सदस्य:Samyukta ingulika/भारतीय समाज और संस्कृति

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भारतीय समाज और संस्कृति[संपादित करें]

भारतीय समाज और संस्कृति

भारतीय संस्कृति[संपादित करें]

मेरा गौरवपूर्ण भारत- मेरा देश एक विशाल गणतंत्र है। मेरे देश का नाम भारत दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा। हमारे देश में विभिन्न धर्मो और जातियों के लोग रहते है,इसके बावजूद हमारा देश एक एकता के सूत्र में बंधा है। मुहम्मद इकबाल के द्वारा लिखी गई इन पंक्तियों में देश प्रेम की भावना बहुत प्रबल दिखाई देती है- "मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना। हिंदी है हम वतन है, हिन्दोस्ताँ हमारा॥" भारत में हिंदूत्व को मानने वाले लगभग ८० प्रतिशत लोग है। बाकि के २० प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म, जैन धर्म, ईसाईं, मुस्लिम और पारसी मतों को मानने वाले है। धर्म व भाषा में इतनी विविधता होते हूए भी हम सभी धर्म और कर्म के सिद्धांतो पर अमल करते हुए चलते है। हम पुनर्जन्म, आत्मा की शुद्धि, मोक्ष, स्वर्ग-नरक के सिद्धांतो को मानते है। 'भारतीय संस्कृति कर्मवीरो की संस्कृति है, पहले कम और उसके बाद फल- यह हमारी संस्कृति का नियम है।

भारतीय समाज[संपादित करें]

भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहाँ की ७० प्रतिशत आबादी गाँवो में रहती है बाकि की ३० प्रतिशत आबादी शहरों व महानगरो में रहती है। शहरों व गाँव में लोगो के रहन-सहन में बहुत अंतर है। भारत एक कृषि-प्रधान देश है। गाँवो में मिट्टी से बने कच्चे घर और उन पर बने रंग-बिरंगे चित्र, पशु-पक्षी दिखाई देते है। चारो तरफ प्राकृतिक वातावरण दिखाई देता है पर शहरों में वातावरण व जीवनशैली इसके विपरीत है।

भारतीय कला और संस्कृति[संपादित करें]

मानव जीवन का संस्कार करना अर्थात उसके दोषों को दूर करके उसे अच्छा बनाना ही संस्कृति है। हमारे पूर्वजों ने हमारे जीवन को संभालने के लिए जिन आचारो-विचारों को सिखाया था वे सब हमारी संस्कृति है। भारत की संस्कृति सबसे प्राचीन है जिसने सारे संसार को शून्ययोग का महत्त्व बताया है। हमारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय हमारी संस्कृति को बचने व कला को बढ़ावा देने केविभाजो में कार्यो में निरंतर प्रयत्न कर रहा है। देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रहित की बात सोचनी चाहिए।

भारतीय भाषाएँ[संपादित करें]

भारत में कई धर्मो व भाषाएँ बोलने वाले लोग रहते हैं, जिसमे से २२ भाषाओ को राष्टीय मान्यता प्राप्त है। हमारे देश में सभी शासकीय विभागों में अंग्रेजी भाषा को लिखित भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है। बोलचाल में हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। भारत की लगभग ४० प्रतिशत आबादी केवल हिंदी का ही प्रयोग करती है। इसके अलावा बंगाली,उर्दू,तमिल,तेलुगु,कन्नड़,मराठी,गुजरती आदि भाषाएँ बोली जाती हैं। हर राज्य की अपनी अलग भाषा है।

भारतीय खेल[संपादित करें]

भारत में खेलो का बुहत महत्त्व है। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है। भारत १९२८ में हॉकी में विश्व विजेता हुआ। ध्यानचंद हॉकी के प्रमुख खिलाडी थे। भारत ने मोस्को में हुए ओल्य्मिक में १९८० में स्वर्णपदक जीता। भारत में क्रिकेट बहुत प्रचलित खेल है। क्रिकेट में २०११ में जब भारत ने विश्व कप जीता था, वो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अविस्मरनीय दिन था। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं। इसके अलावा फुटबॉल, टेनिस, टेबलटेनिस,खो-खो,कबड्डी,बैडमिंटन,[[कुश्ती],चतुरंग आदि प्रमुख भारतीय खेल हैं। चतुरंग में विश्वनाथन आनंद विश्व प्रसिद्ध खिलाडी हैं। हाल ही में हुए रिओ ओलिंपिक में बैडमिंटन में सिन्धु ने रजत पदक जीता व कुश्ती में साक्षी मलिक ने कास्य पदक जीता।

भारतीय खान-पान[संपादित करें]

भारत में चावल मुख्य खाद्य पदार्थ है। भारतीय खाने में दाल-चावल,रोटी-सब्जी,दही मुख्य हैं। यहाँ कई तरह की मिठाईयां और नमकीन बनाई जाती है। इसके अलावा चाइनीस,मुगलई,ईटालियन सभी प्रकार खाना उपलब्ध होता है। हर राज्यों का खान-पान अलग होता है, कुछ राज्यों में चावल तो कुछ राज्यों में गेहूं का प्रयोग अधिक होता है।

भारतीय वेशभूषा[संपादित करें]

भारत में पारम्परिक पोशाक पहनी जाती है। यहाँ महिलाएँ साडी,सलवार-कमीज व पुरुष धोती-कुरता,कमीज-पतलून पहनते है। प्रत्येक राज्य का अपना अलग पहनावा है।

भारतीय मीडिया[संपादित करें]

भारतीय मीडिया के दो प्रमुख प्रकार हैं- विद्युतीकरण मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दूरदर्शन,इन्टरनेटरेडियो आदि आते हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सबसे पहले रेडियो का प्रयोग घर-घर में होता था,इसके द्वारा समाचारो का प्रसारण किया जाने लगा। दूरदर्शन का उपयोग भारत में शिक्षा के लिए १९५९ में शुरू हुआ, तब एक ही चैनल उपलब्ध था- दूरदर्शन। आज अनेक चैनल उपलब्ध हैं। वास्तव में दूरदर्शन आज के युग का एक सर्वोतम मनोरंजन का साधन है। इसके उचित प्रयोग से देश की प्रगति व विकास में बहुत सहयोग मिलेगा। इन्टरनेट से हम हर तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, इसके प्रयोग ने हर मुश्किल कार्य को सरल बना दिया है। प्रिंट मीडिया में समाचार-पत्र,पत्रिकाएँ आदि आते हैं। समाचार-पत्र ज्ञान बढ़ाने का सबसे अच्छा साधन है। संपूर्ण संसार में घटित होनेवाली घटनाओ को हम समाचार-पत्रों के द्वारा सरलता से जान लेते है। राष्ट्र के निर्माण व उन्नति में समाचार-पत्रों का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रमुख समाचार-पत्रों में हिन्दू,टाइम्स ऑफ़ इंडिया,दैनिक भास्कर आदि हैं। पत्रिकाओ में पुरुष, महिलाओ व बच्चों के लिए कई पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं। राजनीति,रोजगार,भविष्यफल आदि विषयों पर पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं। इस समय जब हम राष्र के नव निर्माण में लगे हुए हैं तो निरंतर कर्म करना ही हमारा मुख्य कर्तव्य है। हम तभी सच्चे भारतीय हो सकते हैं, जब हमारे आचार-विचार में हमारी संस्कृति दिखाई दे।

संकेत/निर्देश[संपादित करें]

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  1. https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%87_%E0%A4%9C%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%81_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%85%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%BE
  2. http://www.indyatour.com/india/culture/
  3. https://en.wikipedia.org/wiki/Culture_of_India