सदस्य:Shreya.ramesh/चेन कुली की मेन कुली

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"चेन कुली की मेन कुली" किट्टु सलूजा द्वारा निर्देशित २००७ में बनी एक हिन्दी फिल्म है। इस फिल्म में मुख्य पात्र के रूप में जैन खान और राहुल बोस ने अभिनय किया है। फिल्म के शीर्षक १९८२ की फिल्म "सत्ते पे सत्ता" में अमिताभ बच्चन के चरित्र द्वारा बोली जाने वाली लाइनों से लिया गया है। फिल्म हॉलीवुड की फिल्म "लाइक माइक" पर आधारित है जिसमें एक तेरह वर्षीय लड़का एक क्रिकेट बैट पाता है जिसके बाद उसकी जिंदगी एक नाटकीय मोड़ लेती है। इस फिल्म में स्ंगीत सलीम-सुलेमान द्वारा दिया गया है और गीत के बोल इरफान सिद्दीकी द्वारा लिखे गये है। क्रिकेटर कपिल देव की भी इस फिल्म में एक कैमियो उपस्थिति है।


सार[संपादित करें]

करण (जैन खान) एक तेरह वर्षीय अनाथ लड़का है जो एक जीर्ण अनाथालय में रहता है जिसका मालिक, जॉन "हिटलर" कक्कड़ (राजेश खेरा), बहुत खराब आदमी होता है। करण दो ही सपने हैं - पहला, माता-पिता का प्यार पाना और दुसरा, बड़ा क्रिकेटर बन्ना। बचपन से, कपिल देव की कप्तानी मे १९८३ मे भारतीय क्रिकेट टीम के विश्व कप जीतने के किस्से सुनकर प्रेरित होता रहा। यह कहानिया उसने अनाथालय के कार्यवाहक भोलु दादा (सुशील पाराशर) से सुनी होती है, जो एक प्यारे और सज्जन बूढे आदमी है। अनाथालय मे करण का सब्से घनिष्ट मित्र दब्बु (दीपतिमन चौधरी) होता है जो हमेशा करण की दिल की कामनाए धीरज से सुनता है। उसके सपनों को एक मोड़ मिलती है जब एक दिन उसे एक पुरानी क्रिकेट बैट मिल्ती है। उसको लगता है कि यह वही बैट है जो कपिल देव ने १९८३ के विश्व कप जीतने के लिये इस्तमाल किया था और उसके लिये यह बैट एक 'मैजिक बैट' बन जाता है। किसमत से एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम के कोच करण को क्रिकेट खेलते देख लेते है और उसकी बल्लेबाज़ी से काफी प्रभावित होते है। उस समय भारतीय क्रिकेट टीम एक खराब समय से गुज़र रहा होता है। करण और उसका जादुई बल्ला, कप्तान वरुण (राहुल बोस), के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया जाता है। जब करण पीच पर आके भारत के लिये मैच जीतता है, उसका नाम सबके दिलो मे बस जाता है। वही लड्का जिसे पहले गोद लेने से सब मना करते रहे, आज वह देश का सबसे प्रीय बालक बन जाता है। तथापि, राघव (राज भंसाली), अनाथालय का सबसे खराब लड्का, करण से नफरत करता है और यह मानता है कि अगर करण के पास उसका जादुई बल्ला न होता तो वह भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल कभी नही हो पाता। राघव अब किसी भी सूरत मे वह बल्ला हासिल करना चाह्ता है। करण और वरुण के बीच एक मजबूत भावनात्मक बंधन विकसित होती है जो उनके साथी क्रिकेटरों की तुलना में अधिक गहरी होती है। करण के माता-पिता नहीं है और वरुण के माता-पिता होते हुए भी उन्के साथ उसके संबंध ठीक नही है। वरुण अपने पिता से बिछड़ गया है और उन्हे स्वीकार नहीं करना चाहता है। करण का मानना ​​है कि माता-पिता भगवान के सबसे जरूरी देन हैं और वह वरुण और उसके पिता के बीच सभी संबंध ठीक करने मे कम्याब हो जाता है।पर्ंतु भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल वनडे मैच के पहले स्थितिया नियंत्रण से बाहर हो जाते है और करण का जादुई बल्ला राघव नष्ट कर देता है। करण अत्यंत बेचैन और उदास हो जाता है। तब वरुण उसे एहसास दिलाता है कि बल्ले में वास्तव में कभी जादू न था अपीतु जादु उस बल्ले से खेलने वाले के हाथो में, अर्थात १९८३ विश्व कप में कपिल देव और अब करण के हाथो में ही है। करण की मदद से भारत मैच जीत जाता है। मैच के बाद करण और आगे ना खेलने का फैसला करता है और यह तय करता है की बडे होने के बाद वापस भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हो जायेगा। वरुण और उसकी प्रेमिका, मालिनी (मीरा वासुदेवन) करण अपनाने का और गोद लेने का फैसला करते है।



पात्र[संपादित करें]

  • "करण" के रूप में जैन खान
  • "वरुण रॉय" के रूप में राहुल बोस
  • "मालिनी" के रूप में मीरा वासुदेवन
  • "जॉन कक्कड़" के रूप में राजेश खेरा
  • "डब्बू" के रूप में दीपतीमन चौधरी
  • "राघव" के रूप में राज भंसाली
  • "भोलु दादा" के रूप में सुशील पाराशर
  • "कपिल देव" के रूप में कपिल देव



संगीत[संपादित करें]

  • "फिर से आ गया सन्डे" - अरमान मलिक, श्रवण अय्यर, कौस्तव्, कोरस।
  • "झटका फटका" - कैलाश खेर, विजय प्रकाश, ह्रुशिकेश करमकर, मंगल मिश्रा, जॉन स्टीवर्ट, सलीम मर्चेंट
  • "खुला आसमान" - के के, सलीम मर्चेंट
  • "चेन कुली की मेन कुली" - कुणाल गाञावाल






आलोचनात्मक स्वीकार्यता[संपादित करें]

'रेडिफ' ने इस फिल्म को २.५/५ दिया है और कहा है कि "यह एक सुंदर कहानी है और प्रदर्शन अच्छी रही हैं। संपूर्ण रूप में यह एक बुरी फिल्म नही हैं।"

बॉक्स ऑफिस[संपादित करें]

चेन कुली की मेन कुली बॉक्स ऑफिस पर अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त करने में विफल रही। यह फिल्म स्कूलों के खुलने के बाद रिलीज़ की गयी जिसके कारण काफी कम पैसो क रिकाड रहा, पहले हफते मे केवल ६२ लाख ही कमायी हो पायी। इसे बॉक्स ऑफिस की असफलता करार दिया गया। लेकिन इस फील्म ने टीवी प्रसारण के कारण लोकप्रियता हासिल की और एक एक पंथ का दर्जा प्राप्त किया है।

संदर्भ[संपादित करें]

[1] [2] [3]

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Chain_Kulii_Ki_Main_Kulii
  2. http://www.imdb.com/title/tt1016159/
  3. http://www.imdb.com/title/tt1016159/fullcredits/