सदस्य:NivedRajeev/प्रयोगपृष्ठ

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मेरा नाम निवेद.आर.एस है। मेरा जन्म केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था। मेरे पसंदीदा विषय और काम का क्षेत्र गणित, संगीत और नृत्य हैं। संगीत का क्षेत्र में कर्णाटक संगीत ही मेरा प्रवृत्ति विषय हैं। मैं सैद्धांतिक विज्ञान का अध्ययन बेंगलुरु की  क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में  कर रहा हूं। मेरे अध्ययन के विषयों के बारे में मेरा दृष्टिकोण अनोखा और दिलचस्प हैं । मेरा जन्म एक संगीत परिवार मैं हुआ था और मेरे माता-पिता दोनों संगीतकार हैं।

परिवार[संपादित करें]

मेरा जन्म पुतियकाविल परिवार मैं हुआ था। मेरे माता पिता संगीतकार हैं। मेरे पिता का नाम राजीव और माँ का नाम सरिता हैं । मेरे पिता एक संगीत निर्देशक हैं और माँ एक गायिका हैं । मेरा जन्म एक संगीत परिवार मैं होने की कारण बचपन से ही मैं संगीत और नृत्य में रूचि दिखाना शुरू किया था । मेरे माता-पिता हमेशा से मेरी रुचियों को प्रोत्साहन करते रहे । मेरा केरल स्कूल कलोलसव मैं अनेक पुरस्कारों का हक़दार बनना और आकाशवाणी मैं ग्रेडेड कलाकार की पद में आना उन दोनों की कारण हैं । मेरी नानी का नाम सरोजम हैं और दादी का नाम शिवतंकम हैं । बचपन से लेकर आज तक मेरी देखपाल मेरी नानी और दादी ने मिलकर किये थे । इसलिए उन दोनों की प्रति भी मेरा प्यार मेरी माँ-बाप के प्रति मेरा प्यार की समान हैं । मेरे दादाजी और नानाजी बहुत सालों पहले ही चल बसे।

बचपन[संपादित करें]

मेरा बचपन बिलकुल ढीक ढाक और साधारण सा था। बचपन से ही मैं  एक अनुशासित व्यक्ति थी और मैं बिलकुल भी शरारती नहीं थी । साधारण तो था लेकिन मैं दूसरे बच्चों से बिलकुल अलग था ।मुझे खिलौने पसंद नहीं था। उस समय से लेकर मैं संगीत मैं बहुत रुचि दिखता था और इसलिए मेरे पापा मेरेलिए मशूर संगीतकारों के सीडी लेकर देते थे जिसे मैं पूरी तत्परता से सुनती थी ।बड़ा होते होते संगीत की प्रति रुचि भी बढ़ता रहा ।

शिक्षा[संपादित करें]

मेरी प्रथम गुरु मेरी माँ हैं ।उन्होंने ही मुझे लिखना और बोलना सिखाया ।मेरा विद्यारम्भ मेरे दादाजी ने किया था।पहली दो साल मैं शिशुविहार नामक एक छोटी विद्यालय में पढ़ा था ।तिरुवनंतपुरम में आने की कारण मेरी विद्यालय बदल दिया गया और मैं सेंट शांतल नामक विद्यालय मैं सांतवी कक्षा तक पढ़ा था  ।उसके बाद मेरी पढ़ाई क्राइस्ट नगर नामक एक मशूर विद्यालय मैं हुआ था जहाँ से 2017 को मैं शत प्रतिशत अंक से ग्रेजुएट हुआ ।संगीत में मेरा कोई गुरु नहीं हैं।मेरी मानस गुरु श्रीमती गायत्री हैं ।

संगीत और नृत्य[संपादित करें]

संगीत और नृत्य का मेरा जीवन में अद्वितीय भूमिका हैं ।माँ और बाप दोनों ही संगीतकार होने की कारन और खर में एक वीणा होने की कारन मैं हमेशा से ही उससे जुडी रहती थी ।उमृ की साथ संगीत की प्रति दुलार भी बढ़ती गई।१६ साल की उमृ से विविध मंचों में मैं अपनी कार्यक्रमों को पेस करना सुरु कर दिया ।केरल सर्कार की मीडिया पुरस्कार कार्यक्रम में तथा देशीय मांगो उत्सव में भी मेरे कार्यक्रमों की योजना की गई ।सिंगापुर की एस्पलेनैड थिएटर में मेरी  संगीत कार्यक्रम की संगढन का योजना चल रही हैं।

आल इंडिया रेडियो और फिल्मी संगीत  [संपादित करें]

2016 में मैं आकाशवाणी की देशीय पुरस्कार से सम्मानित हुई।उस समय से मैं मलयालम फिल्मी संगीत शाखा मैं सजीव प्रवर्तन कर रहा हूँ।मलयालम के सभी मशूर संगीत निर्देशकों के साथ मैंने काम किया हैं।मेरे मृदंगम विद्वान श्री उडुपी बालाकृष्णन हैं और खट्टम विद्वान श्री वि. राजेश।

भविष्य[संपादित करें]

मेरी सपना एक अध्यापक बनने का हैं ।हमेशा से ही दूसरों को विज्ञानं पढ़ाना मुझे अच्छा लगता था ।मुझे वाणिज्य और राज्य तंत्र पढ़ना भी हैं ।भविष्य में मुझे इस देश के प्रधान मंत्री बनना हैं।