सदस्य:Moolchand Khichar

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महिला आरक्षण राजस्थान में पंचायत राज में 50% कर दिया गया है पर हमारे देश कि संसद राज्यों की विधानसभाएं मैं आज भी आरक्षण लागू नहीं किया है यूपीए सरकार के समय कई बार महिला आरक्षण विधेयक लाया गया कोशिश की गई पर विधेयक पारित नहीं किया जा सका समय बदला अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं भारत का प्रधानमंत्री ऐसा जिनका आधी दुनिया से कोई सरोकार नहीं है और गृहस्थ जीवन की ऐसी बहुत सारी समस्याएं जिनके बारे में उन्हें किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है या तो संसद में जो महिलाएं अभी हैं वह जनता से और अपनी बिरादरी से जुड़ी हुई नहीं है उन्हें पता नहीं महिलाओं का दर्द क्या होता है इसलिए महिला आरक्षण जरूरी था 33% महिलाएं संसद में आएंगी तो वह अपने हक की बात जरूर रखेंगी अभी भारत में जीएसटी लागू होने जा रहा है जब विपक्ष में थे हमारे प्रधानमंत्री महोदय जीएसटी का पुरजोर विरोध करते थे आज उन्हें जीएसटी बहुत अच्छी लगती है पर महिलाओं के उन दिनों में काम आने वाली सेनेटरी पैड्स जीएसटी के दायरे में रखी गई मैं व्यक्तिगत रुप से सेनेटरी पैड्स को पीडीएस के माध्यम से वितरण का पक्षधर हूं मैं एक आम आदमी हूं पर घर परिवार से जुड़ा हुआ हूं मेरी मां अब नहीं है मेरी बहन मेरी पत्नी मेरी बेटी मेरे परिवार में है इसलिए मैं इसको अच्छी तरह से समझता हूं मेरा मानना है ऐसा अनभिज्ञ प्रधानमंत्री जिसको ऐसी चीजों के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है उसकी सलाहकार कोई महिला नहीं है इतने बड़े विषय को कोई चर्चा में नहीं ला रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है मैं मेरे सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से प्रधानमंत्री पूरी सरकार से मांग करता हूं कि सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी से बाहर रखा जाए इस पर किसी प्रकार का कोई टैक्स न रखा जाए बल्कि जिस राज्य में महिला मुख्यमंत्री हैं वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से जिनके राशन कार्ड में 10 साल से ऊपर और 50 साल से कम उम्र की लड़कियां महिलाओं को फ्री सेनेटरी पैड्स उपलब्ध करवाई जाए और इस आर्टिकल के माध्यम से मैं जनता से महिलाओं से पूरे देशवासियों से विनम्र अपील करता हूं कि ऐसे लोगों को जो ग्रह के जीवन से नहीं जुड़े हुए हैं गृहस्ती के बारे में नहीं जानते उनको ऐसे उच्च पदों पर नहीं बिठाना चाहिए यह हमारे लिए और लोकतंत्र के लिए घातक है इसलिए महिला आरक्षण जरूरी है ताकि महिलाएं अपनी बात रख सकें