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गिफेन माल और वेब्लेन माल[संपादित करें]

परिचय[संपादित करें]

गिफेन माल और वेब्लेन माल के बारे में जानने के लिये पहले हमें मांग के नियम के बारे में जानना होगा । यह नियम कह्ता है की मांग और मूल्य के बीच एक व्युत्क्रमानुपाती रिश्ता है । अर्थात जब कीसी चीज़ की मूल्य बढ़ जाती है तब लोगों में उस चीज़ की मांग घट जाती है अौर कीसी चीज़ की मूल्य जब घटती है तब लोगों में उसकी मांग बढ़ जाती है ।

वस्तुओं की उपयोगिता के प्रकार[संपादित करें]

किसी भी वस्तू की ३ प्रकार की उपयोगिता होती है:

१) कार्यात्मक उपयोगिता: एक कमीज़ के उदाहरण से देखा जाए तो कमीज़ की मुख्य कार्य होती है हम्रारे शरीर को ढँकना । इस्लिये हम ये कह सक्ते हैं की शरीर को ढँकना ही कमीज़ की कार्यात्मक उपयोगिता है ।

२) तर्कसंगत उपयोगिता: यहाँ भी हम कमीज़ का उदाहरन लेकर यह कह सक्ते हैं की एक कमीज़ को बहुत तरीकों से पहना जा सकता है नामक नियमानुसार पहनने वाले वस्त्र के रूप में, आम समय के कपड़े के रूप में, आदि । यह सभी लिंगों के लिए भी उपलब्ध रहती है नाकि सिर्फ मर्दों के लिए । यही एक कमीज़ की तर्कसंगत उपयोगिता है ।

३) भावनात्मक उपयोगिता: किसी भी कमीज़ को खरीदने के पहले अक्सर हम उसके ब्रांड पर ध्यान देते हैं और तब ही उसे खरीदते हैं । यही एक कमीज़ की भावनात्मक उपयोगिता है ।[1]

गिफेन माल[संपादित करें]

गिफेन माल की मांग वक्र

गिफेन माल ज्यादातर मांग के नियम के खिलाफ जाते हैं । यह अौर अच्छे से समझने के लिए हम पानी का उदाहरण ले सकते हैं । जब पानी की मूल्य बढ़ जाती है तब लोगों में उसकी माँग भी बढ़ जाती है क्योंकि लोगों को लगता है की मूल्य के बढ़ने से उसकी गुणवत्ता भी बढ़ गई होगी और उसके मूल्य घटने से लोगों में यह धारना आ जाती है कि उसकी गुणवत्ता जरूर गिर गई होगी अौर इसलिए लोगों में उसकी माँग घट जाती है । इसलिये गिफेन माल एक ऐसा माल है जिसमें मूल्य, मांग से सीधे आनुपातिक रहती है । इन मालों का नाम, महान अर्थशास्त्री, रॉबर्ट गिफेन के नाम से प्रभावित होकर रखा गया था । यह माल मूल रूप से अवर उत्पाद होते हैं और इनके बहुत ही सीमित विकल्प उपलब्ध होते हैं ।

वेब्लेन माल[संपादित करें]

दूसरी आेर हम यह देख सकते हैं कि दुनियाँ में एक आैर प्रकार के माल मौजूद हैं । इन्हें वेब्लेन माल कहते हैं । इनकी यह खासियत होती है की जब इनकी मूल्य बढ़ जाती है तब लोगों में इनकी माँग भी बढ़ जाती है पर इनके मूल्य घटने से लोगों में इनकी माँग बिल्कुल खत्म हो जाती है ।[2] उदाहरण स्वरूप हम रोल्स रॉयस गाड़ी को देख सकते हैं । जब बाज़ार में रोल्स रॉयस की मूल्य बढ़ जाती है तब लोगों में उसकी माँग भी बढ़ जाती है पर उसके मूल्य घटने से लोगों में उसकी माँग बिल्कुल खत्म हो जाती है कारण यह गाड़ी एक प्रतिष्ठा का प्रतीक है और इसलिए इसे कम दाम में कोई नहीं खरीदना चाहता है । ऐसे चीज़ों की भावनात्मक उपयोगिता बहुत ज़्यादा होती है पर कार्यात्मक और तर्कसंगत उपयोगिताएँ बहुत कम होती हैं ।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. http://www.economicsdiscussion.net/utility/utility-meaning-characteristics-and-types-economics/13594
  2. http://www.investinganswers.com/financial-dictionary/economics/veblen-good-6371