सदस्य:PranavPushkar1272/प्रयोगपृष्ठ/1

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बिहार का गौरव तथा भारत का दुसरा सबसे बड़ा नदी पुल है महात्मा गांधी सेतु पुल। यह पुल जिसे गांधी सेतु या गंगा सेतु भी कहा जाता है,गंगा नदी पर एक पुल है जो दक्षिण में पटना को बिहार के उत्तर में हाजीपुर से जोड़ता है। इस पुल की लंबाई 5,750 मीटर है।[1] इसका उद्घाटन मई 1982 को श्रीमती इन्दिरा गांधी द्वारा हाजीपुर में हुआ था। इसे बनाने में दस साल तथा 87.22 करोड़ रुपए लगे थे। इसे बिहार का एक मजबूत स्तंभ माना जाता है जो दो बड़े शहरों को जोड़ता है। इस पुल के बनाने से पहले, उत्तर बिहार जाने वाले लोगों को नाव या स्टीमर द्वारा गंगा को पार करना पड़ता था। दूसरे विकल्प रेल मार्ग लेना था जो बहुत लंबा था। लेकिन पटना में गांधी सेतु के उद्घाटन के साथ, यह दूरी और उत्तर बिहार की यात्रा का दर्द बहुत कम हो गया। इसका महत्व इस तथ्य से तय किया जा सकता है कि 40,000 से ज्यादा वाहन हर रोज इस पुल को पार करते हैं।[2] यह बिहार के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में से एक है। दुखद बात यह है कि पटना का गौरव अब अच्छी स्थिति में नहीं हैं। इसके कई स्तंभों में खराब रखरखाव के कारण दरारें विकसित हो रही ह‍‍ै। पुल पर निरंतर मरम्मत के कारण यहाँ पर हमेशा बहुत ही ट्रैफिक जाम होता है। क्योंकि यह पुल बिहार के दो प्रमुख शहरों को जोड़ने का एकमात्र रास्ता है,व्यापारी व्यवसाय जो इस परिवहन प्रणाली पर निर्भर हैं उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार के बहुत कोशिश के बाध भी यह संगम टूटता दिख रहा है। यह पूल न केवल बिहार का दिल है बल्कि भारत की गर्व भी है। हाल ही में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा सेतु की मरम्मत का कार्य शुरूवात करवाया और वादा किया कि वह पुल की खोई महिमा को वापस लाएगे। इस परियोजना का लगभग 1,742.01 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, यह एएफसीओएम इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा 42 महीने में पूरा हो जाएगा, जिसके साथ बिहार के सड़क निर्माण विभाग ने एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। उम्मीद है कि गंगा रेल-सह-रोड ब्रिज, जो कि निर्माणाधीन है, संचालन शुरू होता है, गांधी सेतु पर भार कम करेगी। गांधी सेतु पुल इंजीनियरिंग की बेहतरीन उपलब्धि है, और हर व्यक्ति को कम से कम एक बार, इस पर सवारी का आनंद लेने का प्रयास करना चाहिए। हम आशा करते हैं कि बिहार और भारत का यह महान गौरव मजबूत बना रहे।[3]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "कभी रहा बिहार की शान, अब दु:स्‍वप्‍न बना गांधी सेतु".
  2. "गांडी सेटू पूल की खोज".
  3. "बिहार का गौरव".