सदस्य:Tavakley/प्रयोगपृष्ठ

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पृष्ठभूमि[संपादित करें]

मैं अरुणाचंल प्रदेश की राजधानी, ईटानगर में पैदा हुई थी। भारत का यह प्रदेश एक सीमांतर राज्य, उत्तर पूर्वी दिशा में स्तिथ है। यह इलाका पहाड़ी तथा दुर्गम है किन्तु बड़ा ही सुन्दर इलाका है। मेरी प्रारंभिक शिक्षा यहीं पर हुई तथा आरम्भिक दोस्त यहीं बने। यहाँ रास्ते संकरे तथा घुमावदार हैं। ये रास्ते बारिश के मौसम मैं प्रायः टूट जाते हैं तथा प्रदेश का सम्पर्क देश के बाकी हिस्सौं से समाप्त हो जाता है। बारिश के मौसम मैं यहाँ काफ़ी पानी बरसता है और पहाड़ौ पर हरियाली छा जाती है।

परिवार[संपादित करें]

हमारा परिवार छोटा है। मेरा भाई मुझसे दो वर्ष बडा है। मेरी माँ का नाम सरला है। वह एक अध्यापिका हैं। मेरे पिता भी अध्यापक हैं । हम सब लोग बेंगलूरू दस साल पहले आये थे ताकि हम दोनों भाई- बहन की शिक्षा अछी तरह से हो सके। हमारा परिवार सादगी से जीवन-यापन करने मैं विश्वास रखता है और भारत की विविधता को पूरी तरह से समझकर इसका सम्मान करता है।

शिक्षा[संपादित करें]

मैंने अपनी प्राईमरी शिक्षा ईटानगर मैं पाई तथा हाईयर सेकंडरी बेंगलूरू से प्राप्त की। मैं अभी क्राइस्ट विश्वविद्यालय मै स्नातक की छात्रा हूँ। मैंने इसके लिये विज्ञान के विषयों का चयन किया है। मैं शिक्षा को एक मार्गदर्शन तथा ज़िम्मेदार सदस्य बनाने का माध्यम मानती हूँ। मैंने विज्ञान की शिक्षा द्वारा ही मन की एकाग्रता और अध्ययन का चिंतन -मनन करना सीखा तथा प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इसी कारण मेरा छात्र जीवन उत्साह से भर गया। इसी कारण मैंने कई विषयों को वैज्ञानिक सोच से समझना सीखा।

लक्ष्य[संपादित करें]

मैं आगे चल कर एक वैज्ञानिक बनना चाहती हूँ ताकि धन कमाने के साथ-साथ मानवता के प्रति अपने कर्तव्य की पूर्ति भी कर पाऊँ। इसके लिये मुझे कठिन परिश्रम करना होगा एवं बहुत पढ़ाई भी करनी होगी। मुझे मानवीय मस्तिष्क की संरचना पर रिसर्च करनी है।

उप्लब्धि[संपादित करें]

मैंने अपने विध्यार्थी जीवन में स्पोर्टस मे कई सारे इनाम प्राप्त किये है। मैंने "ब्रैन बी" प्रतियोगिता में अपने विद्यालय का प्रतिनिधित्व किया और प्रथम आयी। इसी प्रतियोगिता में मैंने नैशनल्स में भाग लिया।

अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति[संपादित करें]

अरुणाचल प्रदेश में 30 से भी ज्यादा भाषाए बोली जाती है। संस्कृति के हिसाब से अरुणाचल प्रदेश में 26 अलग अलग जातीय और उपजातिया है | अरुणाचल भारत में दो प्रदेशो में एक है जहा अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है इसके अलावा नागालैंड की मुख्य भाषा भी अंग्रेजी है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ महत्वपूर्ण त्योहारों में अदीस लोगो द्वारा मनाये जाने वाले मापिन एवं सोलंगु , मोनपा लोगो का त्यौहार लोस्सार , आपतानी लोगो का त्यौहार ड्री , तागिनो का सी-दोन्याई , इदू-मिशमी समुदाय का रेह ,निशिंग लोगो का न्योकुम आदि शामिल है और अधिकांश त्योहारों के अवसरों पर पशुओं की बलि देने की प्रथा होति है। भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर तवांग में है। यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, क्रिश्चियन, डोनी -पोलो, तिब्बतन बुद्धिज़्म, अन्य धर्मों का पालन किया जाता है।

अरुणाचल प्रदेश की परंपरा[संपादित करें]

सन 1972 में अरुणाचल प्रदेश को केंद्र शासित राज्य बनाया गया था और इसका नाम ‘अरुणाचल प्रदेश’ किया गया। इस सब के बाद 20 फ़रवरी 1987 को यह भारतीय संघ का 24वां राज्य बनाया गया। प्राकृतिक आश्चर्य कहे जाने वाले इस राज्य में कई लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैैं। अरुणाचल प्रदेश की कुछ मशहूर जगहें ईटानगर, तवांग, बोमडिला, भिस्माकनगर और आकाशगंगा हैं। सामान्यता अरुणाचल प्रदेश के लोग भगवान को मानते है और अनेक त्यौहारों को लोक्नृत्यों, स्ंगीत के साथ मनाते है। यहाँ के मुख्य लोकनृत्य पोपिर, अजी लामा, हिरी खानिंग, चम, वॉर डांस हैं। यहाँ के वासी परंपरागत मान्यताओं को मानते हैं। यूँ तो यहाँ विभिन्न प्रकार की जन जातियाँ मिल- झुल्कर, शान्तिपूर्वक रहते है। यहाँ पर लोग मिलनसार एव्ं मूलत: तिब्बतीय है।

अरुणाचल प्रदेश का भोजन[संपादित करें]

चावल अरुणाचल प्रदेश के भोजन में एक प्रमुख स्थान रख़ता है, और बाकी अन्य भोजन सिर्फ एक साइड डिश है। उनके चावल के बारे में सबसे महत्वपूर्ण और अलग चीज यह है कि अरुणाचली चावलों को गर्म कोयले पर खोखले बांस में पकाना पसंद करते हैं। बांस का उप्योग अरुणाचल प्रदेश के भोजन का एक प्रमुख व्यंजन है। लगभग हर चीज़ में इसका उपयोग किया जाता है। यह मुख्य घटक है जिसके बिना उनका खाना अधूरा रह जाता है। पिका पिला एक मशहूर प्रकार का एक अचार है जिसे ज्यादातर अपतानी जनजाति बनाती है। इस्में भुज जोलोकिया के साथ साथ बांस और पोर्क इस्त्माल करके बनाया जाता है।अरुणाचल प्रदेश की एक और ल्ज़ीज़ डिश लुकटर है। लुकर में सुख़े मांस को भुज जोलोकिया मिर्च में पकाया जाता है और यह चावलों के साथ खायी जाती है। पीहक एक प्रकार की मसालेदार चटनी है जो सोयाबीन और मिर्च के उपयोग से बनती है। अपोंग एक चावल की बीयर है और अरुणाचल के सबसे महत्वपूर्ण पारंपरिक पेय में से एक है। यह बियर घर पर ही बनायी जाती है। मरुआ एक गृहनिर्मित शराब भी है जो अरुणाचल प्रदेश के व्यंजनों में बहुत प्रसिद्ध है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस मादक पेय मे चावल के बजाय बाजरा से बनती है।

बाज्रा

मांस अरुणाचल प्रदेश में बहुत खाया जाता है। यह या तो उबला हुआ या स्मोक्ड होता है और सबसे आम मांस 'मिथुन' नामक एक जानवर का खाया जाता है जो कि केवल उत्तर-पूर्व भारथ में ही मिलता है।

अरुणाचल प्रदेश का पहनावा[संपादित करें]

अरुणाचल प्रदेश के निवासियों का वेशभूषा बहुत सामान्य एवं सरल है किन्तु फिर भी अरुणाचल प्रदेश का पहनावा एक अलग संस्कृति को प्रदर्शित करती है। यहाँ का पहनावा चटकीले रंगों तथा विभिन्न प्रारुपों द्वारा निर्मित है। यहाँ पर महिलाओं और पुरुषों का पहनावा और वेशभूषा अपने आप में विशिस्ट है, महिलायें अपनी सामान्य दिनचर्या में एक लम्बा कपड़ा कमर में लपेटतीं हैं।और एक झबला नुमा वस्त्र जो की कमर से ऊपरी भाग में पहना जाता है। महिलाएं जैकट जिनको वे मुशैक कहते हैं और शौल भी पहनती है। पुरुष अब पेंट-शिर्ट पहनते है किन्तु कुछ है जो अभी घुटनो से ऊपर तक घोटी और उसके ऊपरी भाग के लिए एक फ़टका धारण करते है।

उत्सवों के समय, इन वस्त्रो में कुछ अलंकार आ जाता है, और उनके साथ में कुछ पक्षीय पंखो के साथ ये अपने सर में एक मुकुटनुमा धारण करते है, और पुरुष वर्ग भी कुछ ऐसी ही वेशभूसा में रहते है, कमर के एक अतिरिक्त फाटक बांध कर अपने अधोवस्त्र का खिसकना रोक लेते है, ये वेशभूषा पहनकर इनका नृत्य इत्यादि का कार्यक्रम किया जाता है।

संदर्भ[संपादित करें]

साँचा:Https://achhigyan.com/arunachal-pradesh-information/

साँचा:Https://gajabkhabar.com/arunachal-pradesh-facts-in-hindi/

साँचा:Https://www.holidify.com/blog/food-of-arunachal-pradesh/

साँचा:Http://www.districtsinindia.com/arunachal-pradesh/