सदस्य:Samarth1612/प्रयोगपृष्ठ

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मेरा नाम समर्थ पदकी है। मैं बेंगलुरु, भारत में रहता हूँ। मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु मे बीकोम के पहले साल के अपने पहले सेमेस्टर मे हूँ। मैं अपने पृष्ठभूमि, ,रुचियों, उपलब्धियों और अपने लक्ष्यों से अपका परिचय करना चाहता हूँ।

पृष्ठभूमि[संपादित करें]

मेरा जन्म १६ दिसंबर १९९८ को हुआ था। मैं कर्नाटक में धारवाड़ नामक एक छोटे से शहर में पैदा हुआ था। मैंने अपने जीवन को विभिन्न शहरों में बिताया है। मैं ५ बरस के लिए रिबंदर, गोवा में रहता था। मैं दोहा, कतर मे ६ साल तक रहा हूँ। मैंने मैसूर में २ साल बिताए हैं। मैं ४ साल बेंगलुरु में रहा हूँ। यह बैंगलोर में मेरा पांचवें वर्ष है।

परिवार[संपादित करें]

मेरे पिता का नाम सुनील पदकी है। वह एक अभियन्ता है। मेरी माँ, गायत्री पदकी, एक गृहिणी है। मेरा एक छोटा भाई है। उसका नाम पार्थ है। वह १० साल का है।

शिक्षा[संपादित करें]

मैंने एमईएस इंडियन स्कूल, कतर में कक्षा १ से कक्षा ६ तक पढ़ा है। मैंने बीपी इंडियन पब्लिक स्कूल, मल्लेस्वरम  में कक्षा ७ से कक्षा १० का अध्ययन किया है। मैंने कौटिल्य विद्यालय, मैसूर में पहला और दूसरा पीयूसी का अध्ययन किया है।

रुचियाँ[संपादित करें]

मैं जीवन के हर पहलू के प्रति एक आशावादी रवैया रखता हूँ। मुझे उपन्यास पढ़ना पसन्द है। मेरे पसंदीदा लेखक अरुंधती रॉय, सलमान रुशदी और स्टीफन किंग हैं। मुझे लिखना भी पसन्द हैं। मैं लेख और लघु कथाएं लिखता हूँ। मुझे फुटबॉल, बैडमिंटन और शतरंज खेलना पसन्द है। मुझे फिल्में देखना बहुत पसंद है। मैं नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करना पसंद करता हूँ।

लक्ष्य[संपादित करें]

मैंने बीकॉम के साथ एक पेशेवर पाठ्यक्रम का अध्ययन करने का फैसला किया है।वह पेशेवर पाठ्यक्रम वित्तीय योजना है। मैं व्यक्तियों को अच्छी वित्तीय सलाह देकर उनकी मदद करना चाहता हूँ।

उपलब्धियों[संपादित करें]

मैंने अपने जीवन में कई लक्ष्यों को हासिल किया है, जो मैं आपके सामने नम्रता से पेश करना चाहता हूँ। मुझे मेरी उपलब्धियों से बहुत खुशी मिलती है। मैंने कई शतरंज प्रतियोगितओ में भाग लिया है और मुझे उनमें से एक में पहला स्थान मिला है। मुझे दूसरे प्रतियोगिताओ में दो बार दूसरा स्थान मिला है। मैंने कई वक्तृत्व कला के प्रतियोगिताओ में भाग लिया है और जीता भी हूँ। मैंने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 'प्रारम्भ' नामक प्रतियोगिता में भाग लिया था और उसमे प्रथम स्थान पाया था। मैंने 'प्रयास' नामक एक प्रतियोगिता आयोजित करने में मदद किया है।