सदस्य:VismitaRavindra

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VismitaRavindra
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Vismita
|250px|मेरी तस्वीर]]
मेरी तस्वीर
नाम विस्मिता
जन्मनाम विस्मिता आ र
लिंग महिला
जन्म तिथि ०८ आग्स्त, १९९६
जन्म स्थान बेगलुरू
निवास स्थान ---
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
जातियता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्र
नियोक्ता ---
शिक्षा बीएससी
महाविद्यालय जैन कालेज, जे सी रोङ
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
उच्च माध्यामिक विद्यालय स्न्त चाल्स॔ है स्कूमल
शौक, पसंद, और आस्था
शौक संगीत सुनना, किताब पढना, कविता लेखन
धर्म हिन्दु
राजनीती स्वतंत्र
उपनाम ---
चलचित्र तथा प्रस्तुति कार्रवाई, विज्ञान कथा, क्लासिक्स, रोमांच, हास्य, रहस्य
पुस्तक कल्पित विज्ञान, क्लासिक साहित्य, ऐतिहासिक उपन्यास, पुरातात्विक किताबें, आत्मकथाओं, रहस्य किताबें, हास्य कथाएँ।
रुचियाँ

संगीत, भौतिकी अनुसंधान, रॉक संगीत, साहित्यिक लेखन, कविता, भित्तिचित्र, रैप।


अचरज के बाहर, अचरज से ऊपर और चकित से बाहर मेरा नाम है। आप जानते होंगे मेरा नाम विस्मिता है। मेरा जन्म १९९६ मे अगस्ट ८ को बेंगलूर मे हुआ। मे अपने घर की एकलोती बेटी हू,मेरे पिताजी,माताजी और नाना नानी का संबंध दोस्त जैसा है। हर विशय पर मै उनकी सलाह लेती हूँ। घर मे इन सभी के अलावा मेरा एक छोटा भाई भी है जो सब्से तेजस्वी है इसलिए उसका नाम तेजस है। मेरी प्राथमिक शिक्षा चार्लास पाठशाला मे हुई, हर द्रुष्टी से मेरा विध्यालय् सर्वोत्तम है। मेरे पाठशाला पर मुझे बहुत गर्व है। बाद मे मै जैन कालेज मे पढकर क्रैस्ट विश्वविद्यालय तक पहुँची हूँ। मै अभी बी एस सी का पहला साल पढ रही हूँ पर मेरी अभिरूची पाश्चात संगीत मे है और मेरा दिलचस्पी भौत शास्त्र मे है। मुझे पूरा विश्वास है,मै भौत शास्त्र मे आगे बढूँगी। मेरे अभिरूची कविता से बहुत है,मुझे कविता लिखने का बहुत शौक है। मेरे कविता प्रक्रुति के बारे मे और गहरे विशयो पर सीमित नही है। हर विशयो पर जानकारी रखने वाली और चहरे पर मुस्कुराहट रखनेवाली मै हर संकट को ढेर करने का प्रयत्न करती हूँ। मै विश्वविद्यालय मे भौत शास्त्र और गणित विशयो को चुना है, मै भौत शास्त्र मे संशोधन करना चाहती हूँ। मै एक संझोचन कर्ता बनकर काम करना चाहती हूँ, इतना करते करते मे पास्चात्य संगीत मे राक संगीत को प्राधानता देकर वही क्षेत्र मे अगे बडना भी चाहती हूँ। मै शहर मे पली-बडी हूँ इसलिए शहर मे होनेवाली घटना पर ध्यान देती हूँ और गहरे और सामान्य विषय मेरे कविता से संबंंध रखती है। मेरा परिवार बहुत छोटा परिवार है,मै भाई से हर विषय का प्रस्तावन करती हूँ और वह छोटा भाई होते हुए मै उसका सलह लेती हूँ। अब मेरे परिवार के मुख्य सदस्य मेरे माँ और पिताजी और नानी ये सब मेरे आकांक्षा और ध्येय पर सलाह देते है और वे हर विषय पर मेरे साथ जुडे रहते है। अगर मुझे कुछ करके दिखाना है तो हर कदम-कदम पर सही रासता दिखाते है। मेरे लिए यह गर्व की बात है कि उनके बिना मे कुछ कर नही सकती, वे वह मुझे हर बात पर साथ देते है। प्राथमिक पाठशाला मे और जैन कालेज मे जितना मुझे प्रोत्साहन मेला और उसी के कारण मै आज क्रिस्ट कालिज के हर काम मे शामिल होकर काम करना चाहती हूँ और कुछ करके दिखाती हूँ। मेरा बचपन याद करना जरूरी है क्योकी मेरी माँ मुझे सब कुछ देती थी, नाना-नानी का प्यार था मेरे पिताजी चाकलेट और एेस क्रीम की कमी कभी मेहसूस नही होने देते, अभी मेरा फर्ज बनता है कि मै कोछ बनकर दिखाउ और सबकी प्यारी बनी रहूँ।