनीषा जी के सन्दर्भ में एक दिलचस्प बात ये है कि उनके पति वायुसेना में हैं (जैसा कि २००५ में मुझे बताया गया), इस कारण वो कई स्थानों का दौरा करती आई हैं। वो मुझसे भी मिलने की इच्छुक थीं क्योंकि वो मेरे शहर आ रहीं थीं, पर दुर्भाग्य से उसी समय मुझे सरकारी काम से बाहर जाना पड़ा था, इसलिये मैं उनसे मिल नहीं सका। Hindustanilanguage (वार्ता) 15:56, 5 अगस्त 2013 (UTC).[उत्तर दें]
एचएल जी वैसे यह अपने विवाद का विषय नहीं है। आपने यह ठीक भी कहा कि एक शादीशुदा महिला पीएचडी का मार्ग चुन रही है और २८ वर्ष की आयु में इसे पूर्ण भी कर रही है। लेकिन मुझे यह आश्चर्यजनक इसलिए लगा क्योंकि मैं यदि अच्छे से मेहनत कर पाउंगा तो २८ वर्ष की उम्र पाने तक पोस्टडॉक भी पूर्ण कर दुंगा और मेरे साथ की जो भी लड़कियाँ (मेरी स्नातकोत्तर में सहपाठी थी) पीएचडी करना चुन चुकी हैं वो सब २८ की आयु प्राप्त करने से पहले पीएचडी पूर्ण कर लेंगी। लेकिन जो भी हो एक शादीशुदा महिला के लिए यह उपलब्द्धि कम नहीं है। वैसे जाने दो, मेरी टिप्पणी को स्पैम मानकर त्याग दें।☆★संजीव कुमार (बातें) 16:54, 5 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी, अनुनाद जी और मेरे बीच बहुत ही सभ्य अन्दाज़ ही में सही, पर कठोर वार्ता हो चुकी है। ये भी आप जैसे लोग ही, जिनका हम दोनों से कोई निजि सम्बंध न हो, फ़ैसला कर सकते हैं कौन अधिक कठोर रहे हों। पर हम वर्तमान में जीते हैं और पिछली बातों से हटकर यदि भविष्य में हम हिन्दी विकिपीडिया की सेवा के लिये एक जुट हो जाएँ, तो मुझे नहीं लगता है कि ऐसा प्रयास बुरा होगा। यदि इसपर आपको आपत्ति हो तो कृपया मुझे यहाँ या फिर मेरे वार्ता पन्ने पर सूचित कीजिये। Hindustanilanguage (वार्ता) 17:38, 5 अगस्त 2013 (UTC).[उत्तर दें]
मुझे नहीं लगता यह कोई कठोर वार्ता हो चुकी है। इसमें बस इतना ही है अनुनाद जी कठपुतली जाँच करवाना चाहते हो और उसमें आपको भी ऐतराज नहीं है। फैसला आने पर एक को तो हार माननी होगी। अब इस बारे में मैं क्या कहुँ कि अनुनाद जी क्या सोचते हैं और कठपुतली का पता कैसे लगाया जाता है? मैं तो जब विकिपीडिया पर सक्रिय रूप से आया था तो कठपुतली और बिल जी पर विवाद का बोलबाला था। अब मुझे नहीं लगता कि मैंने नामांकन करके कोई गलती की थी। लेकिन मैंने यह कदापि नहीं सोचा था कि नामांकन का परिणाम तो आधा-अधुरा निकलेगा लेकिन विवाद सातवें आसमाँ पर होगा। आप देख सकते हैं Hunnjazal जी की अर्ध टिप्पणी पर भी मैंने तो लघु चर्चा उनके वार्ता पृष्ठ पर ही की थी। लेकिन जो कहते हैं ना कि होनी को कौन रोक सकता है वो ही हो रहा है। मुझे यह भी नहीं लग रहा मेरे टिप्पणियाँ करने का कोई परिणाम निकलने वाला है। इन सबसे मुझे तो सोमेश जी याद आते हैं जिन्होंने "आर. डी. बर्मन" नामक पृष्ठ के वार्ता पन्ने पर कहा था कि चौपाल पर क्या चल रहा है उन्हें नहीं मतलब। मैं तो अब यह ही चाहता हूँ कि यह विवाद कैसे भी करके ख़त्म हो जाये। तो मेरा पीछा छूट जाये। मैं तो बाद में मुझ से जो हो सकेगा विकी को देता रहुंगा लेकिन इन राजनैतिक पदों से दूर ही रहुँगा। मैं कुछ कहता हूँ तो कई लोगों को लगता है मैं अनुनाद जी का पक्ष ले रहा हूँ। मुझे तो यह आश्चर्य है कि अनुनाद जी के बारे में मैंने नामांकन के बाद बहुत कुछ कहा था लेकिन उन्होंने खुलकर यह नहीं कहा कि मैं किसी का पक्ष ले रहा हूँ। अन्यथा मेरी ऐसे मामलों में दोनों तरफ से मार हो जाती है। आप ये मत समझो की इस मामले में आप फंस गये हो अथवा आपका नाम उछाला गया है। मुझे तो लगता है इस मामले में मैं, आप, अनुनाद जी, Hunnjazal जी, बिल जी, सिद्धार्थ जी और कुछ हद तक माला जी एवं आशीष जी भी फंस चुके हैं। हाँ माला जी और आशीष जी आंशिक रूप से फंसे हैं अतः उन्हें शायद ही यह ऐहसास हो। लेकिन अन्य सदस्य इस तरह से फंस गये हैं कि कोई भी बाहर निकलना चाहता है वो और बुरी तरह से फंस जाता है। मैंने तो यह भी विचार किया कि विकी से एक माह की छुटी ले लूँ जिससे मामला अपने आप शांत हो जायेगा लेकिन वह तो बिल्कुल वैसा ही होगा जैसे आग लगाकर भाग जाना। अतः मामला शांत होने से पहले मैं भी नहीं निकल सकता। अब आप ही बताओ मैं क्या कर सकता हूँ।☆★संजीव कुमार (बातें) 19:02, 5 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी, असली दुनिया की समस्याओं की तरह विकि-संसार की समस्याएँ भी ऐसी हैं जिनका समाधान समय ही कर सकता है। पर इस समय आपको विकिमीडिया कॉमन्स अथवा पुर्तुगाली विकिपीडिया के प्रबंधक के जीवन और "२८" वर्ष से भी कम आयु में रचनात्मक योगदान का परिचय देना चाहूँगा। शायद इसे पढ़कर और इसके विषय में सोचकर आपके मन को शांति मिले। देखिये: । ये भी याद रहे कि हमारे यहाँ Vibhijain (वैभव जैन) की आयु निश्चित रूप से २० वर्ष से कम है। पर माननीय सदस्य का लेख-योगदान अच्छा है। Hindustanilanguage (वार्ता) 07:50, 6 अगस्त 2013 (UTC).[उत्तर दें]
एचएल जी, आप क्या सिद्ध करना चाहते हो मेरी समझ से बाहर है। मेरा भी हिन्दी विकी पर योगदान कोई बुरा नहीं है। मेरा भी एक पत्रिका में १६ वर्ष की उम्र में लेख छपा था लेकिन मैंने अपना नाम नहीं दिखाने के लिए उसमें मेरे छोटे भाई का नाम दिया। मेरा जन्म एक कच्चे मकान में हुआ था। Vibhijain जी की आयु कितनी है उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन इतना जरूर कहुँगा कि हो सकता है मैं २० वर्ष की आयु में विकी में पता नहीं कितना योगदान करता। लेकिन आप मेरे बारे में कुछ नहीं जानते इसलिए ये सब कह रहे हैं। मेरा जन्म एक कच्चे मकान में हुआ था। मुझे इंटरनेट तक पहुँचने में कितनी बाधाएँ पार करनी पड़ी होंगी उनके बारे में सोचोगे तो ये कोई बड़े काम नहीं हैं। हमारे घर में एक वर्ष पहले तक टेलीविजन भी नहीं था। किस उम्र में किसने क्या योगदान दिया कोई मायने नहीं रखता। मेरी उम्र क्या है इसका न ही तो आपके पास कोई अनुमान है और मेरा दावा है कि यदि सामने मिल भी जाऊँ तो भी यह अनुमान आप नहीं लगा पायेंगे। आज मैं चाहे कुछ भी करुं लेकिन मैंने कृषि का कार्य भी किया है। आप यह मत सोचो कि मैंने जिन्दगी में कुछ नहीं देखा और सिधे ही विकी पर आ गया। यदि आप मेरी पुरी कहानी पढ़ोगे अथवा सुनोगे तो आपको भी लगेगा कि थोड़ा बहुत हमने भी किया है। सब कुछ मुझे भी मुफ़्त में नहीं मिला। आप उम्र की बात करते हो, क्या आप जानते हो कि एक १५ वर्ष के बालक में और ८० वर्ष के बुजुर्ग में क्या अन्तर होता है? उपर से भाषण योग्य बातें सब जानते हैं लेकिन वास्तविकता को स्वीकारने से सभी नकारते हैं। क्या बुजुर्ग लोग अपनी बातों का सम्मान नहीं करते? सब अपनी जगह सही हैं। आपको यह जानकर कैसा लगेगा कि मेरी उम्र के वो लोग जिनका जन्म मेरे ही गाँव में हुआ था उनमें से अधिकतर ने कभी गूगल डॉट कॉम का नाम भी नहीं सुना और जिन्होंने सुना है उन्होंने कभी अपना कोई परीक्षा परिणाम देखने के लिए सुन लिया।
मेरे लिए आश्चर्य यह नहीं है कि किसने किस उम्र में क्या किया? आश्चर्य इस बात का होता है कि कुछ लोगों ने कितना भारी योगदान दिया। जैसे आशीष जी और अनुनाद जी ने हिन्दी विकी को कितना योगदान दिया। इनकी उम्र मायने नहीं रखती। चाहे ये लोग २५ के हों अथवा ३० के। इसी प्रकार मयूर जी ने केवल २ वर्ष के अपने छोटे से कार्यकाल में हिन्दी विकी को कितना दिया! यह होता है आश्चर्यजनक। आपने वैभव जी का उदाहरण दिया। यदि आप चाहें तो मैं उनकी पुरी सांख्यिकी यहाँ रखता दुंगा और फिर आपसे पुछुंगा कि क्या एक १८ वर्ष से अधिक आयु का नौजवान ऐसा योगदान करता है? हिन्दी विकी पर मैंने एक ऐसे सदस्य का योगदान देखा जिसका जन्म १९९७ में हुआ और उसने २००८ से अपना योगदान आरम्भ किया। लेकिन उसने जो किया आज वो ही कार्य मयूर जी का बनाया हुआ नया सदस्य सन्देश कर रहा है। आप किसी के कार्य की सराहना करो उसमें मुझे कोई ऐतराज नहीं लेकिन उस सराहना का उद्देश्य क्या है वो बताओ।☆★संजीव कुमार (बातें) 15:40, 7 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]

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