सदस्य:Kishnika D/प्रयोगपृष्ठ

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Kishnika D
विद्यर्थि
नाम किशनिका धवन
लिंग महिला
जन्म तिथि १५ नवम्बर २०००
जन्म स्थान पंचकुला
निवास स्थान हरियाणा
देश  भारत
नागरिकता भारतिय
जातियता पंजाबी
शिक्षा तथा पेशा
पेशा विद्यार्थि
शिक्षा क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
महाविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय भवन विद्यालय , पंचकूला
शौक, पसंद, और आस्था
शौक लिखना, गाना, पढ़ना
धर्म हिन्दु

प्राभिक जीवन[संपादित करें]

मेरा जनम १५ नवम्बर २००० को पंचकूला के धवन परिवार में हुआ था. मेरे पिता का नाम दीपक धवन और माता का नाम नीलम धवन है. मेरा पालन पोषण और पढाई बड़े ही विचित्र रूप से हरयाणा में पंजाबी ढंग से हुई. मेरा बचपन सामान रूप से, दोस्त, विद्यालय और विभिन्न रचनात्मक गतिविधिओ में बीता है। मेरी माँ के द्वारा मेरी भेंट हिंदी व अंग्रेजी साहित्य से बचपन में ही हो गयी थी. बचपन में आर्य समाज द्वारा प्रकाशित "बुद्धचरित्र" से मेरी भेंट हिंदी साहित्य से हुई जिसके बाद मैंने प्रेमचंद, धर्मवीर भारती, हरिशंकर प्रसाद और कृष्णा सोबती की कहानियों से मेरा परिचय हुआ. इसी तरह मेरा प्रारंभिक जीवन साहित्य और कला केंद्रित रहा.

शिक्षा[संपादित करें]

मेरी शिक्षा सैंट माइकल'स सेक्टर १६ पंचकूला से शुरू हुई जहा से मैंने प्ले-वे व नर्सरी की पढाई की. उसके बाद मैंने अपने जीवन के १४ साल भवन विद्यालय सेक्टर १५ पंचकूला में बिठाये जहाँ पर मैंने के. जी. से लेकर बारवी तक की शिक्षा प्राप्त करि. मैंने भवन विद्यालय से हयूमैनिटिज़ क्षेत्र में सीबीएसई बोर्ड्स में ९६.६% हासिल करे थे. इसके बाद मैंने बंगलौर की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में मीडिया स्टडीज के तीन साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला लिआ. यहाँ पर मुझे लगबघ १ साल हो गया है. यहाँ पर मेरे विषयो में हिंदी, कम्युनिकेशन एंड मीडिया, साइकोलॉजी और इंग्लिश लिटरेचर है. साथ ही मैंने दो सर्टिफिकेट रिसर्च और एनवायर्नमेंटल इकोनॉमिक्स में प्राप्त करें हैं.

परिवार[संपादित करें]

मेरे एकल परिवार में मेरे पिता, मेरी माता और एक बड़ी बेहेन है. मेरा परिवार पार्टीशन से पूर्व पंजाब अतः लाहौर के पंजाब से नाता रखता है. पार्टीशन के बाद मेरे माता-पिता के परिवार लखनऊ व दिल्ली में आके रहने लगे थे. अतः दादा जी की भी लखनऊ ट्रांसफर होने के बाद, मेरा संयुक्त परिवार लखनऊ में रहने लगा. उसके पश्चात, मेरे माता-पिता की शादी १९९४ में हुई. उन्हें उनकी पहली संतान १९९६ की जनवरी में मेरी बहन के स्वरुप में प्राप्त हुई. उसके कुछ ही समय बाद, पिता जी की चंडीगढ़ में नौकरी लग गयी और वे वहां रहने लगे. कुछ समय बाद मेरा परिवार पंचकूला में आकर बस गया. ये उस समय की बात है जब पंचकूला पूर्ण रूप से विकसित नहीं था. उसके बाद, २००० के नवम्बर में मै पैदा हुई.

रुचिया[संपादित करें]

मेरी रूचि लिखने, पढ़ने, बोलने व विकिपीडिआ के बेतरीब आर्टिकल पढ़ने में है. इसके अलावा मुझे कविताओं व साहित्य में अत्याधिक रूचि है. हालाँकि मीडिया मेरा विषय है पर मेरा पूर्ण रुचि मंडल मीडिया के इर्द गिर्द ही स्थापित है. मेरी रूचि समाज सेवा में भी है.

कुछ पसन्दिदा साहित्य, खलिल गिब्रन कि कलम से

मुझे उस ज्ञान से दूर रखो जो रोता न हो,
उस दर्शन से दूर रखो जो हँसता न हो
और उस माहन्ता से दूर रखो
जो बच्चो के सामने सर न झुकाते हो.

बोल राहा हु, अनुवादित, अन्मोल विचार।


लक्ष्य[संपादित करें]

मेरे जीवन का लक्ष्य एक कामयाब मीडिया पर्सन या पत्रकार बनने से पहले एक सज्जन व्यक्ति बनने का है. मई समाज के योगदान को अपनी सेवा से लौटाना चाहती हूँ.