सदस्य:Preksha1998/प्रयोगपृष्ठ

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पिंक सिनेमा

परिचय[संपादित करें]

पिन्क मूवी अनिरुधा छौधरी द्वरा निर्देशित एक एसी छलचित्र हे जो दर्शको को सोचने पर मजबूर कर दे । यह फिल्म पुरुषवादि मानसिकता के खिलाफ एक बडा सन्देश देती है,जिसमे महिला और पुरुश को अलग -अलग पैमानो पर रखा जाता है । यह फिल्म बताती है कि कैसे कोइ पुरुश ताकतवर परिवार से होता है तो किस तरह से पिडीत महिला के लिये न्याय कि लडाई लडाना कठिन हो जाता है । मूवी समाज कि उस संकीर्ण सोच वाले लोगो पर सवाल उठति है । वे लोग जो स्त्री और पुरुषो मै भेद-भाव रखते है । यह फिल्म ३ जवान लडकियो पर आधरित है जिन्के छरित्र पर लन्छन लगया जाता है और वे कैसे अपने एक पदोसि के मदद से उससे उभरति है । फिल्म मै तापसी पन्नु ,क्रिति कुल्हारि और अन्द्रेया पिडीतो का किरेदार निभाते है । अमिताभ बच्च्न एक वकील रूप मै नज़र आते है।सभी कलकरो ने बहुत हि अच्छा काम किय है। फिल्म बहुत हि गम्भीर है अतेव इस मै नाच -गाने आदि नही है । इस मूवि ने हिंदी फिल्म जगत मै एक नया मुकाम हासिल किया है । १६ सेप्तेम्बेर को पर्दो पर लग्ने वली इस फिल्म ने कमाल कर दिया । यह छल्छित्र दर्शको खूब पसन्द आयी । आशा है कि बूल्य्वूद मै एसी सामाजिक फिल्मे बनती रहे ताकि लोगे के मान्सिक्ता मै बद्लाव आ सके ।[1]

कहानी[संपादित करें]

कहनि मै तीनो युवतियो के साथ एक रात एक रोक कोन्सेर्ट के बाद कुछ ऐसी घट्ना घटित होति है जिस से वे घबराकर अपने घर लौट जाति है ।यहि से कहानि एक नय मूद लेति है । राज वीर और उस्के दोस्त जिन्से वे रोक कोन्सेर्ट के बाद मिलति है वे उन्हे फोन कर के परेशान एवम धम्की देने लग्ते है।दीपक सैगल (अमिथाब बचन ) के आने से कहानी और भी रोमान्चक और दिल्छस्प होने लगती है। वे उन तीनो के पदोसि और एक काफि विख्यात लॉयर होते है। रितेश शह द्वरा लिखित यह कहानी काफि सनसनी और सोचने पर मजबूर कर ने वाली है ।

     कहानी कि स्क्रिप्ट पर अगर घोर फर्माये तोह पत चलेगा कि रितेश ने कोर्ट कछेरियो पर बहुत खोज किय है ।फिल्म मै अमिथाब बचन जी का एक अपना ही अलग और सुनहेरा अन्दाज है।वे अपने किरेदार को पूरी इमादारि से निभते है। ताप्सी पन्नु जो मीनल अरोरा के रूप मै नज़र आति है उन्होने भी कफी उम्दा काम किया है ।इन्के अलावा ऐन्द्रिया और क्रिति ने भी अपने अभिनय के लिए लोगो से शबाशि प्राप्त कि है । लेकिन यह फिल्म सिर्फ उन्हि लोगो को पसन्द आयेगी जिन्हे मुद्धो पर आधरित मोवीस पसन्द हो क्यो कि यह अन्य बोलिवूड चिनेमा कि तरह नाछ गानो से भरपूर नही है।

समाजिक संदेश[संपादित करें]

फिल्म काफि घम्बिर और सटिक है। बस यहि फिल्म कि कम्ज़ोर कडी है। लेकिन यह फिल्म सभी को देखनी चाहिये क्योकि सभ लोग खस कर के आज कल के युवक युवतिया इस कहानी को अपने निजि ज़िन्दगीयो से जोड सकेगे। वे इस कहानी को अछी तरह से मह्सूस कर सकेगे। आज की दुनिया फिल्मो से काफि प्रेरित होती है ,इसिलिये अगर उन्के सोच को बदलना हो तो पह्ले ह्मे फिल्मो को बदलना होगा । पिन्क जैसी फिल्म लोगो को उन्नति कि और ले जाति है ।

https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Amithabh_bachan_and_tapsee_pannu.jpg

  1. http://timesofindia.indiatimes.com/entertainment/hindi/movie-reviews/Pink/movie-review/54325066.cms