सदस्य:Sanjay Pandit Rithal

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
File:Sanjay pandit Rithal.jpg
Sanjay

संजय पंडित रिठाल (सोनू) का जन्म रोहतक के रिठाल गावं में हुआ । गावं के माहौल मे रहने के कारण वे पूरे देसी लहजे के इंसान है! 2003 मे वे अपने परिवार के साथ पानीपत आकर बस गए ।क्योकि गांव में तब न तो अच्छे स्कूल थे ओर न ही खेती-बाडी को छोडकर कोई अच्छा रोजगार । इसलिए उनके पिता पानीपत आकर रहने लगे ।यहा पिता जी का अच्छा व्यवसाय था ।यहा आकर संजय ने अपनी पढाई शुरू की ।शुरूआती दिनों मे वे पढाई में बहुत अच्छे थे ।पर जैसे-जैसे वे बडे होने लगे पढाई मे कमजोर होते चले गए,फिर एक दौर ऐसा आया कि वे स्कूल से भागने लगे ।उनका मानना तो यह था कि जिंदगी बस आज के लिए है,जिसमे वे मौज-मस्ती की कोई कमी नही रखना चाहते थे ।अपने विधालय मे वे एक अच्छे खिलाडी भी थे ।स्कूल के समय मे उनको फुटबाल खेलने का शौक था । K.V__N.F.L SCHOOL को बाद उन्होनें दुसरे स्कूल मे दाखिला ले लिया । उस समय उनकी मित्रता #संदीप व रोहित नाम के लडकों से हुई ।बचपन से युवा होने तक वही उनका साथी रहा । इसके बाद पढाई से ध्यान हटाकर लोफर दोस्तों के साथ उठना-बैठना शुरू कर दिया । माता पिता उनके कारनामों से परेशान होने लगे ।आए दिन किसी न किसी के साथ झगड़ा उनकी आदत बन गई ।कई बार पुलिस के पकडे जाने के बाद भी वो सुधरने का नाम नही ले रहें थे । 12वी के बाद वे पानीपत से रोहतक कालेज पढने जाते थे, पर कालेज से भी उनको ज्यादा गैर-हाजिरी के कारण 1 साल बाद निकाल दिया गया ।तब पिता ने उनको पढने-लिखने व आजिविका कमाने के लिए पंजाब प्रांत भेज दिया । यहा चंडीगढ कालेज मे उन्होनें बी.ए (B.A) मे दाखिला ले लिया ।पर कुछ समय बाद पढाई छोडकर वे नौकरी करने लगे ।अच्छी नौकरी मिलने के कारण अच्छी कमाई होने लगी ! 2 साल काम करने के बाद उन्होनें विदेश जाने का मन बना लिया । कैंनाडा जाने के सपने को पूरा करने के लिए वे नौकरी छोडकर घर आ गए ।यहा रह कर वे अंग्रेजी व दुसरे देश की भाषा सिखने लगे ।ओर साथ-साथ ILETS__test की तैयारी करने लगे ।पर भाग्य ने उनका साथ नही दिया ओर वे (TEST) परिक्षा मे पास न हो सके । अब अपने परिवार के साथ वे पानीपत मे रह रहें है । उनका एक छोटा भाई भी है । अब वे अपने बडे भाई अनिल शर्मा को अपना मार्ग दर्शक मानते है ।