सदस्य:Shreelalababadham
श्री लाला बाबा का जन्म अज्ञांत है. यहाँ तक की उनकी सही उम्र का आकलन भीनही है.वह उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले मे करण्डा ब्लॉक के वीरपाह गॉव मे एकसाधारण से ब्राह्मण परिवार मे पैदा हुए थे. बाबा के जन्म के बारे मे शन्सयहै.कहा जाता है की बाबा 80 साल तक जिंदा थे. बाबा के संपूर्ण जीवन के बारे मेअलग अलग मत है. कुछ लोग उनका जीवन 250 साल तो कुछ लोग 500 सौसाल पहले का मानते है. गॉव के सबसे बुजुर्ग माननीय श्री कमला राय जो की उसीगॉव के निवासी है उन्होने जो अपने बुज़ुर्गो से सुना है. उनके कथनानुसार बाबाबहुत ही कीर्तिवान और तेजस्वी थे. उनके मुखमंडल पर सूर्या के समान तेज था.आदि शक्ति के उपाशक थे. सफेद वस्त्र धारण करते थे. बाबा की शादी भी हुई थीपत्नी और 3 बच्चे भी थे 2 पुत्री और 1 पुत्र थे. बाबा चुकी गृहस्थ आश्रम के थेइसलिए उनके पास एक जोड़ी बैल और एक घोड़ी थी. बाबा घोड़ी पर बैठकर पूरेक्षेत्र की परिक्रमा करते थे. बाबा रोज सुबह गंगा स्नान करने जाते थे नहाने केबाद अपनी धोती आकाश मे उड़ा देते थे उनकी धोती स्वयम् आकाश मे सुखकरबाबा के आस्रम पर आ जाता था. कहा जाता है की बाबा ने खुद अपने बच्चों कोश्राप देकर भस्म कर दिया था. और खुद एक समय के बाद अपने भी समाधि में लींन हो गये थे. बाबा ने जिस जगह समाधि लिया था .उस जगह अगहन शुक्लपंचमी के दिन बहुत ही भव्य मंदिर का निर्माण हुआ था. सभी ग्रामवाशी मिलकर मंदिर पर अगहन शुक्ल पंचमी के दिन बहुत धूम-धाम से बाबा का वार्षिकोत्सव मानते है. और बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते है.
बाबा बहुत ही दयालु थे लोगो के बताने के अनुसार बाबा अपने पास आने वाले हरभक्त से बहुत ही सद्भाव पूर्वक मिलते थे. बाबा अंतर्यामी अवतरित पुरूस थे ओबिना बताए सब कुछ जान लेते थे कौन उनके बारे मे क्या बोल रहा है सब पताहोता था. बाबा का सभी पर अधिकार था चाहे ओ सजीव हो या निर्जीव एक समयकी बात है बाबा का बैल और धोड़ी चोरी हो गया था बाबा को पता था की किसनेचुराया है लेकिन चोर कौन है ये बात सबके सामने लाने के लिए बाबा ने बारिसरोक दिया पूरे क्षेत्र मे सूखा पद गया. सभी लोग भागकर बाबा के पास आए औरबोला की बाबा बारिश नही हो रही है बाबा ने बोला की जब तक मेरा बैल और घोड़ीनही मिलेगा पूरे क्षेत्र मे बारिश नही होगी. किर क्या था जिसने चुराया था ओ बाबाकी घोड़ी और बैल लाकर बाबा के स्थान पर बाँध दिया ओर बोला की बाबा अबबारिश होनी चाहिए .बाबा ने कहा जाओ अब बारिश होगी लोगो ने कहा बाबा हमभिगते हुए जाना चाहते है. फिर क्या था बाबा ने गोला खिचा और उसमे खड़े होगये उनके मुखार बिंदु से एक ऐसा शब्द निकाला जो आज तक ना किसी किताब मेहै और ना ही किसी ग्रंथ मे. ('' मेघ कर घेघ धार लाओ रे साईयाँ. बारीसो ऐसे जैसेगोकुला की नाईयाँ '' ) किर क्या था अचानक आसमान मे काले बादल छा गयेबिजली चमकाने लगी और मुसलाधार बारिश होने लगी सभी भक्त भिगते हुएअपने घर गये.
बाबा अपने उम्र कठिन ताप और सिद्धियों के बारे मे कभी भी कोई चमत्कारिकदावा नही किया. लेकिन उनके इर्द-गिर्द हर तरह के लोगों की भीड़ ऐसी भी रही जोहमेशा उनके चमत्कार को ढूढ़ती रही अत्यंत सहज, सरल और सुलभ बाबा केसानिध्य में जैसे वृक्ष, वनस्पति भी अपने आप को आश्वक्त का अनुभव करते रहे.उनसे जुड़ी कई घटनाएँ .इस सिद्ध पुरुष को मानवता . ज्ञान . ताप के लिएसुविख्यात बनती रही. योग विद्या पर बाबा का गहन ज्ञान था . ध्यान .योग.प्राणायाम पर विवेचन करते थे. सभी लोग यही सोचते थे की बाबा ने .इतना सबकुछ कब और कैसे जान लिया . बाबा ध्यान ज्ञान कर्म मे तो निपूड थे ही साथ हीसाथ धर्मशास्त्री .तत्वज्ञानी वेदंतशास्त्री मे भी निपूड थे.
बाबा बहुत ही खुस मिज़ाज़ थे हमेशा खुस रहना खिलखिलाकर हसना सभी लोगोसे बातें करना और सबको हसाना सबको खुस रखना उनको बहुत ही अच्छा लगताथा. दिव्यदृष्टि के साथ तेज नज़र मधुर आवाज़ यादास्त इतनी मजबूत की किसीको देख ले तो उसके दादा परदादा का भी इतिहास और नाम बता दें. उनका दिमाग़कंप्यूटर से भी ज़्यादा तेज था. बाबा के पास हर मर्ज की दावा थी जो भी बाबा केदरबार मे जो भी आता था खाली हाथ नही लौटता था बाबा के दरबार मे मानो आशीर्वाद की अमृत जल वर्षा हो रही हो. बाबा के दरबार मे जो आते थे ओ उसअमृत जल वर्षा से अपने आप को तृप्त करके जाते थे. बाबा के दरबार ही ऐसा थाजहाँ हर किसी के समस्या का निदान था.
पद्पदर्शक
श्री अविनाश भट्ट
लेखक
चन्दन त्रिपाठी
9311697874