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क्रिप्टोकरेंसी[संपादित करें]

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, इसके प्रकार व कैसे काम करता है की जानकारी:- आपने पैसो यानि करेंसी के कई रूप देखे होंगे, जैसे भारत मे रुपये, अमेरिका मे डाँलर, ब्रिटेन मे पौंड, यूरोप मे यूरो आदी। इस सभी करेंसी को आपने कागज के दुकडों के रूप मे देखा होगा, और इसे आप हाथ से छू सकते है, अपने जेब मे रख सकते है। आप दुनिया मे जहाँ भी जायें आपको वहाँ की करेंसी का इस्तेमाल करना होता है। ऐसे में आज डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी के चलते एक ऐसी डिजिटल करेंसी का दौर शुरु हो गया है, जिसे आप देख नहीं सकते हैं, छू नहीं सकते, किन्तु यह आज के समय में सबसे मूल्यवान करेंसी बन गई है। वह करेंसी है बिटकाँइन। यह एक विश्वयापी क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल भुगतान प्रणाली है।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार पूंजीकरण

[1] ऐसा कहा जा सकता है कि यदि इंटरनेट किसी जगह का नाम होता तो यह वहाँ की राष्ट्रीय करेंसी होती। इसके बारे मे जानकारी यहाँ दी जा रही है। पाँच साल पहले बिटकाँइन की कीमत छह रुपये थी। किन्तु आज इसकी कीमत लगभग पैंतालीस हजार [४५०००] रुपये है। भारत में २०१५ में एक बिटकाँइन की कीमत चौदा हज़ार [१४०००] रुपये थी। साल २०१६ में यह बढकर तीस हज़ार [३००००] रुपये हो गई और आज इसकी कीमत पैंतालीस हजार रुपये है। एक अनुमान के अनुसार अगले साल यह छाह लाख [६०००००] तक हो सकती है। इसे जनवरी वर्ष २००९ मे ओपन सोर्स साफ्टवेयर के रूप मे पहली बार सांतोशी नाकामोतो द्वारा जारी किया गया था। ये एक प्रोग्रामर है। इसके प्रोग्रामर के बारे मे कोई नहीं जानता है। अलग- अलग जगह पर अलग-अलग लोग अपने आपको सांतोशी नाकामोतो होने का दावा करते रहे है, लेकिन आज के समय मे कई ऐसे प्रोग्रामर के बारे मे पता नहीं चला है। आज का सामथर्यवान दुनिया मे ऐसे प्रोग्रामर होना ही चाहिए। सांतोशी नाकामोतो ने इस प्रोग्रामर को सुरक्षित एवं मजबूत बनाने मे लगे हुए है। इस प्रोग्रामर का मूल उद्देश्य है कि पैसा एक स्थान से दुसरे स्थान पर बिना किसी थर्ड पार्टी अथवा कोई केन्दीय अथाँरिटी की सहायता से जारी करना। विश्व भर मे इससे सम्बंधित साँफ्टवेर तैयार किये गये है। बाईस मई २०१० मे पहली बार एक पिज़्जा के बदले दस हज़ार बिटकाँईन की कीमत दी गई थी। उस समय एक बिटकाँइन की कीमत दस सेंड था, उससे भी कम थी, लेकिन आज इसकी कीमत हज़ार गुना बढ चुकी है। इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों द्वारा खरीदे जाने के कारण इसकी कीमत लगातार बढती ही जा रही है। तात्कालिक समय मे लगभग एक हज़ार क्रिपटोकरेंसी मौजूद है किन्तु से कुछ ऐसे है, जिसका उपयोग बहुत अधिक होता है। यहाँ पर महत्वपूर्ण क्रिप्टो करेंसी का वर्णन किया जा रहा है।

बिटकाँंइन


प्रकार[संपादित करें]

क्रिप्टो करेंसी के प्ररूप: १)ईथर और ईथरम- इसका प्रयोग इंटरनेट करेंसी के रूप मे किया जाता है। ईथर एक तरह का टोकन होता है। इसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेना-देना के लिए किया जाता है। २)लाइटकाँइन- इसका अविष्कार वर्ष २०११ मे हुआ था। यह भी नामित काँईन ही तरह ढिसेंट्र्लाइज्स टेकनिक की सहायता से कार्य करता है। इसकी सहायता से बिटकाँईन अधिक तेज़ कार्य होता है। ३)डैश- वर्ष २०१४ मे डैश क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार हुआ था। इसके आरम्ब मे इसे डार्क काईन के नाम से जाना जाता था। यह मास्टर नोट नामक नेटवर्क की सहायता से कार्य करता है। यह नेटवर्क बिटकाँईन से अधिक तेज़ और प्रभावशाली है। ४)जेड कैश- इसका प्रारंब अक्टूबर २०१६ मे हुआ था। यह इस क्षेत्र मे एक नयी की करेंसी है। इसका प्रयोग के दौरान सारे समाचार एन्क्रिप्ट हो जाता है, फिर भी इसका प्रयोग डब्ल स्पीड के लिए नही किया जा सकता है। मोनेरो- यहा भी एक विशेष तरह की क्रिप्टोकरेंसी है। इसके विशेष तरह की का सेक्यूरिटी प्रयोग किया जाता है। जिसका नाम रिंग सिग्नेचर होता है। यहा डार्क वेब ब्लैक मार्केट मे बहुत अधिक होता है। इसकी सहायता से स्मगलिंग् की जाती है। अत: इसके प्रयोग से कालाबाज़ारी आसान हो जाती है। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग मुख्य रूप से मौजूद बैंकिंग और सरकारी संस्थानों के बाहर किया जाता है, और इंटरनेट पर आदान -प्रदान किया जाता है। हालांकि ये विकल्प,विकेन्द्रीकृत मोड के विकास के शुरुआती दौर मे है, उनके पास मुद्रा और भुगतान के मौजूदा सिस्टम को चुतौनी देने की अनूठी क्षमता है। जून २०१७ तक क्रिप्टोकरेंसी की कुल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन १०० बिलियन अमेरिका डालर से अधिक है।

लाइटकाँंइन

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अवगुणों[संपादित करें]

कई बैंक क्रिप्टोकरेंसी के लिए सेवाएं प्रदान नहीं करते है और वर्चुअल-मुद्रा कंपनियों को सेवाएं देने से इनकार कर सकते है। कई माना जाता मानदंड है कि क्रिप्टोकरेंसी तक पहुंचने से पहल मुख्यधारा हो सकती है। उदाहरण के लिए क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने वाले व्यापारियों की संख्या कम है,लेकिन बढ रही है।बिटकाँईन जैसी क्रिप्टोकरेंसी मे तकनीकी उन्नति के साथ,विशिष्ट हार्डवेयर और साफ्टवेयर की आवश्यकता वाले खनिकों के लिए प्रवेश की लागत अधिक है। पारंपरिक वित्तीय उत्पादों मे मजबूत उपभोक्ता सुरक्षा है हालांकि,यदि बिटकाँइन खो गए या चोरी हुए,तो उपभोक्ता हानियों को सीमित करने की शक्ति के साथ कोई मध्यस्थ नहीं है।[3]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. https://www.investopedia.com/terms/c/cryptocurrency.asp
  2. https://www.cryptonairenews.com/what-are-different-types...
  3. https://www.blogbucket.org/what-is-crypto-currency