सदस्य:Kundan Ravindra Dhayade

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राजा सूरजमल की आगरे के किले की चाह ने माराठों और जाटो में अंतर कर दिया परिणाम स्वरूप अहमद शाह अब्दाली को पानीपत का युध्द अपने पक्ष में करने का अवसर मिल गया। अपनों के द्वारा किये जाने वाली दुष्टता के कारण मराठों की पानीपत में बुरी तरह हार हुई।