सदस्य:Megha raghu/प्रयोगपृष्ठ

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शेक्सपियर

परिचय[संपादित करें]

मैकबेथ मैक फिंडले का जन्म १००५ मे ओर उनकी म्रत्यु १५ आगस्त १०५७ मे हुआ था।[1] उनका उपनाम री देरी "लाल राजा" ओर वह सकॉट के राज सन १०४० से थे। मैकबेयाट का अंग्रजिकरण करने के बात मैकबेथ नाम उतपन्न था।मैकबेयाट का अरथे है ' जिवन का पुत्र ' था । इस कहानी मे शेक्सपियर[2] ने यह दिखाया है कि अत्यंत लोब ओर सिंमहासन पाने की इच्छा के कारण ढृट इच्छा के कारण मैकबेथ एवं उनकी पत्नी अमानबीय पात्र बनकर रह जाते है। एक योगय ओर सही राजा को मारना भी दिखाय गया है जो एकबुरी प्रवृती है । अंत मे अपना सब कुछ गबाकर अपने आप को मोत के कारण समरपित करते है।

कहानी[संपादित करें]

इस कहानी मे मैकबथ नाम के एक बहादुर सकॉटिश जनरल को तीन जुडेलो से भविष्यवाणी मिलती है कि एक दिन वे सकॉटलैंड के राजा बनेगी। अपनी पत्नी के द्वरा चेरनकिये जाने पर एवं महत्वाकांश्रा के कारण वे राज डनकन को मार कर सकॉटिश सिहासन पर हक जताते है। इसके पश्चात उनहे आतमगलनी ओर पश्चाताप के कारण उने पागल पन का द्वैरा पडता है। शक ओर दुशमनी से आपने आप को बचाने खेलिए वे ओर लोगों को मरने पर मजपुर हो जाते है। इस तरह वे एक हत्याचारी राज का रुप दारण करते है। खुनखराबे ओर इसके बाद के गृह युद्ध के कारण मैकबेथ तद उनकी पत्नी पागल हो जाते है ओर उसके कारण अंत मे मर जाते है। शेक्सपियर को यह उपन्यास लिखने की प्रेरणा मैकबेथ, सकॉटलैंड के राज,मैकडफ,ओर डनकन के कहानी से मिली है जो " होलीनशणद का इतिहास " मे लिखी गयी थी । इस कहानी मे इंगलैंड, सकॉटलैंड, एंव आयरलैंड के इतिहास को दरशया गया है परन्तु यह कहानी शेक्सपियर के इस नाटक से भिनता रखती है। तियटर के इतिहास इस नाटक को श्रपित मान गया है ओर इसलिए " थि सकॉटिश प्ले " के नाम से पुकारते है। इस उपन्यास को लिखने का मुख्य कारण जनता को मनोरंजित करना था। एवं राजा जेम्स को खुश करना था। इस उपन्यास से यह नीति की शिक्षा मिलती है कि लोप मनुष्य के दिमाग को भ्रष्ट कर देती है। इस वजह से हमे अपने आप पर काभु नही मिलता ओर हम वो सब कुछ कर बेडते है जो हमें नही करना चाहिये। मैकबेथ वाकय ही शेक्सपियर की स्व्रश्रेष्ट रजनावों मे से एक है। मैकबेथ ठीक दिनांकित नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह आम तौर पर अन्य विहित त्रासदियों (किंग लियर, हेमलेट, और ओथेलो) के समकालीन रूप में दिनांकित है। मैकबेथ कुछ महत्वपूर्ण मायनों में शेक्सपियर की त्रासदियों के बीच एक विसंगति है। एक हजार से अधिक लाइनों ओथेलो और किंग लियर की तुलना में कम है। कम से कम अलेक्जेंडर पोप और सैमुअल जॉनसन के दिनों के बाद से, खेलने के विश्लेषण के मैकबेथ की महत्वाकांक्षा, आमतौर पर इतनी प्रबल एक विशेषता यह है कि यह चरित्र को परिभाषित करता है के रूप में देखा के सवाल पर केंद्रित है।

निष्कर्ष[संपादित करें]

मैकबेथ शेक्सपियर के सबसे जटिल नाटक नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से अपने सबसे शक्तिशाली और भावनात्मक रूप से लेख्न में से एक है। जबकि इस तरह के हेमलेट और ओथेलो के रूप में शेक्सपियर के अन्य प्रमुख त्रासदियों, नकचढ़ेपन बौद्धिक मुश्किलों उनके विषयों को पेश आ रही हैं और उनके विषयों के 'अक्षर के ठीक बारीकियों का पता लगाने, मैकबेथ अपने निष्कर्ष पर इसके उद्घाटन से पागलों की तरह tumbles। यह एक तेज, विषय और चरित्र की दांतेदार स्केच है; जैसे, यह हैरान और लगभग चार सौ साल के लिए दर्शकों को आकर्षित किया है।

  1. http://www.historic-uk.com/HistoryUK/HistoryofScotland/Duncan-MacBeth/
  2. http://shakespeare.mit.edu/