सदस्य:Syeda halima mariam/प्रयोगपृष्ठ/1

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

हल्दी अनुष्ठान[संपादित करें]

हल्दी अनुष्ठान भारत मे कई पीढ़ियों से मनाया जा रहा है। यह अनुष्ठान पुरे भारत मे बिना जाति कि परवह किये मनाया जाता है। यह दुल्हा और दुल्हन पर लागु होत है। यह शादि के एक दिन पेहले और मेहेन्दि के दुसरे दिन मनया जाता है। यह आनुष्ठन सवेरे किया जाता है। गाये होलुद, तेल बान, पिथि, उब्तन आदि विभिन्न नामों से जाना जाता है। इन सबका महत्व एक समान है। इन सबके आनेक महत्व है।

औषधि[संपादित करें]

इस समारोह में दुल्हा और दुल्हन को धब्बा त्वचा से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। यह एक अच्छा एंटीसेप्टिक है। वह जला हुआ रंग वापस लाता है और जहा भि लागू होता है वह चमक लाता है। हल्दी की मजबूत गंध की वजह से हवा के रोगाणूओं और जीवाणूओं गायब हो जाते है और आसपास कि हवा शुद्ध हो जाती है।

शुभ रंग[संपादित करें]

भारतिया परंपराऔ मै हल्दी का रंग शुभ माना जाता है। हल्दी का रंग जीवन मै समृद्धि, पवित्रता, उर्वरता और अच्छे स्वास्थ्थ का प्रतीक है। इस वजह से बहुत सारे लोग अप्ने शादी के दिन पीला रंग पेहेनते है। यह एक नया जीवन का प्रतीक भी है।

बुरी नज़र को दूर रकने के लिये[संपादित करें]

माना जाता है की हल्दी अनुष्ठन करने से बुरी आत्माओं का साया नहीं पडता। इस लिये कयि घरो में हल्दी अनुष्ठन के बाद दुल्हा और दुल्हन घर के बाहर नहीं जा सक्ते। हल्दी सुरक्षात्मक ढाल के रुप में वह कर्या करता है।

खुशी का माहोल लाता है[संपादित करें]

शादी के काम काज की थकान यह दूर कर देता है। इस दिन सरे परिवार लोग एक दुसरे को हल्दी लगाते है और गलतफ़हमी दुर हो जाती है। हर जगह खुशी के चेहरे दिखयि देते है। यह दुल्हा और दुल्हन को चिंता से दुर रकता है।

शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है[संपादित करें]

हल्दी बहुत अच्छा है। वह हमारी त्वचा मे जाके सारे आपवित्रता का नाश कर हमारी त्वचा को साफ कर देती है। वह हमारी रक्त के सरी अशुद्धिया को मार हमारी र्ंक्त को साफ कर देता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

[1] [2]

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Punjabi_wedding_traditions
  2. https://en.wikipedia.org/wiki/Turmeric