सदस्य:Johnrejil

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                                                                कोन्सतन्स नाडेन

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

योगदान[संपादित करें]

मौत[संपादित करें]

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

कोन्सतन्स नदेन एक अग्रजी कवियथ्रि थी। वि एक दर्शन कवियथ्री भी हे।वो एक  अच्चछे लेकक भी थी ।वो दर्शन के बरे मे बहुथ ही लिका था। विज्ञान के बरे मे भी लिका हे। उन्के म्रुथ्य ३१ उम्र मे हुआ इस स्म्य पर उन्का अनेक  का०य सघ्ह् अपने म्रुथ्य स्म्य प्रकशिथ किय था। उनके काम और प्रशम्सा के लिए उन्का एक प्रथिमा विश्वविद्यालय ओफ बर्मिंघम  पर स्थापना किया था। विल्लियम एवाटॆ ग्लढस्तन ने उस्का १९थ सेन्चुरी का एक प्रथम कवीता सम्झाया हुआ था ।जन्वरी २४ सन १८५८ बर्मिङ्हम पर उस्का जनम हुआ| उन्के माताजी का नाम कारोलीन आन वूडहील नाडेन और पिताजि थोमस नाडन| उस्का मा जब उस्के जन्म के दो सप्तह के बाद मर छुके थे और बाद मे वोह उस्के नाना नानी के साथ रेहने चलि गयि|<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/Constance_Naden<ref>

योगदान[संपादित करें]

उस्के पिताजि भि उस्के साथ चलेे गये| आठ साल मे वोह स्कुल चल्ने लगि और एक छित्रकार बन गयि| उन्का चित्र ने अनेक स्थल पर पदर्शन किया था .वो दर्शनाथम्क विश्य मे बहुत उथ्साह थी। विबीन बाशा ओर विग्नान मे भी बहुथ उथ्साह थी। वे स्न १८७९ मे बिर्म्हिङह्म अौ मिडलनड संस्थान मे फ्रेंच,वन्स्पथि विज्नया पढाई किया था। स्न १८८१ से १८८७ त्क मे वो मेस्न विज्नान कलेज मे ,रसय्न,शरिर क्रिया आदी विज्नान अौर भूगर्भशास्त्र पर पडाइ किया था।वह एक एकीकृत दर्शन है कि विकास के सिद्धांतों के माध्यम से ब्रह्मांड की व्याख्या करने की मांग की की हरबर्ट स्पेंसर के अवधारणा में दिलचस्पी थी। अपने काम में सामाजिक जीव १८६०, स्पेंसर रहने वाले एक जीव को समाज तुलना करता है और तर्क है कि, जैविक जीवों प्राकृतिक चयन के माध्यम से विकसित बस के रूप में, समाज विकसित और अनुरूप प्रक्रियाओं के माध्यम से जटिलता में बढ़ जाती है। नदेन्, इस के साथ सहमति के बाद से एकता का विषय हैलो-आदर्शवाद, जो भौतिकवाद और आदर्शवाद, कविता और विज्ञान, स्वयं और अन्य सामंजस्य करने के लिए करना चाहता है के लिए महत्वपूर्ण है।<ref>http://fwsablog.org.uk/2014/04/14/constance-naden-1858-1889-poet-and-philosopher-and-new-woman/<ref>

मौत[संपादित करें]

स्न १८८१ मे उस्का प्रथ्म कव्य प्रकशिथ किया था। उन्का कव्य ने बदल्ता हुआ रिथु के बरि मे था। उस्की कव्य डार्विन के सिधन्थ पर् बि था। उस्की मिथ्र के साथ अनेक देश च्ला था । वो भारत मे भी अया था ओर बरथिय स्माज ओर य्ह का म्हीले के स्माज के स्थान प्र बहुत वयाज थी।स्न १८८९ २३ देचेमेबर पर उन्का म्रुथ हुआ। मरन के बाद भी आगे उसका कव्य को स्म्र्न करता हे। महीलाओ का पुस्थक मे भि उस्का कव्य प्रसिद हे।<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/Constance_Naden<ref>