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राय संग्रामदेव

राय संग्रामदेव[संपादित करें]

इतिहास[संपादित करें]

राय संग्रामदेव जम्मू कशमीर राज्य के राजा थे । उनकी इतिहास बहुत पुरानी है । इनका डयनेसटी का नाम डोगरा डयनेसटी था। इनका पहला राजय अगनीवारना ने शुरु किया था जो क्रिन्समन राजा के भाई थे । क्रिनसमन राजा आयोधिया के राज थे। इसके बाद वायुशरावा ने राज्य संभाला था । राय संग्राम देव कशमीर राज्य के राजा अपनी १३ पूवॆजो के बाद बनें। उन्होने अपना राज्य सन १०६१ से लेकर १०९५ तक संभाला था । राय जसदेव के बाद राय संग्राम देव सियासत पर राज्य करने लगे । और उनके राज्य के दौरान उन्होने कई सारे युद्दद किये और उनकी काफी सारे युद्दद मुसल्लमान राजो के साथ हुए हैं। उनकी राज्य के दौरान उन्होने कई सारे परिवॆतन लाये उन्होने लोगो की सहयता हमेशा की है। आलोचको का कहना हे कि वह अपने राज्य के लोगो को हमेशा खूश देकना चाहते थे। ओर वह बङे अच्छे राजा थे।वह लोगो का दुख़ दॆद अच्छी तरह से समझते थे ओर उनका समस्या को टीक भी कर देते। उनके देहांत के बाद राज्य का विकास घटने लगा । उनके देंहात के बाद राय जासासकार सियासत पर राज्य करने लगें। उन्होने भी राज्य को संभाला ओर रज्य फैलाने मे मदद किया पर संग्राम देव जैसे मजबूत नही था। ड़ोगरा राजाओ ने अपने राज्य के दौरान कई सारे यूद्दद मुसल्लमान राजो के साथ किया है क्यूकि ड़ोगरा राजाओ बहुत धनवान और शक्तिशाली राज्य था।

जन्म[संपादित करें]

जम्मू कशमीर के आकरी राजा महाराजा हरि सिंह  थे जिन्होने  १९२५ पर सियासत को राज्य किया । १९५२ को हरि सिंह को सियासत से निकाल दिया गया भारत सरकार की ओर से क्यूकि राजओ का शासन खत्म हो गया था और राजनिति का शासन आया। हरि सिंह ने कई स्कूल बनाये और जम्मू की प्रगरति मे योगदान किया। उसके बाद ड़ोगरा राज्य का परिवार राजनिती मे अपना कदम बढ़या ।

और राजनिती मे भी उन्होने लोगो का दिल जीत लिया । और अधिक वोटो से स्थान जित लिया । राय संग्राम देव अपने राज्य को बड़ने मे उनका बडा योगदान था। वह मानते थे कि एक राजा को लोगो कि सेवा करना उनका कतॆव्य है। ईसीलिए वह जम्मू कशमीर के महान राजा माने जाते हैं।

कार्य अौर जीवन[संपादित करें]

राय संग्रामदेव बड़े प्रभवशाली राजा थे। उन्होने कइ सारे जंग लड़े। वह गरीबो का दुख अपना मानते थे ओर उनकी सेवा मे लगे रह्ते थे ओर सच्चे राजा की तरह उनकी मदद करते थे। उनकी कइ सारे जंग मुसलमान राजो के साथ हुइ थी। उन्होने काफी सारे जंग जीते है अपनी जीवन शेली मे। वह बड़े आद्शवादी थे वह सभी को एकता मे रह् ने के लीए कहते थे और पुरे राज्य की एकता मे विशवास रखते थे। वह अपने राज्य का दुख दद समझते थे ओर उनकी मदद करने के लिए हमेशा हाजिर रहथे थे। उन्होने अपना सियासत सन १०६१ से लेकर १०९५ तक संभाला था ओर इस दौरान उन्होने कइ सारे बदलाव लेखर आए ओर राज्य की प्रतिषठा बङई। ओर लोगो का प्यार ओर आशीवाद से खुब सफलता पाया । मुगल राजो ओर कशमीर के राजो के साथ अकसर युध्द होता था । पर हमेशा जीत कशमीर के राजो की होथी थी ओर इसका पुरा शय राय संग्राम देव को जाता हे। क्योंकी उन्होने बड़ी मजबूत सेना को लाया ओर कइ सारे नए चीजो को लाया ओर राज्य की उन्नती बढ़ाया । राय संग्रमदेव के देहांत के बाद राज्य की प्रतिशठा को कुछ भी नुकसान नही हुआ ओर राज्य की सफलता आगे बद्ती गयी । इसके बाद राय जासासकार का राज्य आया ओर उन्होने भी सिहास्त को अछ्छा संभाला।


सन्दर्भ्[संपादित करें]

[1] [2]

  1. http://www.royalark.net/India/kashmir.htm
  2. https://www.myheritage.com/names/rai_dev